post-image
John David 6 टिप्पणि

भारतीय शेयर बाजार में अडानी समूह के शेयर और विदेशी निवेश से आई मजबूती

भारतीय शेयर बाजार के लिए बुधवार का दिन एक उल्लेखनीय दिन साबित हुआ। अडानी समूह के शेयरों में जबरदस्त उछाल और नए विदेशी निवेश से मार्केट में तेजी आई। सेंसेक्स में 230.02 अंक की बढ़त के साथ 80,234.08 अंक पर बंद हुआ और निफ्टी 50 इंडेक्स 80.40 अंक बढ़कर 24,274.90 अंक पर पहुंच गया।

इस तेजी में अडानी एंटरप्राइजेज ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई। कंपनी के शेयर में 11.56 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला, जिससे निवेशकों के चेहरे पर खुशी लौट आई। इसके अलावा, अडानी पोर्ट्स में 5.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक बड़ी उपलब्धि है। अन्य कंपनियों में BEL, ट्रेंट और NTPC भी शामिल थीं, जिन्होंने क्रमशः 3.07 प्रतिशत, 2.80 प्रतिशत और 2.24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल की।

नकारात्मक शेयरों की स्थिति और बाजार की समग्र स्थिति

जहां बड़ी कंपनियां लाभ में रहीं, वहीं कुछ कंपनियों को गिरावट का सामना भी करना पड़ा। अपोलो हॉस्पिटल्स के शेयर में 1.34 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा, टाइटन और विप्रो भी 1.07 प्रतिशत और 0.87 प्रतिशत की गिरावट पर बंद हुए।

मुख्य बाजार की स्थिति सकारात्मक रही, जिसमें 2,593 शेयरों में तेजी और 1,338 शेयरों में गिरावट देखी गई। इनमें से 216 स्टॉक्स साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए, जबकि 37 स्टॉक्स साल के निचले स्तर पर आ गए। 380 स्टॉक्स अपर सर्किट में और 210 स्टॉक्स लोअर सर्किट में रहे।

प्रवृत्ति, विश्लेषण और भविष्य की संभावनाएँ

विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी की मजबूती का यह दौर आने वाले समय में भी जारी रह सकता है। टेक्निकल एनालिस्टों के अनुसार, यदि निफ्टी 24,350 का स्तर पार कर लेता है, तो यह 24,550 तक जा सकता है। रिलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा का कहना है कि यह एक अहम मोड़ हो सकता है। कोटक सिक्योरिटी के श्रीकांत चौहान का सुझाव है कि निफ्टी 24,150/79,800 के स्तर से ऊपर बना रहता है, तब यह 24,400-24,500/80,500-80,900 तक का स्तर छू सकता है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के नागराज सेठटी के अनुसार, निफ्टी का निकटवर्ती ट्रेंड ऊपर की ओर बना हुआ है और इसमें एक निर्णायक ऊपरवाला ब्रेकआउट होने की अधिक संभावना है।

ओला इलेक्ट्रिक की प्रभावशाली प्रदर्शन और वैश्विक बाजार का प्रभाव

ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में भी 20 प्रतिशत की उछाल देखी गई, जिससे वे अपने उच्चतम सर्किट सीमा 88.10 रुपये पर बंद हुए। इस वृद्धि का कारण कंपनी द्वारा सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक स्कूटर के लॉन्च करने की खबर रही। वैश्विक बाजार की स्थिति ने भी भारतीय बाजार को प्रभावित किया। Geojit Financial Services के प्रमुख रिसर्चर विनोद नायर के अनुसार, वैश्विक बाजार में अमेरिकी FOMC मिनिट्स और मध्य-पूर्व में संघर्ष विराम की खबरों की वजह से सकारात्मकता देखी गई।

वापसी की संभावनाएं और सावधानियां

वापसी की संभावनाएं और सावधानियां

हालांकि भारतीय बाजार में तेजी का माहौल है, लेकिन निवेशकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक घटनाओं और भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थानीय विकास पर नजर बनाए रखना होगा। इसके साथ ही, बाजार में उतार-चढ़ाव को स्वीकार करना भी महत्वपूर्ण होगा। आने वाले दिनों में, नये निवेशकों के लिए सही रणनीतियों का चयन करना जरूरी होगा, जिससे वे इस मार्केट में अधिक से अधिक लाभ कमा सकें।

