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John David 8 टिप्पणि

जब इंडिया मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले हफ्ते के दौरान दुर्गा पूजा और दशहरा में भारी बारिश का चेतावनी जारी किया, तो राज्य‑व्यापी तैयारियों में झटका लगा। विभाग के प्रधान मौसम विज्ञानी डॉ. अजीत गुप्ता ने कहा, “बंगाल की खाड़ी में नया निम्न दाब क्षेत्र बन रहा है, जो 1 अक्टूबर को कोलकाता‑समीप में भारी वर्षा लाएगा।” यह खबर तभी और कठिन हो गई जब कोलकाता‑जिले में आधी‑सप्ताह के बहु‑वर्षावी महापर्व दुर्गा पूजा (28 सितंबर‑2 अक्टूबर) और दशहरा (30 सितंबर‑2 अक्टूबर) चलने वाले हैं।

पिछला मौसमिक पृष्ठभूमि

भारत में शरद‑ऋतु में अक्सर बायू में ठंडे हवाओं का प्रवेश होता है, पर बंगाल की खाड़ी के ऊपर बरसाती निचले दबाव का विकास दुर्लभ नहीं है। इस साल, जून‑जुलाई में एक मजबूत मोनसून लहर ने पूर्वी तट को नमी से भर दिया, जिससे मिट्टी‑नमी का स्तर पहले‑से अधिक हो गया। वही कारण है कि अब छोटी‑सी भी न्यूनतम दबाव प्रणाली भी ‘भारी बारिश’ की चेतावनी दे रही है।

विस्तृत विकास एवं आंकड़े

IMD की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 1 अक्टूबर को कोलकाता में 7‑11 सेमी तक बार‑बार बारिश हो सकती है, जबकि दक्षिण 24 परगना (दक्षिण 24 परगना) में ऑरेंज अलर्ट जारी है। अन्य जिलों – पुरबी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, नाडिया, बांकुरा, जारग्राम, उत्तर 24 परगना – को येलो अलर्ट मिला है।

ओडिशा के लिए स्थिति भी समान है। विभाग ने पुरी, खोरधा, गैन्ज़ाम, कजरा इत्यादि 30 से अधिक जिलों में थंडरस्टॉर्म और तेज़ हवाओं (30‑40 किमी/घंटा) की चेतावनी जारी की है। इसका मतलब है कि समुद्री किनारों पर मछुआरे भी इंडिया मौसम विज्ञान विभाग के निर्देशों का पालन करके समुद्र में नहीं निकलेंगे।

प्रमुख प्रतिक्रियाएँ और तैयारियाँ

सड़क एवं यू ट्रैफ़िक विभाग ने तत्काल कार्य योजना बनायी है। कोलकाता पोलीस ने बताया कि सार्वजनिक स्थल, बाजार‑हॉल, और पंडालों के ऊपर खुले में जलरोधक तंबू लगाने की सलाह दी गई है। साथ ही, लोकल एरिया में “वृक्ष‑पोल एवरीवे” चेतावनी जारी की गई है – यानी खुले में खड़े पेड़ों या बिजली के पोल के नीचे न रुकें।

हवाई अड्डा प्राधिकरण ने भी आपातकालीन नोटिस जारी किया। IndiGo ने यात्रियों को बताया कि “कॉल फ्लाइट स्टेटस देखें, मानसिक तनाव से बचें” और SpiceJet ने कहा कि “कोलकाता हवाई अड्डे पर भारी वर्षा के कारण उड़ानें विलंबित या रद्द हो सकती हैं।”

जन्मी समस्याएँ व सामाजिक प्रभाव

वित्तीय क्षति की बात करें तो, स्थानीय व्यापारी पहले से ही गिरते रेन‑वॉटर की आवाज़ सुन रहे हैं। जाल घाटी के सरायों में रसोई के धुएँ के साथ पानी के धब्बे दिखाई दे रहे हैं, जबकि प्रवासियों के गली‑बाज़ार बंद होने की संभावना है। अनजाने में भी, यदि जलभराव की समस्या न सुलझी, तो बिजली कटौती, संचार में बाधा और रोग‑प्रसार के जोखिम बढ़ सकते हैं।

धार्मिक संगठनों ने भी बदलाव की घोषणा की। कुछ पंडालों ने दोपहर‑भोजन के समय को 30‑45 मिनट पहले कर दिया, जबकि कई जिले में “उपवास‑समायोजन” की संभावना है, क्योंकि लोग भीड़‑भाड़ वाले स्थलों पर नहीं जाना चाहते।

