मनन चक्रवर्ती

लेखक

पेथॉन्गटार्न शिनवात्रा की उपलब्धि

थाईलैंड के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय तब जोड़ा गया जब पेथॉन्गटार्न शिनवात्रा ने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाला। महज 37 साल की उम्र में, पेथॉन्गटार्न देश की सबसे युवा और दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं। इससे पहले यह पद उनकी चाची यिंगलुक शिनवात्रा ने संभाला था। यह भी उल्लेखनीय है कि पेथॉन्गटार्न का परिवार थाई राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभा चुका है, उनके पिता थाकसिन शिनवात्रा भी प्रधानमंत्री रह चुके हैं।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

पेथॉन्गटार्न का राजनीतिक सफर 2021 में शुरू हुआ, जब उन्होंने फ्यू थाई पार्टी का हिस्सा बनने का निर्णय लिया। 2023 के चुनावों में उनकी पार्टी ने दूसरा स्थान हासिल किया, लेकिन फिर भी वे गठबंधन सरकार बनाने में सफल रहीं। चुनाव में विजेता पार्टी मूव फॉरवर्ड पार्टी को सैन्य-नियुक्त सीनेट द्वारा रोका गया, जिससे फ्यू थाई पार्टी के लिए रास्ता खुल गया।

परिवार का विवादास्पद इतिहास

पेथॉन्गटार्न के पिता थाकसिन शिनवात्रा एक विवादास्पद राजनीति व्यक्तित्व रहे हैं। 2006 में वह तख्तापलट से हटाए गए थे और उन्हें 15 साल का निर्वासन झेलना पड़ा था। पिछले अगस्त में उनकी थाईलैंड वापसी ने फिर से विवादों को जन्म दिया। इसके बावजूद, पेथॉन्गटार्न ने राजनीतिक क्षेत्र में अपनी जगह बनाई और अपने पिता के अनुभव का लाभ उठाने का वादा किया।

नीतियों का वादा

अपने पहले भाषण में, पेथॉन्गटार्न ने जनता के फायदे के लिए कई प्रमुख वादे किए हैं: बैंकॉक में सार्वजनिक परिवहन के किराए में कटौती, स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता में वृद्धि, और न्यूनतम दैनिक मजदूरी को दोगुना करना। इन नीतियों के माध्यम से, उन्होंने देश को आगे बढ़ाने और अपने पार्टी के मिशन को कायम रखने का संकल्प व्यक्त किया है।

चुनौतियों का सामना

हालांकि, पेथॉन्गटार्न को कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। थाईलैंड की राजनीति में चल रहे संघर्ष और अस्थिरता के बीच, उन्हें सत्तारूढ़ प्रजा-समर्थक सैन्य प्रतिष्ठान और जनसांक्षिक गुटों के बीच के तनाव को संभालना होगा। इसके अलावा, उन्हें अपने अल्प प्रशासनिक अनुभव के बावजूद खुद को एक प्रभावी नेता के रूप में साबित करना होगा।

राजनीतिक वातावरण

राजनीतिक वातावरण

ताजातरीन राजनीतिक घटनाओं के मद्देनजर, थाईलैंड का राजनीतिक वातावरण बहुत ही अधिक तनावपूर्ण बना हुआ है। मूव फॉरवर्ड पार्टी के विघटन और नए विपक्षी दल, पीपल्स पार्टी के गठन ने स्थिति को और भी पेचीदा बना दिया है। पेथॉन्गटार्न की नियुक्ति थाई राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि यह उनके परिवार का चौथा सदस्य है जिसने प्रधानमंत्री का पद संभाला है।

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