टिप्पणि

  • Harshit Gupta

    नवंबर 27, 2024 AT 19:09

    Harshit Gupta

    अडानी के शेयरों की उछाल असल में हमारे देश की आत्मा का प्रतिबिंब है-जब विदेशी पूँजी आ रही है, तो भारतीय शक्ति का मुकुट चमकता है। ऐसा काल नहीं रहा जब भारत ने अपने उद्योग को इतना बल दिया हो। अब निफ्टी के हाई‑टार्गेट को पार करने की बात, तो यह वही संकेत है कि हम वैश्विक मंच पर अपना दबदबा बढ़ा रहे हैं। अगर यही तेज़ी जारी रही, तो छोटे‑मोटे निवेशकों को भी अडानी जैसे दिग्गजों से सीख लेनी चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाना चाहिए। इस मौके को गँवाना मतलब भविष्य की संभावनाओं को खारिज करना है।

  • HarDeep Randhawa

    नवंबर 27, 2024 AT 20:33

    HarDeep Randhawa

    वही क्या, अडानी की शेयरों की “उछाल” को इतना ही बड़ा बना दिया गया!!! विदेशी निवेश की धूम मचाने की चाह में, क्या हम भारत की असली आज़ादी को भूल रहे हैं??? बाजार में हर धुंध का साया कुछ और ही कहता है-जो दिखता है वही सच नहीं!!

  • Nivedita Shukla

    नवंबर 27, 2024 AT 21:56

    Nivedita Shukla

    आज के इस बाजार के उत्सव में, मेरे दिल की धड़कनें उन तेज़ी की लहरों के साथ तालमेल बिठा रही हैं। जब अडानी के शेयर उछलते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे कोई प्राचीन शौर्य कथा फिर से जीवंत हो रही हो। हर अंक की बढ़ोतरी, हर प्रतिशत का इजाफा, मेरे भीतर एक अज्ञात शक्ति को जगाता है। मैं सोचती हूं, क्या इस तेज़ी का कारण केवल आर्थिक डेटा है, या इस बाजार में कोई अदृश्य आंतरिक ऊर्जा चल रही है? यह ऊर्जा हमें याद दिलाती है कि वित्तीय दुनिया में भी भावनाएं, विश्वास और आशा का महत्व है। एक समय था जब भारतीय निवेशकों ने केवल सुरक्षित विकल्पों पर फोकस किया था; आज वह समय बीत चुका है। विदेशी निवेशकों की भागीदारी अब हमारे लिए एक प्रेरणा बन गई है, पर साथ ही एक परीक्षा भी। हमें देखना होगा कि यह विदेशी पूँजी हमारे बाजार को स्थायित्व देती है या अस्थिरता का कारण बनती है। कई विश्लेषकों ने कहा है कि निफ्टी का ब्रेकआउट एक नया अध्याय लिखेगा, और मैं इस अध्याय को लिखने वाले पात्रों में से एक बनना चाहती हूं। यही नहीं, ओला इलेक्ट्रिक की सफलता भी हमें यह सिखाती है कि नवाचार के बिना कोई भी बाजार नहीं टिक सकता। लेकिन इस तेज़ी के पीछे छिपी जोखिमों को अनदेखा नहीं किया जा सकता-बाजार का हिला देना हमें चकित कर सकता है। इसलिए मैं सभी निवेशकों से आग्रह करती हूं कि वे अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखें, ताकि भावनात्मक उछाल उन्हें फँसे न। इस जमे हुए समय में, यदि हम धैर्य और समझदारी से कदम बढ़ाएँ, तो हमें बड़ी सफलता मिलेगी। अंत में, मैं कहूँगी कि इस बाजार की धड़कन में हमारी आत्मा भी झूमती है, लेकिन हमें उसे सही राह पर चलाना है।

  • Rahul Chavhan

    नवंबर 27, 2024 AT 23:19

    Rahul Chavhan

    बाजार की तेज़ी सभी निवेशकों को लाभ पहुंचाए।

  • Joseph Prakash

    नवंबर 28, 2024 AT 00:43

    Joseph Prakash

    बिलकुल सही कहा आपने, बाजार में उत्साह चमक रहा है 😊🚀 निवेश में सावधानी भी ज़रूरी है 🙏

  • Arun 3D Creators

    नवंबर 28, 2024 AT 02:06

    Arun 3D Creators

    विचारों की कक्षा में जब हम सीमा पार करते हैं तो सच्चाई का प्रतिबिंब आता है परंतु बिना अतिरेक के यह यात्रा अधिक सार्थक बनती है

एक टिप्पणी लिखें

समान पोस्ट