मनन चक्रवर्ती

लेखक

मुंबई में भारी बारिश से जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

रविवार को मुंबई में भारी बारिश के कारण शहर की जीवनधारा लगभग ठप हो गई। शहर के कई हिस्सों में 100-190 मिमी तक बारिश दर्ज की गई, जिसने जलभराव, सड़कों के बंद होने, यातायात और उड़ानों के मार्ग बदलने जैसी समस्याओं को जन्म दिया। विशेष रूप से, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई, ठाणे और पालघर जिलों को अगले तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट पर रखा है, जबकि रायगढ़ जिले को ऑरेंज अलर्ट (भारी से बहुत भारी बारिश) पर रखा गया है।

भारी बारिश के कारण जलभराव

रविवार को हुई भारी बारिश के चलते शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया, जिससे वाहनों का आना-जाना मुश्किल हो गया। जलभराव के कारण कई महत्वपूर्ण सड़कों को बंद करना पड़ा। इस स्थिति को संभालने के लिए नगर निगम और संबंधित विभागों की टीमें अपनी पूरी शक्ति से काम कर रही हैं। मुंबई हवाई अड्डे पर शनिवार को दो बार ऑपरेशनों को स्थगित करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप 36 उड़ानों को रद्द कर दिया गया और 15 उड़ानों को दूसरे गंतव्य, खासतौर से अहमदाबाद, की ओर मोड़ दिया गया।

नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

शहर के कई हिस्सों में स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए तुरंत कार्रवाइयां कीं। जलभराव वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त मानव संसाधन के साथ राहत कार्य शुरू किए गए। बारिश के कारण पेड़ों और शाखाओं के गिरने से पांच जगहों पर समस्याएं उत्पन्न हुईं, जिनमें से दो जगहें पूर्वी उपनगरों में और 12 जगहें पश्चिमी उपनगरों में थीं। दीवार गिरने की घटनाएं भी आठ जगहों से सामने आईं, जिसमें एक पूर्वी उपनगर और छह पश्चिमी उपनगर शामिल हैं। बिजली के शॉर्ट सर्किट की छह घटनाएं भी दर्ज की गईं, जिनमें चार शहर से और दो पश्चिमी उपनगरों से थीं।

लैंडस्लाइड और अन्य घटनाएं

घाटकोपर के चिम्बल रोड स्थित काजोलकर सोसायटी में एक मामूली भूस्खलन की घटना हुई, जिसमें एक मकान पर पत्थर गिरे थे, जिसे तुरंत खाली करवा लिया गया। नवी मुंबई में कई पिकनिक मनाने वाले लोग मशहूर झरनों के पास फंसे थे, जिन्हें पुलिस, नागरिक अधिकारियों और दमकल विभाग के कर्मचारियों ने सफलतापूर्वक बचाया।

भारी बारिश का मुख्य कारण

इस भारी बारिश का मुख्य कारण पांच अलग-अलग मौसम प्रणालियों का एकत्र होना था, जिसमें मानसून ट्रफ, ऑफ-शोर ट्रफ, पूर्वोत्तर अरब सागर के पास चक्रवाती परिसंचरण, आंतरिक ओडिशा और छत्तीसगढ़ के पास चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र और एक शियर जोन शामिल हैं। इन प्रणालियों के संयोजन ने मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में इस भारी वर्षा की स्थिति उत्पन्न की।

शहर के आवश्यक सेवा विभाग निरंतर तौर पर सक्रिय हैं और हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या मुंबई के लिए एक बड़ी चुनौती है। अतः, प्रशासन की कोशिश है कि जितनी जल्दी हो सके, परिस्थितियों को सामान्य किया जा सके।

आईएमडी की चेतावनी और नागरिकों के लिए निर्देश

आईएमडी की चेतावनी और नागरिकों के लिए निर्देश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मुंबई, ठाणे और पालघर जिलों के लिए अगले तीन दिनों तक येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि रायगढ़ जिले में 22 और 23 जुलाई को भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी द्वारा येलो अलर्ट का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सावधान करना और उन्हें सतर्क रहना है। वहीं, ऑरेंज अलर्ट भारी वर्षा की संभावनाओं और उसके खतरे को भी इंगित करता है।

सभी नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की भविष्यवाणी पर ध्यान दें, बेवजह घरों से बाहर न निकलें और आपातकालीन स्थिति में प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। पानी से भरे क्षेत्रों से बचने की सलाह दी गई है और पुलों तथा समुद्र तटों पर जाने से मना किया गया है।

स्थिति पर प्रशासन की नजर

उल्लेखनीय है कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मुंबई नगर निगम ने एक विशेष आपातकालीन बेस बनाया है, जहां से राहत कार्यों का संचालन किया जा रहा है।

यह भी जानकारी मिली है कि जल निकासी नालों की सफाई की जा रही है ताकि पानी के निकास में कोई अवरोध न आए। इसके अलावा, उन जगहों पर जल निकासी के लिए अस्थायी पंपों की व्यवस्था की गई है जहां पानी रुकने की संभावना अधिक है।

मुंबई में जलभराव की समस्या नई नहीं है, लेकिन प्रशासन के प्रयासों से अद्यतित टेक्नोलॉजी और साधनों का उपयोग कर जलभराव को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

शहर की जनता से अपील

शहर की जनता से अपील

प्रशासन ने शहर की जनता से अपील की है कि वे आवश्यकता पड़ने पर ही घरों से बाहर निकलें।मुंबईवासियों को जागरूक और सतर्क रहना आवश्यक है, ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके। महाराष्ट्र राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर जनसहयोग से इस समस्या से निपटने की तैयारी की है।

अंत में, स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

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