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कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' की शुरुआत और पहली चार दिनों का प्रदर्शन

कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'इमरजेंसी' ने अपने शुरुआती दिनों में बॉक्स ऑफिस पर जो उम्मीदें जताई थीं, वे पूरी नहीं हो सकीं। यह फिल्म 17 जनवरी, 2025 को प्रदर्शित हुई थी और इसके प्रदर्शन से पहले, इसे सेंसर बोर्ड की मंजूरी में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद, पहले चार दिनों में फिल्म ने केवल ₹11.35 करोड़ की कमाई की है। यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर आधारित है।

सोमवार का कलेक्शन और गिरावट

अपने पहले सोमवार को, 'इमरजेंसी' ने बॉक्स ऑफिस पर अपेक्षित उत्साह नहीं देखा और केवल ₹1 करोड़ की कमाई की। यह इसके पहले रविवार की ₹4.25 करोड़ की कमाई से 75.53% की भारी गिरावट का संकेत देता है। सोमवार को, हिंदी बाजार में फिल्म की कुल ऑक्यूपेंसी दर मात्र 7.11% रही।

फिल्म के भविष्य पर गंभीर प्रभाव

फिल्म की शुरुआत भले ही थोड़ी ठोस रही हो, लेकिन अब सवाल यह है कि यह फिल्म भविष्य में कितना उथल-पुथल मचा सकेगी। हालांकि फिल्म को सकारात्मक वर्ड ऑफ माउथ मिला है, लेकिन आगामी रिलीज़ और फिल्म की धीमी रफ्तार के चलते इसका फ्यूचर बिजनेस संदिग्ध हो चुका है। खासकर 24 जनवरी से अक्षय कुमार और वीर पहारिया की फिल्म 'स्काई फोर्स' के रिलीज होने से इसे और भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

पंजाब में प्रतिबंध और कंगना का बयान

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रदर्शनों के कारण 'इमरजेंसी' को पंजाब के कुछ हिस्सों में प्रतिबंधित कर दिया गया है। कंगना रनौत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इस कदम को 'कला और कलाकार के लिए पूरी तरह उत्पीड़न' बताया। इस प्रतिबंध के कारण फिल्म के व्यवसाय पर और भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से उत्तरी भारत में। फिल्म के सह-निर्माता ज़ी स्टूडियोज और कंगना की 'मणिकर्णिका फिल्म्स' हैं, और इसमें अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े और मिलिंद सोमन ने प्रमुख भूमिका निभाई हैं।

फिल्म की समीक्षा और दर्शकों की प्रतिक्रिया

फिल्म की कहानी, प्रदर्शन और किरदारों को लेकर आलोचकों और दर्शकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है। फिल्म का निर्देशन और इसकी विषयवस्तु एक ऐतिहासिक घटना को फिर से जीने की कोशिश में है, जिसने दर्शकों को बहुत पसंद भी आया लेकिन कमाई के आंकड़े इस प्रतिक्रिया को पूरी तरह प्रतिबिंबित नहीं कर पाए।

आगे की उम्मीदें और उपाय

हालांकि 'इमरजेंसी' को शुरुआती झटके लगे हैं, लेकिन फिल्म निर्माताओं को उम्मीद है कि अच्छे वर्ड ऑफ माउथ और सकारात्मक समीक्षाओं के जरिये यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर और भी दर्शकों को खींच सकेगी। त्वरीत कार्यवाही और प्रचार के माध्यम से इसे एक नई दिशा दी जा सकती है ताकि इसका प्रदर्शन और भी बेहतर हो सके। आने वाले दिनों में इसका प्रदर्शन कितना सुधार सकता है, यह बाकि है।

