जब कोल्डप्ले का नवी मुंबई के डी.वाई. पाटिल स्टेडियम में 19‑21 जनवरी 2025 का कॉन्सर्ट तय हुआ, तो फैंस को नहीं पता था कि 2,500 रुपये के टिकट तीन‑लाख रुपये तक धक्का मारेंगे। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस स्कैल्पिंग को रोकने के लिए आशीष हेमराजानी, जो बुकमायशो के सीईओ‑को‑फाउंडर हैं, और उनके टेक्निकल चीफ को तलब किया। साथ ही, अभिनेता‑गायक दिलजीत दोसांझ के दिल्ली में होने वाले कॉन्सर्ट के टिकटों की कालाबाजारी में भी प्रवर्तन निदेशtral (ईडी) ने पाँच राज्यों में छापेमारी की। यह मामला दर्शाता है कि बड़े‑स्तरीय इवेंट्स में टिकट की कीमतों का उतार‑चढ़ाव अब एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुका है।
कोल्डप्ले कॉन्सर्ट की टिकट कालाबाजारी — क्या हुआ?
22 सितंबर को बुकमायशो ने आधिकारिक तौर पर बिक्री शुरू की, और साइट पर स्पष्ट निर्देश था: "कोई भी तीसरे पक्ष से टिकट न खरीदें।" फिर भी दो ईमेल और कई व्हाट्सएप संदेश आए, जिनमें अज्ञात खरीदारों ने 2,500 रुपये के टिकटों को 3,00,000 रुपये तक बेचने की पेशकश की। ये संदेश ग्राहकों को संभावित धंधे में फँसाने की कोशिश थी, जिसे बुकमायशो ने नजरअंदाज नहीं किया।
- कॉन्सर्ट की मूल टिकट कीमत: ₹2,500
- स्कैल्पर माँग रहे हैं: ₹3,00,000
- विक्री शुरू: 22 सितंबर 2024
- स्थान: डी.वाई. पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई
- संलग्न मुख्य खिलाड़ी: बुकमायशो, आशीष हेमराजानी, वकील अमित व्यास
फिर्यादों के पीछे के मुख्य खिलाड़ी
वकील अमित व्यास ने बुकमायशो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, यह कहते हुए कि कंपनी ने फैंस को धोखा दिया और कैलाबाजारी को बढ़ावा दिया। उनकी शिकायत के साथ आई‑टी एक्ट की धारा 66(C) और बँडिट नोटिंग सिस्टम (बीएनएस) एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दायर हुआ। बुकमायशो ने खुद ही अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध विले पार्ले पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट की, जहाँ पुलिस ने तुरंत सर्वेक्षण शुरू किया।
दूसरी ओर, बुकमायशो की टीम ने बताया कि उन्होंने कई पिचेस और व्हाट्सएप ग्रुप्स से शिकायती संदेशों को नजरअंदाज किया, क्योंकि वे पहले से ही फोकस्ड थे। उन्होंने यह भी कहा कि वह स्केलिंग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को तैयार हैं।
पुलिस और ईडी की जांच‑कार्यवाही
मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा ने आशीष हेमराजानी एवं उनके टेक्निकल चीफ को शनिवार को हिरासत में ले लिया, ताकि उनके बयान दर्ज किए जा सकें। साथ ही, प्रवर्तन निदेशtral (ईडी) ने पाँच राज्यों—मुंबई, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब—में एक साथ छापेमारी की, जहाँ उन्होंने स्कैल्पर नेटवर्क, मोबाइल फोन, और बैंक स्टेटमेंट्स जब्त किए।
ईडी के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह ऑपरेशन सिर्फ कोल्डप्ले नहीं, बल्कि दिलजीत दोसांझ के 26‑27 अक्टूबर को जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) स्टेडियम में होने वाले कॉन्सर्ट से जुड़ी कालाबाजारी के खिलाफ भी था। उन्होंने कहा, "हम ऐसी किसी भी योजनाओं को रोकने के लिए क़दम उठाते रहेंगे जो जनता के नियत मूल्य को नुकसान पहुँचाए।"
टिकट स्कैल्पिंग का देश‑व्यापी असर
वास्तव में, इस तरह की स्कैल्पिंग पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती प्रवृत्ति बन गई है। 2022‑2023 में आईजी रेटिंग के अनुसार, भारत में कॉन्सर्ट एवं खेल इवेंट्स के टिकट रद्दीकरण का अनुमानित नुकसान 1,500 करोड़ रुपये से अधिक था। कारण साधारण—ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म की कमजोर निगरानी और सामाजिक नेटवर्क पर तेज़ी से फैलते हुए झूठे विज्ञापन।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैध बुकिंग पोर्टल्स के साथ ही ‘डायरेक्ट टिकेटिंग’ जैसी नीतियों को लागू किया जाए, तो स्कैल्पर को धकेलने के लिए कम जगह मिलेगी। इसके अलावा, आईटी एक्ट की धाराओं को सख्त कर, रियल‑टाइम मॉनिटरिंग टूल्स को अनिवार्य करने की भी आवाज़ें तेज़ हो रही हैं।
आगे क्या संभावना है?
