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John David 17 टिप्पणि

महत्वपूर्ण कदम

महाराष्ट्र में 76,220 करोड़ रुपये का वाधावन पोर्ट प्रोजेक्ट जो भारत की सबसे बड़ी पोर्ट परियोजनाओं में से एक है, को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दी है। इस पोर्ट का निर्माण वाधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (VPPL) द्वारा किया जाएगा। VPPL एक विशेष प्रयोजन वाहन है, जो जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (MMB) द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है। JNPA का हिस्सेदारी 74 प्रतिशत है जबकि MMB का 26 प्रतिशत।

परियोजना के लाभ

यह पोर्ट परियोजना आने वाले भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) के लिए एक गेटवे के रूप में काम करेगी। यह परियोजना एक ऑल-वेदर ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट मेजर पोर्ट के रूप में विकसित की जाएगी।

समावेशी वित्त पोषण

इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा 38,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जबकि बाकी राशि निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों से मांगी जाएगी जो नौ टर्मिनलों के लिए बिड्स जीतेंगे। इन्वेस्टमेंट का प्रमुख भाग कोर इन्फ्रास्ट्रक्चर, टर्मिनल्स और अन्य कमर्शियल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में लगाया जाएगा जो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड में विकसित किया जाएगा।

संयुक्त प्रयास

संयुक्त प्रयास

कैबिनेट ने पोर्ट और राष्ट्रीय हाईवे के बीच सड़क कनेक्टिविटी की स्थापना के लिए परिवहन और हाईवे के मंत्रालय को मंजूरी दी है, साथ ही मौजूदा रेल नेटवर्क और आगामी डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर के लिए रेल लिंक की स्थापना के लिए रेल मंत्रालय की भी मंजूरी दी है।

चुनौतियों और सुधार

इस परियोजना को पर्यावरणीय चिंताओं के कारण देरी का सामना करना पड़ा है और केंद्र ने स्थानीय समुदायों की चिंताओं को दूर करने के लिए पहल की योजना बनाई है।

ऑफशोर विंड पावर परियोजनाएं

ऑफशोर विंड पावर परियोजनाएं

इसके अलावा, कैबिनेट ने 7,453 करोड़ रुपये की अधिकार्यता अंतराल वित्त योजना (VGF) को मंजूरी दी है, जो देश की पहली ऑफशोर विंड पावर परियोजनाओं की योजना है। इस योजना के तहत 6,853 करोड़ रुपये का बजट 1 गीगावॉट (Gw) ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स की स्थापना के लिए और 600 करोड़ रुपये के दो पोर्ट्स के अपग्रेडेशन के लिए रखा गया है। इन पोर्ट्स का समर्थन पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जाएगा ताकि ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स की लॉजिस्टिक्स आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

भारत की बढ़ती ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स जरूरतों को पूरा करने के लिए वाधावन पोर्ट प्रोजेक्ट का योगदान असाधारण हो सकता है। यह न केवल राष्ट्रीय स्तर पर लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण होगा, जिससे भारत की व्यापार क्षमताओं में वृद्धि होगी और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी मजबूती मिलेगी। यह परियोजना आने वाले समय में एक बड़ा आर्थिक और रणनीतिक लाभ प्रदान करेगी।

टिप्पणि

  • Joseph Prakash

    जून 20, 2024 AT 21:14

    Joseph Prakash

    वाधावन पोर्ट का बजट बड़ा है लेकिन निजी निवेश कितना आएगा अभी साफ नहीं है 😊

  • Arun 3D Creators

    जून 30, 2024 AT 17:27

    Arun 3D Creators

    ऐसे बड़े प्रोजेक्ट को देख कर लगता है जैसे राष्ट्र का भविष्य एक नई राह पर कदम रख रहा है

  • RAVINDRA HARBALA

    जुलाई 10, 2024 AT 13:40

    RAVINDRA HARBALA

    वास्तव में इस पोर्ट की लागत अनुमान बहुत हद तक उच्च है और PPP मॉडल की वास्तविक लाभदायकता अभी तक सिद्ध नहीं हुई है

  • Vipul Kumar

    जुलाई 20, 2024 AT 09:54

    Vipul Kumar

    निवेश की भागीदारी स्पष्ट होनी चाहिए ताकि स्थानीय व्यवसायों को भी इस विकास में शामिल किया जा सके
    यह सहयोगी पहल क्षेत्रीय आर्थिक उन्नति को तेज़ करेगी

  • Priyanka Ambardar

    जुलाई 30, 2024 AT 06:07

    Priyanka Ambardar

    देश के हित में ऐसे एक दीगर प्रोजेक्ट को तेज़ी से आगे बढ़ाना चाहिए 💪

  • sujaya selalu jaya

    अगस्त 9, 2024 AT 02:20

    sujaya selalu jaya

    पर्यावरणीय चिंताओं को भी ध्यान में रखना आवश्यक है

  • Ranveer Tyagi

    अगस्त 18, 2024 AT 22:34

    Ranveer Tyagi

    भाईयों!!! PPP मॉडल में निजी कंपनियों को लकीर नहीं उलटनी चाहिए!!! पारदर्शिता और ठोस अनुबंध जरूरी हैं!!!

