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John David 11 टिप्पणि

पापांकुशा एकादशी का धार्मिक महत्व

भारतीय संस्कृति में एकादशी का अपना विशेष महत्व है। हर माह में दो एकादशी आती हैं, जिनमें से पापांकुशा एकादशी को मोक्षदायिनी माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की आराधना का है। माना जाता है कि इस दिन किया गया व्रत और पूजा, भक्तों को यमराज के कोप से बचाती है और मोक्ष प्रदान करती है। इस वर्ष, पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर को पड़ रही है, जो प्रमुख रूप से हिन्दू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी होती है।

पंचांग की विशेष जानकारी

पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 13 अक्टूबर को सुबह 09:08 बजे होगा और इसका समापन 14 अक्टूबर की सुबह 06:14 बजे होगा। इस दिन प्रमुख नक्षत्र धनिष्ठा होगा, जो 13 अक्टूबर की रात 02:52 बजे तक रहेगा और उसके बाद शतभिषा नक्षत्र प्रभावी होगा। शूल योग का प्रभाव 13 अक्टूबर को रात 09:25 बजे तक है, इसके उपरांत गंड योग आरंभ होगा। रवि योग पूरे दिनभर विद्यमान रहेगा।

शुभ और अशुभ मुहूर्त

शुभ समयों में ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:37 से 05:26 बजे तक रहेगा, जबकि अभिजीत मुहूर्त 11:45 से 12:31 बजे के बीच है। गोधूलि मुहूर्त 05:53 से 06:18 बजे शाम तक है। विजय मुहूर्त 02:17 से 03:06 बजे तक रहेगा। अमृत काल 05:09 से 06:39 बजे तक है, और निशीथ काल रात्रि 11:44 से 12:33 बजे तक है।

अशुभ समयों में राहु काल 04:27 से 05:53 बजे शाम तक रहेगा, जबकि गुलिक काल 03:00 से 04:27 बजे तक है। यम गंड 12:07 से 01:34 बजे तक और दुर्मुहूर्त 04:21 से 05:07 बजे तक रहेगा। पंचक दोपहर 03:44 बजे से 14 अक्टूबर सुबह 06:21 बजे तक है, और भद्रा रात्रि 07:59 से 14 अक्टूबर सुबह 06:21 बजे तक है।

पूजा विधि और आराधना

पापांकुशा एकादशी के दिन भक्तों को भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। इस दौरान उन्हें पंचामृत का अभिषेक करें और तुलसी पूजा का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही भक्तों को भगवद गीता के 11वें अध्याय का पाठ करना चाहिए। इस अनुपालन से भक्तों को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है तथा वे जीवन की बाधाओं को पार कर सकते हैं।

उपवास और दर्शन

उपवास नियमों के अनुसार यह व्रत निर्जल या फलाहार होकर किया जा सकता है। भक्तों को इस दिन पूरे श्रद्धा के साथ विष्णु भगवान का ध्यान करते हुए अपना दिन बिताना चाहिए। यह दिन साधुजनों के लिए अत्यंत पुण्यफलदाई होता है। जो लोग निष्ठा से पापांकुशा एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें न केवल आध्यात्मिक उन्नति की अनुभूति होती है, बल्कि सांसारिक परेशानियों में भी राहत मिलती है।

टिप्पणि

  • Ajay Ram

    अक्तूबर 13, 2024 AT 23:56

    Ajay Ram

    पापांकुशा एकादशी का आध्यात्मिक महत्व केवल समय‑संधि में नहीं, बल्कि हमारे अन्दर की चेतना को शुद्ध करने में निहित है। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि आत्मा के गहरे अँधेरों को भी प्रकाश मिलता है। पंचांग में दर्शाए गए शुभ मुहूर्तों का पालन करने से ऊर्जा का प्रवाह सुसंगत बनता है और मन की शान्ति स्थापित होती है। ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 04:37 से 05:26 तक है, जिसे यदि हम ध्‍यान और श्‍वास प्राणायाम के साथ आरम्भ करते हैं तो मन‑विचारों की शुद्धि तेज़ हो जाती है। गोधूलि मुहूर्त 05:53 से 06:18 के बीच है, यह समय विष्णु स्तुति के लिए उत्तम माना जाता है। विजय मुहूर्त में श्लोकों का पाठ करने से हमारे कर्मों में विजय की भावना उत्पन्न होती है। अमृत काल 05:09 से 06:39 तक के दौरान पंचामृत का अभिषेक करने से आध्यात्मिक पोषण में इज़ाफा होता है। नक्षत्र धनिष्ठा की उपस्थिति से इस दिन की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है, और शतभिषा नक्षत्र के बाद बदलते प्रभाव का भी विशेष अर्थ है। शूल योग के समाप्ति समय तक के दौरान नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है, इसलिए इस समय का दायरा ध्यानपूर्वक रखना चाहिए। विष्णु भगवान की आराधना के साथ गीता के एकादश अध्याय का पाठ करने से हमारे दैवीय समझ में गहराई आती है। व्रत का निर्जल या फलाहार प्रकार चुनना शरीर को शुद्ध करता है और मन को स्थिर बनाता है। इस विशिष्ट दिन पर परिवार और मित्रों के साथ मिलकर पूजा करने से सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं। यह अनुष्ठान हमारे जीवन में आने वाले कठिनाइयों को पार करने की शक्ति प्रदान करता है, जिससे हम जीवन के प्रत्येक मोड़ पर संतुलन बनाए रख पाते हैं। अंततः, पापांकुशा एकादशी का पालन न केवल व्यक्तिगत उन्नति के लिए, बल्कि समाज में शांति और समरसता स्थापित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