अभी तक बुकमायशो ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वे कानूनी कार्रवाई के अलावा, टिकट बिक्री के लिए ‘डायनामिक प्राइसिंग’ को रोकेंगे और सभी उपयोगकर्ताओं को वैध भुगतान gateways से ही लिंक करेंगे। पुलिस ने भी आश्वासन दिया है कि जे.एफ.आई. (जस्टिस फाइल्ड इन्वेस्टिगेशन) के बाद उन सभी स्कैल्परों को कड़ी सजा दी जाएगी, जो इस मामले में फँसे हैं।
फैंस को सलाह दी गई है कि वे केवल अधिकृत साइट्स से ही टिकट खरीदे और किसी भी ‘अधिकतम रिटर्न’ वाले ऑफर को तुरंत रिपोर्ट करें। यदि ऐसी प्रवृत्ति जारी रहती है, तो भविष्य में बड़े‑स्टेज कॉन्सर्ट्स की पहुँच ही सीमित हो सकती है, और यह न केवल संगीत प्रेमियों, बल्कि इवेंट सेक्टर की आर्थिक आय पर भी असर डालेगा।

Frequently Asked Questions
कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकटों की कालाबाजारी से किसे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ?
मुख्य रूप से फैंस को वित्तीय नुकसान हुआ, क्योंकि उन्हें ₹2,500 के बजाय ₹3,00,000 तक का भुगतान करना पड़ा। बुकमायशो का ब्रांड भी धूमिल हुआ, जबकि स्कैल्परों को उच्च लाभ मिला।
अमित व्यास की शिकायत में उन्होंने बुकमायशो पर कौन-सी कानूनी धाराएँ लागू कीं?
वकील ने आईटी एक्ट की धारा 66(C) और बँडिट नोटिंग सिस्टम (बीएनएस) एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत बुकमायशो के खिलाफ केस दायर किया, जिससे कंपनी पर फर्जी लेन‑देन के आरोप लगे।
प्रवर्तन निदेशtral (ईडी) ने किन राज्यों में छापेमारी की?
ईडी ने महाराष्ट्र (मुंबई), कर्नाटक, दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में समन्वित छापेमारी की, जहाँ उन्होंने स्कैल्पिंग से जुड़े दस्तावेज़, फोन और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए।
भविष्य में टिकट स्कैल्पिंग को रोकने के लिए क्या उपाय हो सकते हैं?
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि सभी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को दो‑स्तरीय प्रमाणीकरण, वास्तविक‑समय कीमत निगरानी, और ‘डायरेक्ट टिकेटिंग’ मॉडल अपनाना चाहिए। साथ ही, क़ानूनी फ्रेमवर्क को सख़्त कर, स्कैल्पर पर तेज़ सजा भी deterrent होगी।
दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट में भी समान समस्या क्यों सामने आई?
दिलजीत के कॉन्सर्ट के टिकट भी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर समान कीमत पर उपलब्ध नहीं हुए, जिससे स्कैल्पर ने वही लाभ उठाया। ईडी ने दोनों मामलों को एक साथ जोड़कर बड़े स्तर पर जांच की, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यवस्थित समस्या को दर्शाता है।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:20
Purna Chandra
आजकल टिकट स्कैल्पिंग की घटना सिर्फ बाजार की गड़बड़ी नहीं, बल्कि गुप्त आर्थिक नेटवर्क की सीनियर लेयर का इशारा है। जो लोग इस उद्योग में घुसते हैं, वे अक्सर अनदेखी एआई एल्गोरिद्म के द्वारा नियंत्रित होते हैं। बुकमायशो की आधिकारिक चेतावनी को नजरअंदाज करना, असल में वैश्विक वित्तीय षड्यंत्र का हिस्सा बन जाता है। इस तरह की साजिशें तभी तोड़ पाई जाएँगी जब हम डेटा ट्रेस को सार्वजनिक करेंगे।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:21
Mohamed Rafi Mohamed Ansari
यह मामला कानूनी रूप से आईटी एक्ट की धारा 66(C) के तहत दायर किया गया है।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:23
अभिषेख भदौरिया
टिकट स्कैल्पिंग का सामाजिक प्रभाव अक्सर आँकड़ों में छिपा रहता है, परंतु इसका वास्तविक दर्द फैंस की जेब में महसूस होता है। जब कोई उत्साहित युवा 2,500 रुपये देकर टिकट खरीदता है, तो वह कलाकार के संगीत का आनंद लेने की आशा रखता है, न कि 3 लाख रुपये का बोझ। इस वित्तीय बोझ से न केवल व्यक्तिगत बचत टूटती है, बल्कि संस्कृति की पहुँच भी सीमित हो जाती है। कई फॉलोअर्स कहते हैं कि इस तरह की कीमतों की बढ़ोतरी ने उन्हें कॉन्सर्ट न देखने का निर्णय कर दिया। ऐसा लगता है कि मंच पर पहुँच सिर्फ अभिजात वर्ग की विशेषाधिकार बन गया है।