भविष्य की संभावनाएँ और सतर्कता

डॉ. अजीत गुप्ता ने कहा, “हम इस निचले दबाव क्षेत्र के विकसित होने पर नज़र रखेंगे। यदि अगले दो‑तीन दिनों में दबाव में और कमी आती है, तो हमें और तेज़ बारिश की उम्मीद करनी चाहिए।” इस बात को मानते हुए, IMD ने अगले 72 घंटे में अपडेटेड प्रॉबेबिलिटी मैप जारी करने का वादा किया है।

नागरिकों से अनुरोध है कि वे स्थानीय प्रशासन के संकेतों का पालन करें, फेलोशिप के समय में फॉर्मल हॉल में भीड़‑भाड़ से बचें और अगर कहीं जल‑जमाव हो तो तुरंत सहायता के लिए 112 पर कॉल करें।

मुख्य तथ्य

  • IMD ने 1 अक्टूबर को कोलकाता में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया।
  • दुर्गा पूजा (28 सितंबर‑2 अक्टूबर) और दशहरा (30 सितंबर‑2 अक्टूबर) के दौरान न्यूनतम 7‑11 सेमी जलवृष्टि की संभावना।
  • दक्षिण 24 परगना में ऑरेंज अलर्ट, कोलकाता व कई जिलों में येलो अलर्ट।
  • ओडिशा के 30+ जिलों में थंडरस्टॉर्म एवं तेज़ हवाओं की चेतावनी।
  • IndiGo व SpiceJet ने उड़ानों में देरी की संभावना बतायी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कोलकाता में भारी बारिश का मुख्य कारण क्या है?

इंडिया मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में 1 अक्टूबर को नया निम्न दाब क्षेत्र बन रहा है, जिससे कोलकाता में तेज़ बरसात और गड़गड़ाहट वाले तूफान आने की संभावना है।

दुर्गा पूजा के आयोजन पर बारिश का क्या असर पड़ेगा?

पंडालों में पानी‑जमाव, आवाज़‑भड़कीले व्यंजन और भीड़‑भाड़ में बाधा उत्पन्न हो सकती है। कई क्षेत्रों में पवित्र कार्यक्रम दोपहर‑से देर‑शाम में शिफ्ट किए जा रहे हैं, और खुले‑आम स्थल पर छायाच्छत्र लगाने की सलाह दी गई है।

ओडिशा के किन जिलों में एलेर्ट जारी है?

पुरी, खोरधा, गैन्ज़ाम, गजापति, सोनेपुर, बौध, नुआपाड़ा, बोलांगीर, कलाहांडी, कंधामाल, नाबरंगपुर, रायगड, कोरापुत, मलकांगिरी, बाला सॉरे, भद्रक, जजपुर, केंद्रपूर, कटक, जगतसिंदपुर, सुंदरगढ़, झारसुगुडा, बर्गढ़, संभलपुर, डीओगार, अंगुल, धेनकानल, केओन्हर, मेयरभंज जैसे 30‑से‑अधिक जिलों को येलो चेतावनी मिली है।

विमान यात्रियों को कौन‑सी सावधानियां बरतनी चाहिए?

IndiGo और SpiceJet ने अपनी आधिकारिक साइट और एप्प्स पर वास्तविक‑समय फ़्लाइट स्टेटस का अनुसरण करने, हवाई अड्डे पर पहले पहुँचने और समस्याओं की स्थिति में एयरलाइन कस्टमर केयर से संपर्क करने की सलाह दी है।

प्रकाशन के बाद नागरिकों को क्या प्राथमिक कदम उठाने चाहिए?

खुले में बिजली के पोल या पेड़ के नीचे न रहें, जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें, वॉटर‑किन्ही जगहों से बचें और आपातकालीन सेवाओं के नंबर 112 पर तुरंत सूचना दें।

टिप्पणि

  • jitendra vishwakarma

    सितंबर 28, 2025 AT 20:53

    jitendra vishwakarma

    दुर्गा पूजाके दौरान बरसात के अलर्ट ने कामे धुंध्ला कर दिया बसा। मेला वाले लोग अब ढीले कपड़ो में नाचेंगे क्या? बस, सबको थोड़ा धियान रखना पड़ेगा।

  • Ira Indeikina

    अक्तूबर 4, 2025 AT 15:46

    Ira Indeikina

    आइए सोचें कि प्रकृति की शक्ति को रोक पाना हमारे हाथ में नहीं, पर हम उसकी मार से बचाव कर सकते हैं। इस कारण से हर पंडाल में जलरोधक तंबू लगाना सिर्फ व्यवस्था नहीं, बल्कि मानवता का एक छोटा कदम है।