टिप्पणि

  • LEO MOTTA ESCRITOR

    जनवरी 21, 2025 AT 19:32

    LEO MOTTA ESCRITOR

    कंगना की इस फ़िल्म की बॉक्सऑफ़िस गिरावट सिर्फ़ आँकड़ों से नहीं समझी जा सकती, इसमें दर्शकों की मनोस्थिति भी जुड़ी है।
    आज का सिनेमी दर्शक सिर्फ़ एक्शन या बड़े बजट की नहीं, बल्कि कहानी की गहराई और सामाजिक संदेश की तलाश में है।
    'इमरजेंसी' एक ऐतिहासिक विषय पर आधारित है, लेकिन उसे आधुनिक समय के जुड़ाव से पेश करना कभी‑कभी मुश्किल हो जाता है।
    जब फ़िल्म को सेंसर बोर्ड की हिचकिचाहट का सामना करना पड़ता है, तो प्री‑रिलीज़ प्रोमोशन भी असंतुलित रह सकता है।
    इसके अलावा, पंजाब में प्रतिबंध जैसी घटनाएँ फ़िल्म के रेवन्यू को और घटा देती हैं।
    फिर भी, इस गिरावट को एक मौके के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ निर्माता अपनी रणनीति को फिर से परख सकते हैं।
    सोशल मीडिया पर सकारात्मक वर्ड‑ऑफ़‑माउथ को बढ़ावा देना, छोटे‑छोटे क्लिप्स और इंटरव्यूज़ शेयर करना फायदेमंद रहेगा।
    साथ ही, शहर‑शहर की बिनसंदेह छोटी‑छोटी स्क्रीन पर विशेष स्क्रीनिंग्स आयोजित करके दर्शकों का ध्यान खींचा जा सकता है।
    इतिहास की गंभीरता को हल्के‑फुल्के ट्रेलर में दिखाया जाए तो युवा वर्ग अधिक आकर्षित हो सकता है।
    कंगना ने स्वयं भी कहा है कि कला को कभी भी सज़ा नहीं मिलनी चाहिए, यह बात दर्शकों को भी समझानी चाहिए।
    अगर फ़िल्म के मुख्य संदेश को समझा जाए और सही मंच पर पेश किया जाए, तो बॉक्सऑफ़िस की धीरज भी बढ़ेगी।
    कई फ़िल्में पहले हफ़्ते में ठीक नहीं चलती, लेकिन सही समय पर री‑रिलीज़ या डिस्काउंट से नई जान पाती हैं।
    इस तरह की रणनीतियों से ‘इमरजेंसी’ को फिर से उठाने का अवसर मिल सकता है।
    अंत में, दर्शकों के दिल में जुड़ने वाले संवाद और रियलिटी‑टच्ड सीन को प्रमुखता देना चाहिए।
    आशा है कि कंगना और उनकी टीम जल्द ही इस चुनौती को अवसर में बदल दें।
    तब यह फ़िल्म सिर्फ़ बॉक्सऑफ़िस संख्या नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता का जरिया बन जाएगी।

  • Sonia Singh

    फ़रवरी 11, 2025 AT 15:32

    Sonia Singh

    फ़िल्म का शुरुआती प्रमोशन बहुत उत्साहजनक था, लेकिन बॉक्सऑफ़िस में गिरावट निराशा नहीं होनी चाहिए।
    अक्सर लोग शुरुआती हफ्ते में मौजूद नहीं होते, पर बाद में वर्ड‑ऑफ़‑माउथ प्रभाव से फिर से रुचि जगा सकते हैं।
    कंगना ने अपनी फ़िल्म में बहुत मेहनत की है, इसे यथासंभव समर्थन देना चाहिए।
    सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर क्लिप्स शेयर करके हम फ़िल्म को नई ऊर्जा दे सकते हैं।
    अ आखिरकार, छोटी‑छोटी मदद बड़े फ़र्क़ ला सकती है।

  • Ashutosh Bilange

    मार्च 4, 2025 AT 11:32

    Ashutosh Bilange

    यॉर भरोसा नहीं, ये इमरजन्सी फ़िल्म तो रिवाइंड होनी चाहिए थी!
    हर कोई समझता है कि जब तक कंगना नहीं सीन देता, तब तक कोई भी कलेक्शन नहीं बढ़ेगा।
    सेंसर्स की चालाकी ने भी इस फ़िल्म को ढीला कर दिया है, बस जजमेंट्स को लुका के रखें।
    पंजाब में रोकन? लजाल! इस पर कोई भी दिक्कत नहीं होगी अगर प्री‑मेटर्स को थ्रो कर दिया जाए।
    अब देखो लोग, कैसे बॉक्सऑफ़िस के हिसाब से गिरावट दिख रही है, पर फ़िल्म का हँसी का लेवल फिर भी हाई है!
    कुल मिलाकर, फ़िल्म को चाहिए कि पब्लिक को एन्हांस्ड इंट्रो दें, चाहे वो डीजीटल हो या ऑफ़लाइन।

