शेयर बाजार में भूचाल: Nikkei 225 में 12.4% की ऐतिहासिक गिरावट
सोमवार, 5 अगस्त 2024 को जापान का शेयर बाजार बुरी तरह हिल गया। Nikkei 225 में एक ही दिन में 12.4% की गिरावट दर्ज की गई, जिसे 1987 के 'ब्लैक मंडे' के बाद सबसे भयानक माना जा रहा है। सूचकांक अचानक 35,910 से गिरकर 31,458 पर आ गया। इससे न सिर्फ 2024 में अब तक आई सारी बढ़त मिट गई, बल्कि सूचकांक अब बियर मार्केट यानी हालिया उच्च स्तर से 25% से अधिक गिरावट के दायरे में पहुंच चुका है।
यह गिरावट सिर्फ एक दिन का खेल नहीं था। पिछले दिन यानी 4 अगस्त को भी Nikkei में 5.8% की गिरावट आई थी।
सबसे बड़ा झटका तब लगा जब अमेरिका से अर्थव्यवस्था की मंदी के संकेत मिले। जुलाई के कमजोर जॉब डेटा और मजबूत होते येन ने निवेशकों में डर भर दिया। खासतौर से विदेश निवेशकों ने जापानी शेयरों से पैसे निकालने शुरू कर दिए।
रिकॉर्ड ऊंचाई से जबरदस्त फिसलन और वैश्विक असर
कुछ महीने पहले तक ही जापान का बाजार नई बुलंदियों पर था। 2024 की शुरुआत में Nikkei ने 40,000 का ऐतिहासिक स्तर छू लिया था, जो 1980 के बाद पहली बार था। इसकी वजह सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शेयरों में तेजी और कमजोर येन माने गए थे। लेकिन चंद ही महीनों में नीति और ग्लोबल जोखिमों का असर ऐसा पड़ा कि सब कुछ पलट गया।
5 अगस्त की भारी गिरावट ने न सिर्फ जापान, बल्कि एशिया और पश्चिमी शेयर बाजारों को भी हिला दिया। साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 8% टूट गया, वहीं अमेरिका के डाओ में 1.5% और एसएंडपी में 1.8% की गिरावट दिखी। इस गिरावट की दर इतनी तेज थी कि निवेशक और विश्लेषक 2008 के वित्तीय संकट की याद फिर से करने लगे।
2023 में जहां Nikkei ने 28% का दमदार रिटर्न दिया था, वहीं 2024 की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अब इसमें इतनी तेज गिरावट हर किसी के लिए बड़ा अलार्म है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंटरनेशनल निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ते ही जापान के बाजार में अस्थिरता आ जाती है। येन की मजबूती से एक्सपोर्टर्स का मुनाफा कम हुआ और ग्लोबल मंदी के डर से बिकवाली और तेज हो गई।
एक और बड़ी चिंता ये है कि जापान अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रेटिंग भी जर्मनी से हार चुका है। लगातार बदलती वैश्विक परिस्थितियों और स्थानीय चुनौतियों ने जापान के बाजार की कमजोरी उजागर कर दी है। जहां शुरुआती महीनों में निवेशक जापान के तेज रिटर्न का जश्न मना रहे थे, आज वही बाजार सेकंडों में मुनाफा निगलता दिख रहा है।
जून 17, 2025 AT 18:07
Vipul Kumar
नक्की 225 की इस अचानक गिरावट से हमें कई बातों पर विचार करना चाहिए। सबसे पहले, वैश्विक आर्थिक संकेतकों की तेजी से बदलती प्रवृत्ति को समझना जरूरी है। जापान की अर्थव्यवस्था में येन की मजबूती ने निर्यातकों पर दबाव डाला, जिससे शेयर बाजार में भय की लहर दौड़ गई। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की निकासी ने बाजार की तरलता को कम कर दिया, जिससे और नुकसान बढ़ा। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि ऐसी अस्थिरता के दौर में दीर्घकालिक निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए, ताकि छोटे‑छोटे उतार‑चढ़ाव में फँसे बिना मुख्य प्रवृत्ति को देख सकें।
जून 30, 2025 AT 10:07
Priyanka Ambardar
इस गिरावट में भारत के निवेशकों को भी सचेत रहना चाहिए! 🇮🇳💥
जुलाई 13, 2025 AT 02:07
sujaya selalu jaya
