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मैच का सारांश

बेंगलुरू में आयोजित ICC महिला विश्व कप 2025 की तैयारी के तहत भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच एक वार्म‑अप खेल सामने आया। न्यूज़ीलैंड की कप्तान सोफ़ी डेविन ने टॉस जीतते ही पहले बैटिंग करने का विकल्प चुना। शुरुआती ओवरों में उन्होंने अपने पक्ष में कुछ रिदम बनायी, लेकिन रॉड्रा यवव्दी के हाथों में गेंदें नहीं बिना शरारत के पहुँचीं।

रॉड्रा यवव्दी ने अपने स्पिन द्वारा कुछ अहम मौके बनाये और तीन महत्वपूर्ण विकेट ले लीं। उनका पहला ओवर भी आश्चर्यजनक रहा, जब उन्होंने तुरंत ही दो बिस्कुट को तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने एक और बल्लेबाज को पकड़ा, जिससे न्यूज़ीलैंड की स्कोरिंग में रुकावट आई। टीम ने लगभग 110 रन बनाये, लेकिन पाँच विकेट गिरने के साथ उनका ग्राउंड लगभग स्थिर हो गया।

न्यूज़ीलैंड की तरफ़ से मैडी ग्रीन ने कुछ सीम ओवर हिट करके टीम को 109/5 तक पहुँचाया, पर उनके बाद के ओवरों में रन बनाने के मौके बहुत कम मिले। भारतीय गेंदबाज़ी, विशेषकर यवव्दी के स्पिन ने न्यूज़ीलैंड की बैटिंग लाइन‑अप पर लगातार दबाव बनाया, जिससे वो जल्दी‑जल्दी आउट हो गए।

बॉलिंग में भारतीय टीम ने मुकाबले में मनभावन बदलाव दिखाया, जबकि पिछली दो वीकेंड वनडे (WODI) में वे 750 से अधिक रन दे चुकी थीं। इस जीत ने भारतीय कोचिंग स्टाफ को आश्वस्त किया कि स्पिनर रॉड्रा यवव्दी और अन्य गेंदबाज़ों की फ़ॉर्म सही दिशा में है।

आगे की दिशा

आगे की दिशा

बेटिंग की बात करें तो भारत अभी भी एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। पिछले कुछ मैचों में शीर्ष बल्लेबाज़ों से बड़ी स्कोर नहीं निकल पाई, जिससे टीम के भीतर निरंतरता की कमी स्पष्ट दिख रही है। इस वार्म‑अप में भी भारतीय बल्लेबाज़ी ने निराशा नहीं झेलनी पड़ी; कुछ ही खिलाड़ी ही दो अंकों से अधिक बन सके। इस कारण कोचिंग स्टाफ ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में बैटिंग के विकल्पों को फिर से परखा जाएगा।

वर्ल्ड कप में जीती जाने वाली जगह पर पहुँचने के लिए टीम को अभी दो पहलुओं पर काम करना होगा: एक, गेंदबाज़ी को वर्तमान स्तर पर बनाए रखना और दो, बैटिंग में स्थिरता लाना। रॉड्रा यवव्दी की तरह अन्य स्पिनरों को भी उस ही दबाव को बनाये रखना होगा, ताकि न्यूज़ीलैंड जैसे टॉप टीमें आसानी से रन नहीं बना सकें।

न्यूज़ीलैंड की टीम के लिये भी यह मैच सीखने वाला रहा। उन्होंने देखा कि भारतीय स्पिनर कैसे टर्न और बिंदी का उपयोग कर रहे हैं। अगर वे अपनी बेटिंग में थोड़ा और धैर्य दिखा पाते, तो शायद स्कोरिंग रेट को बढ़ा सकते थे। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि दोनों टीमें वर्ल्ड कप के लिये अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रही हैं और इस तरह के वार्म‑अप मैच इन रणनीतियों को परखने का अच्छा मौका देते हैं।

  • रॉड्रा यवव्दी ने 3 विकेट लेकर भारतीय गेंदबाज़ी को नई दिशा दी।
  • मैडी ग्रीन ने 30+ रन बनाकर न्यूज़ीलैंड को कुछ टाल दिया, पर टीम का कुल स्कोर कम रहा।
  • भारतीय बैटिंग में निरंतरता की कमी अभी भी बड़ा सवाल है।
  • दोनों टीमें विश्व कप में टॉप पर पहुँचने की तैयारी में हैं, इसलिए इस तरह के वार्म‑अप मैच बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।

इसी आशा के साथ कि अगली मीटिंग में भारतीय बल्लेबाज़ी अपनी ताकत दिखाएगी, टीम अब प्रशिक्षण में पूरी मेहनत लगा रही है। वर्ल्ड कप की तेज़ रफ़्तार में भारतीय महिला टीम को अपने सभी इजाफ़ों को बराबर रखना होगा, तभी वे ट्रॉफी के लिए जंग जीत पाएँगी।

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