मनन चक्रवर्ती

लेखक

इजरायल द्वारा लेबनान पर हवाई हमले: 500 मौतें, 1600 से अधिक घायल

23 सितंबर, 2024 की तारीख ने एक और दुखद अध्याय लिखा, जब इजरायल ने लेबनान पर हवाई हमलों की एक श्रृंखला चलाई। इन हमलों में 500 लोगों की मौत हो गई और 1600 से अधिक लोग घायल हुए। यह हवाई हमले उस समय हुए जब क्षेत्र में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी। घटनाओं ने न केवल लेबनान बल्कि पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया है।

हवाई हमलों की पृष्ठभूमि

इस हवाई हमले का ठोस कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन यह निश्चित है कि क्षेत्रीय तनाव इसके पीछे की मुख्य वजह हो सकती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि राजनीतिक अस्थिरता और क्षेत्रीय विवादों ने इस तरह की परिस्थिति को जन्म दिया है। इजरायल और लेबनान के बीच की यह लड़ी अब एक बड़े सैन्य संघर्ष में बदलती दिखाई दे रही है, जिसमें निर्दोष नागरिक इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं।

मानवाधिकारों का उल्लंघन

इन हमलों ने एक बार फिर मानवाधिकारों के उल्लंघन के सवाल को भी उठाया है। मानवाधिकार संगठनों और वकीलों ने जोरदार तरीके से 10,000 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग की है, जिन्हें इजरायल द्वारा बिना किसी स्पष्ट कारण के हिरासत में लिया गया है। इस मुद्दे ने भी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर गहन चर्चा उत्पन्न की है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इन हवाई हमलों की निंदा की है और एकजुट होकर इस समस्या के समाधान की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इजरायल और लेबनान से संयम बरतने की अपील की है। अनेक देशों ने मानवता को ध्यान में रखते हुए इन हमलों की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि यह युद्ध अपराध के बराबर है।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू का दौरा

इसी बीच, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का न्यूयॉर्क सिटी का दौरा भी चर्चा का विषय बना हुआ है। उनके आने के खिलाफ व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन की योजनाएं बनाई जा रही हैं। न्यूयॉर्क में नेतन्याहू के इस दौरे को लेकर प्रदर्शनकारी तैयारियों में जुटे हैं, जो कि इन हवाई हमलों से जुड़े हुए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग

इस संकट के मामले को देखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने तुरंत कार्रवाई की मांग की है। लोगों का मानना है कि अगर इसे जल्द ही नहीं रोका गया, तो यह संकट और भी गंभीर हो सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि दोनों देशों के बीच संवाद स्थापित किया जाए और लंबित मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश की जाए।

इस प्रकार, इजरायल द्वारा लेबनान पर किए गए हवाई हमलों ने एक बार फिर से मध्य पूर्व में शांति की संभावना को प्रभावित किया है। जब तक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एकजुट होकर इस संकट पर ध्यान नहीं देता, तब तक निर्दोष जीवन की हानि और क्षेत्रीय अस्थिरता जारी रहेगी। क्षेत्रीय संघर्षों के भूलभुलैया में, हमें यह न भूलना चाहिए कि अंततः इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है।

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