मनन चक्रवर्ती

लेखक

भारतीय उच्चायोग ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि अक्टूबर 2019 में एक आपातकालीन स्थिति के कारण थिमाराफुशी, मालदीव में एक भारतीय नौसेना हेलीकॉप्टर उतरा था। यह लैंडिंग मानक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए और एयर ट्रैफिक कंट्रोल से आवश्यक मंजूरी लेकर की गई थी।

यह प्रतिक्रिया मालदीव के एक सरकारी अधिकारी के उस सुझाव के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि यह लैंडिंग अनधिकृत थी। इस घटना की समीक्षा मालदीव संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा समिति द्वारा की गई थी।

भारत सरकार के बयान में जोर देकर कहा गया है कि मालदीव में भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म हमेशा मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स से उचित अधिकार लेकर संचालित हुए हैं और नवीनतम आरोप गलत हैं। यह विवाद पिछले साल मालदीव में एक चीन समर्थक राष्ट्रपति की नियुक्ति के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों के बीच सामने आया है।

हेलीकॉप्टर लैंडिंग की घटना

भारतीय उच्चायोग के अनुसार, अक्टूबर 2019 में एक आपात स्थिति में भारतीय नौसेना का एक हेलीकॉप्टर थिमाराफुशी, मालदीव में उतरा था। इस लैंडिंग के लिए सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था और एयर ट्रैफिक कंट्रोल से आवश्यक मंजूरी ली गई थी।

हालांकि, मालदीव के एक सरकारी अधिकारी ने इस लैंडिंग को अनधिकृत बताया था। इस घटना की जांच मालदीव संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा समिति द्वारा की गई थी।

भारत का रुख

भारत सरकार ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि मालदीव में तैनात भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म हमेशा से ही मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स से उचित अनुमति लेकर संचालित हुए हैं। भारतीय उच्चायोग ने मालदीव अधिकारी के आरोपों को गलत बताया है।

भारतीय पक्ष का कहना है कि आपातकालीन स्थिति में किसी भी देश का विमान दूसरे देश में उतर सकता है। ऐसे में मानक प्रक्रियाओं का पालन करना और संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेना जरूरी होता है, जो इस मामले में किया गया था।

मालदीव के साथ संबंध

गौरतलब है कि पिछले साल मालदीव में चीन समर्थक इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है। मालदीव लंबे समय से भारत का करीबी सहयोगी रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में चीन के साथ उसके संबंध मजबूत हुए हैं।

कई विश्लेषकों का मानना है कि मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत सतर्क है। ऐसे में मालदीव द्वारा भारतीय हेलीकॉप्टर की लैंडिंग पर सवाल उठाना दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।

हालांकि, भारत ने इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है और मालदीव के आरोपों को खारिज कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में दोनों देश इस मुद्दे पर बातचीत कर सकते हैं और अपने रिश्तों को सामान्य बनाने की कोशिश करेंगे।

निष्कर्ष

भारत और मालदीव के बीच हेलीकॉप्टर लैंडिंग को लेकर उत्पन्न विवाद दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में बढ़ते तनाव को दर्शाता है। हालांकि, भारत ने इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है और आरोपों को खारिज कर दिया है।

भारत और मालदीव के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध रहे हैं और दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में सहयोग किया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि दोनों देश इस मुद्दे पर बातचीत कर अपने रिश्तों को सामान्य बनाने की कोशिश करेंगे और भविष्य में ऐसे विवादों से बचने का प्रयास करेंगे।

साथ ही, यह भी जरूरी है कि दोनों देश एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें और किसी भी तरह के विवाद को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने का प्रयास करें। ऐसा करने से न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता भी बनी रहेगी।

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