मनन चक्रवर्ती

लेखक

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और नांदेड़ के सांसद वसंत चव्हाण का निधन हो गया है। 64 वर्ष की उम्र में उन्होंने 26 अगस्त, 2024 को लंबी बीमारी से लड़ते हुए अंतिम सांस ली। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति (एमपीसीसी) के अनुसार, चव्हाण पिछले कुछ समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे। उनका अंतिम संस्कार उनके गृह नगर नांदेड़ में ही किया जाएगा।

वसंत चव्हाण का राजनीतिक सफर बहुत ही दिलचस्प और प्रेरणादायक रहा है। 1978 में उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, जब वे अपने गाँव नायगांव के सरपंच बने थे। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने मेहनत और समर्पण के बल पर उन्होंने कई ऊँचाइयों को छुआ, और अंततः जिला परिषद के अध्यक्ष बने।

चव्हाण ने महाराष्ट्र के दोनों सदनों में कुल मिलाकर 16 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की। 2014 का साल उनके लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ, जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर नांदेड़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीता। यह जीत विशेषतः इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि उस समय पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो चुके थे, जिससे उस क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो गई थी।

चुनावी संघर्ष के दौरान कई राजनैतिक उतार-चढ़ावों का सामना करने के बावजूद, वसंत चव्हाण ने बीजेपी के प्रत्याशी प्रतापराव पाटील चिकलीकर को शिकस्त दी। उनकी इस जीत ने न केवल उन्हें एक कुशल राजनेता के रूप में स्थापित किया, बल्कि उनके समर्थकों के बीच भी उनके प्रति आदर और विश्वास को और मजबूत किया।

अपने राजनीतिक करियर के दौरान, वसंत चव्हाण ने राज्य की विभिन्न सरकारी समितियों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। शिक्षा के प्रति समर्पण का एक और उदाहरण उन्होंने जन्ता हाई स्कूल, नांदेड़ का अध्यक्ष बनकर पेश किया।

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने वसंत चव्हाण के निधन पर अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी चव्हाण ने कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को अमिट बनाए रखा। पटोले ने यह भी कहा कि चव्हाण के निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है और इस दुखद समय में पूरी कांग्रेस पार्टी चव्हाण परिवार के साथ खड़ी है।

वसंत चव्हाण का राजनीतिक व्यावहारिकता, निर्णय लेने की क्षमता, और अपने क्षेत्र के विकास के प्रति समर्पण ने उन्हें जनता के बीच बेहद लोकप्रिय बनाया। नांदेड़ क्षेत्र की जनता ने हमेशा उनके प्रयासों की सराहना की, और उनके नेतृत्व में क्षेत्र ने काफी प्रगति की।

चव्हाण के निधन के बाद स्थानीय जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में गहरा शोक व्याप्त है। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल होने की संभावना है, जो उनके प्रति अपने सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

कद वसंत चव्हाण जैसे नेताओं के बिना, महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा खालीपन आ गया है। उनकी कमी को पूरा करना आसान नहीं होगा, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य और उनके योगदान हमेशा याद किए जाएंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।

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