  • Shashikiran R

    अक्तूबर 10, 2025 AT 10:40

    Shashikiran R

    भारी बारिश के समय लोगों को सुरक्षा नियमों की अवहेलना कर देना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अगर आप पंडाल में भीड़ में रुकते रहोगे तो न केवल ख़ुद को, बल्कि दूसरों को भी खतरा पैदा कर रहे हो। इस व्यवहार को सुधारना हमारी ज़िम्मेदारी है।

  • SURAJ ASHISH

    अक्तूबर 16, 2025 AT 05:33

    SURAJ ASHISH

    बारिश में पवित्र कार्यक्रम का मज़ा कुछ कम नहीं, पर एसी स्थितियों में ऑडियंस को इकठ्ठा करना बेवकूफ़ी है।

  • PARVINDER DHILLON

    अक्तूबर 22, 2025 AT 00:26

    PARVINDER DHILLON

    सच में, सभी को मिलकर सुरक्षित रहना चाहिए 😊 हर किसी की मदद से ही हम इस मौसम को आसानी से बिता सकते हैं 🙏 और अगर किसी को ज़रूरत हो तो तुरंत मदद के लिये 112 बुलाएँ।

  • Nilanjan Banerjee

    अक्तूबर 27, 2025 AT 19:20

    Nilanjan Banerjee

    इंडिया मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी किया गया अलर्ट इस वर्ष के सबसे गंभीर मौसमीय घटनाओं में से एक है। यह केवल एक साधारण बारिश की चेतावनी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहरों के रखरखाव के लिए एक चेतावनी है। दुर्गा पूजा और दशहरा, जो हमारे सामाजिक ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा हैं, वे इस वर्ष अतिरक्त वर्षा से सीधे प्रभावित हो सकते हैं। निचले दाब क्षेत्र के विकास का विज्ञान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वर्षा की मात्रा अनपेक्षित रूप से बढ़ेगी। इस तथ्य को नज़रअंदाज करना अनादर का समान होगा। जिला स्तर पर लागू किए गए येलो और ऑरेंज अलर्ट स्थानीय प्रशासन को सख्त कदम उठाने के लिए बाध्य करेंगे। पंडालों में जलरोधक तंबू लगाना, भीड़भाड़ को नियंत्रित करना, और खुले में जलजमाव से बचना आवश्यक कदम हैं। इन उपायों को अपनाने से न केवल मानव जीवन की सुरक्षा होगी, बल्कि आर्थिक नुकसान भी घटेगा। कई व्यापारियों ने पहले ही बताया है कि बारिश से उनके व्यवसाय पर बड़ा असर पड़ेगा। इसलिए, समय पर उपाय करके हम आर्थिक नुक़सान को कम कर सकते हैं। प्रतिभागियों को सलाह दी गई है कि वे सूचनाओं पर बार‑बार नज़र रखें और किसी भी आपातकाल में तुरंत सहायता के लिये स्थानीय नंबरों पर कॉल करें। यदि कोई भी व्यक्ति इस दिशा‑निर्देश का उल्लंघन करता है, तो उसे कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए। इस मौसम में सुरक्षा नियमों का पालन करना न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिये है, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व भी दर्शाता है। हमें याद रखना चाहिए कि प्राकृतिक आपदाएँ कभी भी झूठ नहीं बोलतीं, वे केवल अपने नियमों के अनुसार कार्य करती हैं। इसलिए, प्रत्येक नागरिक को अपना कर्तव्य समझते हुए सावधानीपूर्वक कार्य करना चाहिए। अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस अलर्ट को गंभीरता से लेना ही हम सभी के लिए सबसे उचित कदम है।

  • sri surahno

    नवंबर 2, 2025 AT 14:13

    sri surahno

    क्या आपको नहीं लगता कि इस अलर्ट के पीछे कुछ छिपे हुए एजेंडे हो सकते हैं? अक्सर सरकार बड़ी आपदाओं का उपयोग करके जनसंख्या को नियंत्रित करने की कोशिश करती है, और इस बार भी ऐसा ही हो सकता है।

  • Varun Kumar

    नवंबर 8, 2025 AT 09:06

    Varun Kumar

    देश में एसी चेतावनियां आती रहें तो हमें असली ख़तरा केवल बाहरी ताकतों से है।

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