  • Tejas Srivastava

    अगस्त 28, 2024 AT 18:47

    Tejas Srivastava

    क्या बात है!! वधवन पोर्ट हमारे सपनों का पोर्ट बन रहा है!! रोज़गार, लॉजिस्टिक्स, सब कुछ एक साथ!!

  • JAYESH DHUMAK

    सितंबर 7, 2024 AT 15:00

    JAYESH DHUMAK

    वाधावन पोर्ट का प्रोजेक्ट भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को नई दिशा देने का महत्त्वपूर्ण अवसर है। यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय कॉरिडोर द्वारा तय किए जाने वाले व्यापार मार्गों को सुदृढ़ करेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से देखे तो नौ टर्मिनलों की योजना निवेशकों को आकर्षित करेगी। PPP मॉडल के तहत निजी भागीदारी से लागत वितरण अधिक प्रभावी होगा। साथ ही, स्थानीय समुदायों के पुनर्स्थापन और रोजगार सृजन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद कार्यान्वयन चरण तेज़ी से शुरू करना आवश्यक है। इस पोर्ट की डिज़ाइन में ग्रीनफील्ड और ऑल-वेदर तकनीक को शामिल किया गया है। इससे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति लचीलापन बढ़ेगा। राष्ट्रीय हाईवे और रेल लाइनों से कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। इस प्रकार, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और ट्रांसपोर्ट समय में सुधार होगा। औद्योगिक पार्क और विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना से निर्यात-आयात में वृद्धि की संभावना है। सरकारी निवेश के साथ निजी पूँजी की भागीदारी जोखिम को साझा करेगी। इस परियोजना के माध्यम से किनारा इन्फ्रास्ट्रक्चर में आधुनिक तकनीक का उपयोग होगा। इससे भारत की वैश्विक हथिया में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। अंत में, इस पोर्ट द्वारा उत्पन्न आर्थिक प्रभाव कई दशकों तक सतत रहेगा।

  • Santosh Sharma

    सितंबर 17, 2024 AT 11:14

    Santosh Sharma

    यह पहल भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्षमता को नए आयाम देती है, हमें इस पर गर्व होना चाहिए

  • yatharth chandrakar

    सितंबर 27, 2024 AT 07:27

    yatharth chandrakar

    एक बार प्रगति के बाद सतत निगरानी क्रमशः उचित होगी

  • Vrushali Prabhu

    अक्तूबर 7, 2024 AT 03:40

    Vrushali Prabhu

    वधवन पोर्ट का किकऑफ देखनें कू बड़ॆ मज़ा आयॆगा, सबको काथिन होईगा न गडबड नहीं!!

  • parlan caem

    अक्तूबर 16, 2024 AT 23:54

    parlan caem

    इतनी ड्रमबॉल बकवास से कोई फायदा नहीं, असली काम देखो ना

  • Mayur Karanjkar

    अक्तूबर 26, 2024 AT 20:07

    Mayur Karanjkar

    इंफ्रास्ट्रक्चर मोड्यूल में हाइब्रिड इंटेग्रेशन आवश्यक है

  • Sara Khan M

    नवंबर 5, 2024 AT 16:20

    Sara Khan M

    इसे तुरंत लागू करो 🚀

  • shubham ingale

    नवंबर 15, 2024 AT 12:34

    shubham ingale

    चलो मिलकर इस प्रोजेक्ट को सफल बनाते हैं 😊

  • Ajay Ram

    नवंबर 23, 2024 AT 21:14

    Ajay Ram

    वाधावन पोर्ट की सफलता के लिए सभी हितधारकों को एकजुट रहना जरूरी है
    स्थानीय समुदायों को भी विकास प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करना चाहिए
    पर्यावरणीय प्रभावों को न्यूनतम रखने के उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए
    सरकारी नीतियों में निरंतरता और स्पष्टता होना आवश्यक है
    इस तरह ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति सुदृढ़ होगी

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