निवेशकों को सावधानी अपनानी चाहिए
जुलाई 25, 2025 AT 18:07
Ranveer Tyagi
अरे भाई, यह गिरावट सिर्फ एक यादगार आँकड़ा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है!; यह हमें दिखा रहा है कि मार्केट में उतार‑चढ़ाव कितना तेज़ हो सकता है; तो चलिए, इस पर गहराई से नजर डालते हैं;
पहला, अमेरिकी रोजगार डेटा की कमजोरी ने वैश्विक जोखिम को बढ़ा दिया, जिससे एशिया के शेयरों पर असर पड़ा;
दूसरा, येन की मजबूती ने निर्यातयोग्य कंपनियों के मुनाफे को कम किया, जिससे निवेशकों का भरोसा टूट गया;
तीसरा, विदेशी पूंजी की निकासी ने लिक्विडिटी को चटक कर दिया, जिससे एक दिन में 12.4% गिरावट संभव हो गई;
चौथा, ऐसी अचानक गिरावट के बाद, म्यूचुअल फंड और पेंशन फंड को पोर्टफोलियो पुनर्सन्तुलन करना पड़ता है ताकि जोखिम कम किया जा सके;
पाँचवाँ, बाजार की इस अस्थिरता के बीच, छोटे‑छोटे निवेशकों को दीर्घकालिक लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए, नहीं तो उन्हें बड़ी हानि होगी;
छठा, तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, 31,458 स्तर अभी समर्थन भंग कर सकता है, इसलिए सावधानी जरूरी है;
सातवाँ, जोखिम‑प्रबंधन टूल्स जैसे स्टॉप‑लॉस ऑर्डर लगाना अत्यंत आवश्यक है;
आठवाँ, नीति निर्माताओं को मौद्रिक नीति में लचीलापन दिखाना चाहिए ताकि बाजार को स्थिर किया जा सके;
नवाँ, निवेशकों को विविधीकृत पोर्टफोलियो रखना चाहिए, जैसे गोल्ड, कोर इक्विटीज़ और बॉन्ड्स;
दसवाँ, इस गिरावट से सीख लेकर हम भविष्य में ऐसे शॉक को बेहतर ढंग से संभाल सकते हैं;
इलेवन, बाजार के व्यापक संकेतकों को पढ़ना चाहिए, न कि केवल एक दिन के डेटा पर भरोसा करना चाहिए;
ट्वेल्व, इस तरह की बड़ी गिरावट कभी भी दोहराई जा सकती है, इसलिए सतर्क रहना ज़रूरी है;
थर्टीन, अंत में, हमें यह समझना चाहिए कि शेयर बाजार एक खेल नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था की स्थिरता का प्रतिबिंब है;
फ़ोर्टी‑फ़ोर, इसलिए, निवेशकों को हमेशा तैयार रहना चाहिए, चाहे वह बुल मार्केट हो या बियर मार्केट।
अगस्त 7, 2025 AT 10:07
Tejas Srivastava
वास्तव में, यह गिरावट dramatiक रूप से यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों को भी हिला रही है! यह दर्शाता है कि वैश्विक वित्तीय जाल कितनी नाज़ुक हो सकती है।
अगस्त 20, 2025 AT 02:07
JAYESH DHUMAK
जैसे कि हमने इस घटना से सीखा, हमें कई पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। प्रथम, डेटा की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाना आवश्यक है; द्वितीय, आर्थिक संकेतकों की गहरी विश्लेषण करके भविष्य की रणनीति बनानी चाहिए। यह न केवल निवेशकों के लिए बल्कि नीति निर्धारकों के लिए भी प्रासंगिक है। अंततः, सतत अध्ययन और अनुसंधान से ही हम अधिक सूचित निर्णय ले सकते हैं।
सितंबर 1, 2025 AT 18:07
Santosh Sharma
ऐसे समय में सकारात्मक सोच रखना ही सफलता की कुंजी है।
सितंबर 14, 2025 AT 10:07
yatharth chandrakar
बिलकुल, धैर्य और सही रिसर्च से हम इस अभूतपूर्व उतार‑चढ़ाव को पार कर सकते हैं। छोटे‑छोटे कदमों से दीर्घकालिक लक्ष्य की ओर बढ़ना ही बेहतर है।
सितंबर 27, 2025 AT 02:07
Vrushali Prabhu
Arre yaar, market ka scene dekh ke lag raha hai jaise roller coaster ride! Kabhi upar kabhi neeche, par koi tension na le, bas chill maar! ;)
अक्तूबर 9, 2025 AT 18:07
parlan caem
सिर्फ यही कारण नहीं कि लापरवाह निवेशकों को कड़वी सजा मिली, यह साफ़ दिखाता है कि अंधाधुंध जागरण कितना खतरनाक हो सकता है।