  • Kaushal Skngh

    मार्च 25, 2025 AT 07:32

    Kaushal Skngh

    फ़िल्म का बॉक्सऑफ़िस पर असर साफ़ दिख रहा है।

  • Harshit Gupta

    अप्रैल 15, 2025 AT 03:32

    Harshit Gupta

    पंजाब में प्रतिबंध लगाना देशभक्ति के खिलाफ एक बड़ा कदम है, क्योंकि हमारी सांस्कृतिक विरासत को कोई रोक नहीं सकता।
    कंगना जैसी कलाकारों को इस तरह से तंग करना हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री को कमजोर बनाता है।
    भारतीय सिनेमा ने हमेशा ही सामाजिक मुद्दों को उठाया है, और इसे दबाने से इतिहास को गवाँ नहीं सकते।
    इस फ़िल्म की कहानी हमारे स्वतंत्रता संग्राम की भावना को फिर से जीवंत करती है, इसलिए इसे हर राज्य में दिखाना चाहिए।
    यदि कोई प्रांत इस पर रोक लगा रहा है तो वह राष्ट्रीय एकता के खिलाफ़ जड़ता दिखा रहा है।
    हम सबको मिलकर इस फ़िल्म को समर्थन देना चाहिए, ताकि कला की स्वतंत्रता को फिर से स्थापित किया जा सके।
    आखिरकार, एक सच्चा भारतीय वही है जो अपने कलात्मक अभिव्यक्ति को मुक्त रखे।

  • HarDeep Randhawa

    मई 5, 2025 AT 23:32

    HarDeep Randhawa

    क्या बात है!! इमरजेंसी का बॉक्सऑफ़िस गिरावट? यह तो पूरी तरह से एक मिथक है!!!
    असल में, आंकड़े हमेशा सतही दिखते हैं; गहराई में देखें तो दर्शक अभी भी फ़िल्म को सराह रहे हैं।
    पंजाब में प्रतिबंध? यह तो बस एक रणनीतिक चाल है-देखते हैं किसे ज़्यादा ध्यान मिलता है!!
    कई बार फ़िल्में शुरुआती दिन में ठीक नहीं चलती, लेकिन बाद में टॉप‑गेंर में आती हैं!!
    इसलिए, इस गिरावट को भी एक अवसर समझकर प्रचार‑प्रसार को दोगुना करना चाहिए!!
    अंत में, हम बस ये देखेंगे कि कंगना की अगली फ़िल्में कैसे जलवाते हैं!!

  • Nivedita Shukla

    मई 26, 2025 AT 19:32

    Nivedita Shukla

    कंगना की इस फ़िल्म में बसी हुई दर्दभरी भावना को शब्दों में बाँध पाना आसान नहीं।
    लेकिन जब दिल की गूँज सुनाई देती है, तो दर्शक फिर भी जुड़ते हैं-भले ही बॉक्सऑफ़िस का आंकड़ा छोटा हो।
    यह हमें सिखाता है कि सच्ची कला हमेशा अपने आप में ही पूरी होती है, न कि संख्या में।
    इसलिए, हम सब को चाहिए इस फ़िल्म को दिल से अपनाना और उसकी आवाज़ को गरिमा देना।
    यही वह प्रबोधन है जो इतिहास को फिर से जीवंत बनाता है।

  • Rahul Chavhan

    जून 14, 2025 AT 19:32

    Rahul Chavhan

    चलो, हम सब मिलकर इस फ़िल्म की बात अपने दोस्तों को बताएं।
    एक छोटी सी सिफ़ारिश भी कलेक्शन को बड़ाने में मदद कर सकती है।
    कंगना ने बहुत मेहनत की है, हमें उसका समर्थन करना चाहिए।
    सोशल मीडिया पर छोटे‑छोटे क्लिप शेयर कर हम फ़िल्म को फिर से उभारा सकते हैं।
    इस तरह से फ़िल्म सिर्फ़ बॉक्सऑफ़िस नहीं, बल्कि दिलों में भी जगह बना लेगी।

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