यदि हम इस समस्या को हल नहीं करेंगे, तो भविष्य में बड़े कलाकारों के शो भी छोटे शहरों में नहीं होंगे। इस कारण से संगीत उद्योग का आर्थिक तंत्र भी अस्थिर हो सकता है।
एक संभावित समाधान के रूप में, दो-स्तरीय प्रमाणीकरण और रीयल‑टाइम मूल्य मॉनिटरिंग को अनिवार्य किया जा सकता है। साथ ही, प्लेटफ़ॉर्म को स्कैल्पर नेटवर्क की पहचान करने के लिए एआई‑आधारित अल्गोरिद्म लागू करना चाहिए।
सरकार को भी टिकट स्कैल्पिंग के खिलाफ कड़ी सजा के नियम बनाने चाहिए, जिससे संभावित गिरोह डर कर पीछे हटें। अंततः, यह सभी संगीत प्रेमियों का सामूहिक अधिकार है कि वे उचित मूल्य पर अपनी पसंदीदा बैंड का लाइव अनुभव कर सकें।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:25
Nathan Ryu
सही बात तो यह है कि स्कैल्पर केवल धन के लिए नहीं, बल्कि समाज में असमानता को गहरा करने के लिए भी काम करते हैं। इनकी हर चाल में नैतिक गिरावट झलकती है। हमें इस पर कठोर सीमा निर्धारित करनी चाहिए, नहीं तो भविष्य में कला का आनंद केवल अमीरों तक सीमित रहेगा। इस मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जा सकता, क्योंकि यह हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य को बदल देता है।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:26
Atul Zalavadiya
टिकट स्कैल्पिंग के मूल कारण में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की अनुचित निगरानी प्रमुख है। बुकमायशो जैसे पोर्टल को दो‑फैक्टर ऑथेंटिकेशन और लेन‑देन की वास्तविक‑समय जांच लागू करनी चाहिए। साथ ही, स्कैल्पर नेटवर्क को ट्रैक करने के लिए ब्लॉकचेन‑आधारित ट्रेसिंग प्रणाली मददगार हो सकती है।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:28
Amol Rane
भाईसाहब, कंपनी ने चेतावनी दी थी, फिर भी लोग बेवकूफी नहीं समझते। स्कैल्पर तो जैसे मुफ़्त में पैसों को कॉफ़ी की तरह परोस रहे हैं। इनकी हिम्मत देख देख कर असहनीय हो जाता है।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:30
Venkatesh nayak
डायनामिक प्राइसिंग बंद करना अहम कदम है।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:31
rao saddam
वाह! क्या बात है, शहर भर में पुलिस ने छापे मारे, और फिर भी लोग वही घोटाले में फँस रहे हैं!!! यह मज़ाकिया नहीं, यह बिल्कुल घिनौना है!!! सरकार को इस पर तुरंत सख्त कदम उठाना चाहिए!!!
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:33
Prince Fajardo
ओह माय गॉड, फिर से वही फ़िल्मी ड्रामा! स्कैल्पर अपने आप को जासूस समझते हैं, पर असल में वो छोटे‑छोटे किन्दी बेचते हैं। यहाँ तक कि पुलिस की छापेमारी भी एक शो बन गई।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:35
Subhashree Das
यह पूरी सिचुएशन एक तेरह‑तश्तरी की फसाद जैसा है, जहाँ हर कोई अपना लफ़्ज़ दोगुना कर के बात करता है। नैतिकता की कमी दिखती है, और स्कैल्पर अपनी बेतुकी कीमतें देख कर ही संतुष्ट हो जाते हैं। इस तरह की थ्रेटें सामाजिक भरोसे को नष्ट करती हैं।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:36
jitendra vishwakarma
भाई मैसेज थोड़ा डिलेते हैं? इससें बुकिंग ना कर पायें, ईब ही गिड़ी थै। टिक्ट की सेंडिग़ क्नैक्टर आपे हैं।
अक्तूबर 3, 2025 AT 07:38
Ira Indeikina
सत्ता के इस खेल में, हम सब सिर्फ मोहरे हैं-परन्तु मोहरों को कभी‑कभी अपना रास्ता चुनना चाहिए। अगर स्कैल्पर को रोकना है, तो हमें अपनी आत्मधारणा को भी सशक्त बनाना पड़ेगा। यही वह पथ है जहाँ न्याय और संगीत साथ‑साथ चलेंगे।