राजनाथ सिंह ने पीओके निवासियों से भारत में शामिल होने का आह्वान किया
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के रामबन विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के निवासियों से भारत में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने जोर दिया कि पीओके के निवासी हमारी अपनी जनता हैं, जबकि पाकिस्तान उन्हें विदेशी मानता है। यह बयान सिंह ने जम्मू और कश्मीर में धारा 370 के निरस्त होने के बाद सुरक्षा स्थिति में आए महत्वपूर्ण सुधारों को ध्यान में रखते हुए दिया।
सुरक्षा स्थिति में सुधार
धारा 370 के समाप्त होने के बाद, जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। सिंह ने कहा कि अब यहां के युवा पिस्तौल और रिवाल्वर के बजाय लैपटॉप और कंप्यूटर उठा रहे हैं। श्रीनगर में अब कोई गोली चलाने की हिम्मत नहीं कर रहा। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि राज्य में शांति और सुरक्षा की स्थिति में कितना सुधार हुआ है।
विकास के वादे
सिंह ने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आई, तो जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विकास के ये प्रयास पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के निवासियों को भारत में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगे। सिंह ने भाजपा की विकास को प्राथमिकता देने वाली नीति की सराहना की और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की आर्थिक प्रगति से जोड़ा।
राष्ट्रीय सम्मेलन और कांग्रेस पर आरोप
सिंह ने राष्ट्रीय सम्मेलन और कांग्रेस गठबंधन की आलोचना की, जिन्होंने धारा 370 को बहाल करने का वादा किया है। उन्होंने इसे असंभव ठहराया, खासकर जब तक भाजपा सत्ता में है। उन्होंने मतदाताओं से भाजपा का समर्थन करने का आग्रह किया ताकि राज्य में भारी विकास संभव हो सके।
अन्य प्रमुख मुद्दे
अपने भाषण में, सिंह ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की मेहनत, कुशलता और समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आई, तो जम्मू-कश्मीर देश का सबसे आधुनिक और नंबर एक राज्य बन जाएगा, ठीक उसी तरह जैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक विकास किया है। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार राकेश सिंह ठाकुर को मत देने की अपील की, जो राष्ट्रीय सम्मेलन के अर्जुन सिंह राजू और पार्टी से बगावत करने वाले सूरज सिंह परिहार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया कि पीओके एक विदेशी भूमि है, जिससे सिंह का बिंदु और भी मजबूत होता है।

अमित शाह की भी आई थी यात्रा
चुनावी रैली से एक दिन पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने पार्टी का घोषणापत्र जारी किया और एक रैली को संबोधित किया। यह चुनावी अभियान पिछले एक दशक के बाद हो रहे जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों का हिस्सा है।
राजनाथ सिंह और अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा का जोर यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग कुशल, मेहनती और समर्पित हैं और उनकी सरकार प्रदेश को आधुनिक और संपन्न राज्य में तब्दील कर देगी। उन्होंने जोर दिया कि भाजपा की विजय के साथ क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास का नया दौर शुरू होगा।
सितंबर 9, 2024 AT 18:25
JAYESH DHUMAK
राजनाथ सिंह जी का यह बयान जम्मू‑कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है।
पीओके के निवासियों को भारत में शामिल करने का आह्वान ऐतिहासिक बहस को नई दिशा प्रदान करता है।
धारा 370 के निरस्त होने के बाद सुरक्षा स्थिति में सुधार का उल्लेख कर यह संकेत मिलता है कि प्रशासन ने रणनीतिक बदलाव किए हैं।
विकास के वादे को लेकर बीजेपी की योजना को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिध्वनित करने का प्रयास किया गया है।
उक्त बयान में यह स्पष्ट किया गया है कि पीओके के लोग भारत के भीतर ही मूल नागरिक हैं, जबकि पाकिस्तान उन्हें विदेशी मानता है।
यह दृष्टिकोण दोनों राष्ट्रों के बीच अंतर-राष्ट्रीय संबंधों को फिर से परिभाषित कर सकता है।
जम्मू‑कश्मीर में युवा अब पिस्तौल की बजाय लैपटॉप उठाने लगे हैं, यह सामाजिक संरचना में बदलाव का प्रतीक है।
श्रीनगर में अब कोई गोली चलाने की हिम्मत नहीं कर रहा, जिससे शांति की स्थिति में सुधार स्पष्ट है।
यदि बीजेपी सत्ता में बनी रहती है तो बड़ा पैमाने पर विकास कार्यों को लागू किया जाएगा, ऐसा राजनाथ सिंह ने पुनः दोहराया।
