अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर
अमेरिकी राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक, 5 नवंबर 2024 को, देश के वोटर्स 47वें राष्ट्रपति का चुनाव कर रहे हैं। इस बार की दौड़ खासतौर पर रोमांचक है क्योंकि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस आमने-सामने हैं। दोनों नेताओं ने अंतिम चुनाव प्रचारों में कोई कसर नहीं छोड़ी और देश के विभिन्न हिस्सों में जोरदार चुनावी रैलियाँ की हैं।
इस बार के चुनाव में शुरुआती मतदान का महत्व बढ़ गया है। 82 मिलियन से अधिक लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है, दर्शाता है कि लोग अपने मताधिकार को लेकर कितने जागरूक हैं। चुनाव के दिन भी पूरे अमेरिका में भारी तादाद में वोटर अपने मत डालने के लिए पोलिंग बूथ पर पहुंचे हैं।
स्विंग स्टेट्स की भूमिका
चुनाव परिणाम तक पहुँचना कठिन हो सकता है, क्योंकि पेन्सिलवेनिया, फ्लोरिडा और विस्कॉन्सिन जैसे महत्वपूर्ण स्विंग राज्यों में कड़ा मुकाबला चल रहा है। डेटा वैज्ञानिक और चुनाव विशेषज्ञ इन राज्यों को निर्णायक मानते हैं कि यह व्हाइट हाउस की कुर्सी का परिणाम निर्धारित करेंगे।
जीतने के लिए दोनों उम्मीदवारों को 538 में से 270 इलेक्टोरल वोट्स की आवश्यकता है। इन्हीं राज्यों में चुनौतियाँ सबसे ज्यादा हैं और यहीं पर उम्मीदवारों ने अपनी ताकत झोंक दी है। हैरिस ने जहाँ एक ओर भविष्य के बारे में आशावादी विचार पेश करने का प्रयास किया है, वहीं ट्रंप ने अपने विरोधी पर लगातार कटाक्ष किया है।
चुनावी अभियान की विशेषताएँ
कमला हैरिस ने अपने अभियान में प्रमुख मुद्दों को उठाया है, जिनमें आर्थिक चिंताओं को द्विदलीय सहयोग से निपटने के वादे शामिल हैं। वह प्रमुखता से कहती हैं कि वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीति को जारी रखते हुए अधूरी प्राथमिकताओं को पूरा करेंगी। दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप ने अपना प्रचार "पुनर्निर्माण" के विचार पर केंद्रित किया है। उन्होंने अपने समर्थकों से वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आए तो वे हजारों संघीय कर्मचारियों की जगह अपने समर्थकों को नियुक्त करेंगे और देश में विदेशी व्यापार सहित कई नीतियों में बदलाव लाएंगे।
ट्रंप, जो राजनीतिक अभियान में अपने अनोखे आक्रमणकारी शैली के लिए जाने जाते हैं, इस बार भी सुर्खियों में रहे। कोर्ट द्वारा उन पर कई गंभीर आरोप साबित होने के बावजूद, उनका आत्मविश्वास नहीं हिला और वे मैदान में डटे रहे। उनके आलोचक भी उनकी इस साहसिकता को मानते हैं।
इस बार का अमेरिकी चुनाव महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण बैठा है, क्योंकि कमला हैरिस अगर चुनी जाती हैं तो वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनेंगी। हैरिस के अभियान ने महिलाओं के बीच भारी समर्थन प्राप्त किया है, जबकि ट्रंप ने मुख्यतः हिस्पैनिक पुरुष मतदाताओं के बीच अपनी जगह बनाई है।
अनिर्णय का खतरा और सुरक्षा के इंतज़ाम
कड़े मुकाबले के चलते चुनाव परिणाम आने में समय लग सकता है। विशेषकर स्विंग राज्यों में कांटे की टक्कर के कारण जहाँ टाई होना आम बात होती है। कुछ राज्यों में भारी बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी ने मतगणना के दौरान संभावित व्यवधान की चिंता बढ़ा दी है।
सुरक्षा के स्तर पर भी खास ध्यान दिया गया है। देश में असुरक्षा के फैलने की आशंका के चलते अनेक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। दोनों प्रत्याशियों ने अपने-अपने समर्थकों के दिल जीतने की भरपूर कोशिश की है। कमला हैरिस ने चुनाव दिवस के दौरान कई रेडियो शो में उपस्थिति दर्ज करवाई, जबकि ट्रंप ने मिशिगन के ग्रैंड रैपिड्स में अपनी अंतिम रैली की।
निष्कर्ष
यह अमेरिकी चुनाव न केवल राष्ट्रपति पद की लड़ाई है, बल्कि यह देश की भविष्य नीति पर भी असर डालेगा। मतदाताओं की प्राथमिकताएँ क्या हैं और कौन से मुद्दे उनके जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं, इसका पता इस चुनाव से ही चलेगा। आगामी दिनों में कौन राष्ट्रपति बनेगा, यह देखना रोमांचक होगा।