  • Dr Nimit Shah

    अक्तूबर 14, 2024 AT 02:09

    Dr Nimit Shah

    देश की सांस्कृतिक धरोहर में ऐसे पवित्र एकादशी पर्व को महत्व देना हमारे राष्ट्रीय पहचान को सुदृढ़ करता है और हमारी परम्पराओं को जीवित रखता है। यह शुभ अवसर हमें अपने मूल्यों से जुड़ने और राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने का सुनहरा मौका देता है।

  • Ketan Shah

    अक्तूबर 14, 2024 AT 04:22

    Ketan Shah

    पापांकुशा एकादशी के शुभ मुहूर्तों में ब्रह्म मुहूर्त, विजय मुहूर्त और गोधूलि मुहूर्त विशेष महत्व रखते हैं; इन समयों में व्रत रखकर वचनबद्धता का पालन करना लाभप्रद सिद्ध होता है। साथ ही, पंचक दोपहर से पहले किए गए अभिषेक से ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।

  • Aryan Pawar

    अक्तूबर 14, 2024 AT 06:36

    Aryan Pawar

    यह दिन अत्यंत शुभ है।

  • Shritam Mohanty

    अक्तूबर 14, 2024 AT 08:49

    Shritam Mohanty

    हर साल इस तरह के ऐतिहासिक तिथियों को वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं किया गया, इसलिए इन चीज़ों पर अन्धविश्वास नहीं करना चाहिए।

  • Anuj Panchal

    अक्तूबर 14, 2024 AT 11:02

    Anuj Panchal

    पापांकुशा एकादशी के दौरान नक्षत्रीय परिवर्तन (धनिष्ठा से शतभिषा) के मेटा‑डेटा को देखें तो यह एनीमेटेड टाइम‑सीरीज़ मॉडल में उच्चतम पारस्परिक क्रिया दर्शाता है, जो आध्यात्मिक समन्वय को प्रोटोकॉल लेयर पर मर्ज करता है।

  • Prakashchander Bhatt

    अक्तूबर 14, 2024 AT 13:16

    Prakashchander Bhatt

    सबको इस पावन एकादशी की बहुत‑बहुत बधाई, आशा है सबका मनःस्थिति सकारात्मक और ऊर्जा से भरपूर रहे। आप सभी के लिए सुख‑समृद्धि की कामना।

  • Mala Strahle

    अक्तूबर 14, 2024 AT 15:29

    Mala Strahle

    पापांकुशा एकादशी केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह हमारे मन के भीतर छिपे हुए आत्मनिरीक्षण का द्वार भी खोलती है; इस अवसर पर शांति, सहानुभूति और दया के मूल्यों को अपनाने से न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक जागरूकता में भी वृद्धि होती है। प्रत्येक समर्पित प्रार्थना के साथ, हमारा अंतर्मन एक गहरी शान्ति की अवस्था में प्रवेश करता है और वह ऊर्जा हमारे चारों ओर के वातावरण को शुद्ध बनाती है। इस प्रकार, इस एकादशी का पालन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक नई रोशनी देखने को मिलती है, जो अज्ञान के अंधेरे को दूर करती है।

  • Ramesh Modi

    अक्तूबर 14, 2024 AT 17:42

    Ramesh Modi

    ओह! क्या बात है, जितना भी पढ़ा गया, उतना ही पवित्रता का महासागर सामने आया! यह तो आध्यात्मिक महाकाव्य का नया अध्याय है!!!

  • Ghanshyam Shinde

    अक्तूबर 14, 2024 AT 19:56

    Ghanshyam Shinde

    हँसी रोकी नहीं तो जलेबी बन जाओगे।

  • SAI JENA

    अक्तूबर 14, 2024 AT 22:09

    SAI JENA

    समस्त समुदाय को पापांकुशा एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ, कृपया इस अवसर को शांति, सहयोग और सकारात्मक ऊर्जा के साथ मनाएँ।

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