विकास कार्यक्रमों में बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य का समावेश किया गया है, जिसे पीओके के निवासियों को भारत में स्वागत करने का माध्यम माना गया है।
राष्ट्रीय सम्मेलन और कांग्रेस गठबंधन की आलोचना को भी वह स्पष्ट रूप से व्यक्त कर रहे थे, जो धारा 370 को पुनः लागू करने का दावा करता है।
भाजपा के नेतृत्व में भारत का आर्थिक प्रगति ने इस आदर्श को साकार करने की संभावनाओं को बढ़ाया है।
आंदोलन के दौरान अमित शाह जी ने भी समान विचारधारा प्रकट की, जिससे पार्टी के एकजुटता को दर्शाया गया।
वर्तमान राजनीतिक सन्दर्भ में यह रैली न केवल स्थानीय जनता को प्रभावित करती है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी चर्चा का विषय बन गई है।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि इस प्रकार की सार्वजनिक अभिव्यक्तियों का समाज में गहरा प्रभाव पड़ता है, चाहे वह सकारात्मक हो या संभावित चुनौतियों के रूप में।
सितंबर 10, 2024 AT 13:52
Santosh Sharma
राजनाथ सिंह के इस कदम को देखते हुए हमें समझना चाहिए कि विकास और सुरक्षा दोनो को साथ लेकर ही स्थायी शांति संभव है।
पीओके के लोगों को भारत में शामिल करने की योजना न केवल राजनीतिक रणनीति है, बल्कि सामाजिक एकीकरण में भी मददगार हो सकती है।
भाजपा की विकास नीतियों का सचेतन समीक्षा करना आवश्यक है ताकि जनता के वास्तविक लाभ को सुनिश्चित किया जा सके।
सितंबर 11, 2024 AT 09:18
yatharth chandrakar
जम्मू‑कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में सुधार को लेकर कई सुझाव पेश किए जा रहे हैं, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि स्थानीय जनता की राय को पूरी तरह से शामिल किया जाए।
पीओके के निवासियों के अधिकारों पर विचार करते समय अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवीय पहलुओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
यदि विकास का भरोसा केवल पार्टी के वादों पर टिका है, तो यह दीर्घकालिक स्थिरता के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है।
सितंबर 12, 2024 AT 04:45
Vrushali Prabhu
वास्तव में देखते तो, ये सब बाते बहुत हद तक राजनैतिक इशारे ही लगती हैं।
PIOके वाले तो ऐसे ही दाँव पर बांध कर रखे हुए हैं।
विकास का वादा तो हर कोई करता है, पर असली फर्क देखना जरूरी है।
सितंबर 13, 2024 AT 00:12
parlan caem
भाजपा की हर घोषणा में वही बात दोहराई जाती है, बस बकवास ही बकवास।
सितंबर 13, 2024 AT 19:38
Mayur Karanjkar
समझदारी से सोचें।
सितंबर 14, 2024 AT 15:05
Sara Khan M
👍 बहुत ही दिलचस्प बात है!
सितंबर 15, 2024 AT 10:32
shubham ingale
यह बात है बेशक, लेकिन अब क्या करेंगे
सितंबर 16, 2024 AT 05:58
Ajay Ram
जम्मू‑कश्मीर की अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत को देखते हुए, विकास के उपायों को स्थानीय परम्परा और सामाजिक संरचना के साथ तालमेल में लाना अत्यावश्यक है।
ऐसे समय में जब सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार दिख रहा है, तो यह आवश्यक है कि इस प्रगति को निरंतरता प्रदान करने के लिए आर्थिक निवेश को भी समान रूप से बढ़ाया जाए।
पीओके के निवासियों को भारत में शामिल करने की पहल के पीछे न केवल राष्ट्रीय एकता की भावना निहित है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
विकास के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण, शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता सुधार, तथा स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में वृद्धि को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इसके साथ ही, स्थानीय युवा वर्ग को कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विशेष योजनाओं को लागू करना आवश्यक है।
ऐसे प्रयासों से न केवल आर्थिक वृद्धि होगी, बल्कि सामाजिक सांघर्ष को भी घटाया जा सकेगा।
भविष्य में यदि इन उपायों को सही दिशा में लागू किया गया, तो जम्मू‑कश्मीर राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल राज्य के रूप में उभर सकता है।
सितंबर 17, 2024 AT 01:25
Dr Nimit Shah
देखिए, विकास की खींचतान में अक्सर जनता की आवाज़ दब जाती है, परन्तु अगर सही दिशा में कदम रखे तो सबका भला हो सकता है।
सितंबर 17, 2024 AT 20:52
Ketan Shah
भाईसाहब, बात तो सही है, पर ये सब योजनाएँ जमीन पर उतारने के लिए ठोस कदम चाहिए।