हसन नसरल्लाह की मौत: हिजबुल्लाह के प्रमुख का जीवन और उनकी हत्या के पीछे की कहानी
हसन नसरल्लाह, लेबनान के मशहूर और प्रभावशाली नेता, जिन्होंने हिजबुल्लाह को तीन दशकों से भी अधिक समय तक नेतृत्व किया, शुक्रवार, 27 सितंबर 2024 को इस्राइली हवाई हमले में मारे गए। यह हमला हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ी हानि साबित हुआ, जो पहले से ही लगातार बढ़ते संघर्ष की मार झेल रहा है। इस्राइल के सेना प्रमुख हर्जी हालेवी ने इस लक्षित हत्या की पुष्टि की और इसे इस्राइल के सैन्य विकल्पों का अंत नहीं बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी इस्राइली नागरिकों को धमकी देगा, उसे इस प्रकार से पहुंचा जाएगा।
हिजबुल्लाह के नेतृत्व में नसरल्लाह का सफर
नसरल्लाह ने 30 से अधिक वर्षों तक हिजबुल्लाह का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व में संगठन न केवल लेबनान बल्कि पूरे मध्य पूर्व में एक प्रमुख शक्ति बन गया। नसरल्लाह की कूटनीति और ताकत ने हिजबुल्लाह को एक महत्वपूर्ण शक्ति बनाया, जो अपनी सामरिक क्षमताओं और सशस्त्र बलों के लिए विख्यात था।
इस्राइली हमले का उद्देश्य और योजना
इस्राइली सेना ने हिजबुल्लाह के विरुद्ध जारी हमलों को रोकने के उद्देश्य से इस हमले को अंजाम दिया। इस्राइली सेना प्रमुख हर्जी हालेवी के अनुसार, यह बड़ी सोच-समझकर अंजाम दिया गया ऑपरेशन था। सेना ने वास्तविक समय की जानकारी और वर्षों की परिश्रमपूर्ण निगरानी के आधार पर यह हमला किया। नसरल्लाह की मौत की पुष्टि विभिन्न प्रकार की खुफिया सूचनाओं के माध्यम से की गई। यह हमला हिजबुल्लाह की गतिविधियों को कमजोर करने और उत्तरी क्षेत्र में निवासियों को उनके घरों में वापस लौटने का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से था।
लेबनान में प्रतिकृया और प्रकट संकट
नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान के दक्षिणी उपनगर दहीयेह में भारी प्रतिक्रिया देखने को मिली। हिजबुल्लाह ने इस्राइल पर रॉकेट बमबारी का जवाब दिया, जिसके परिणामस्वरूप हजारों लोग अपने घरों से पलायन कर गए। लेबनानी राजधानी धुंए से घिरी हुई रही और हजारों लोगों ने रात बाहर बिताई। इस घटना का पूरे क्षेत्र में व्यापक असर हुआ है।
भविष्य की संभावना और संभावित असर
नसरल्लाह की मौत के बाद, विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि यह हिजबुल्लाह के लिए एक कठिन दौर हो सकता है, लेकिन साथ ही यह आशंका भी है कि संगठन के कम वरिष्ठ सदस्य अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए और शक्तिशाली हथियार उपयोग कर सकते हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने इसके जवाब में कहा कि हिजबुल्लाह के नेतृत्व में प्रतिरोध आंदोलन क्षेत्र की भाग्य का निर्णय करेगा। यह मौका लेबनान के लिए हिजबुल्लाह के प्रभाव को कमजोर करने के लिए एक खिड़की भी साबित हो सकता है।
दावों और प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण
इस्राइली हवाई हमले और हसन नसरल्लाह की मौत पर विभिन्न धड़ों और देशों की प्रतिक्रियाएं भी गंभीर चर्चा का विषय बन गई हैं। एक ओर जहां इस्राइली नेतृत्व ने इसे अपनी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है, वहीं दूसरी ओर हिजबुल्लाह और इसके सहयोगी देशों ने इसे आक्रमणकारी कार्रवाई करार दिया। इस घटना ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है, जिससे आगे की स्थिति और रणनीतियों पर सवाल उठते हैं।
इस घटना के पीछे के राजनीतिक और सामरिक मकसद को भी देखा जा सकता है। नसरल्लाह की मौत ने लेबनान और इस्राइल के बीच चल रहे विवाद को और गरम कर दिया है। ऐसे में आने वाले दिनों में किसी एक्सट्रेमिस्ट प्रतिक्रियाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
समापन और भविष्य की दृष्टि
हसन नसरल्लाह की मौत ने इतने सालों के संघर्ष और हिजबुल्लाह के विरुद्ध इस्राइली रणनीतियों के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत की है। यह देखने वाली बात होगी कि नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह और उनके समर्थकों की क्या प्रतिक्रिया होती है और क्षेत्र में यह घटना किस प्रकार की असंतुलन और संघर्ष को जन्म देती है। अगले कुछ सप्ताह और महीने इसराइल, हिजबुल्लाह और व्यापक मध्य पूर्वी क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे।