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John David 13 टिप्पणि

मलयालम सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री कावियूर पोन्नम्मा का 79 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने कोच्चि के एक निजी अस्पताल में शुक्रवार, 20 सितंबर, 2024 को अंतिम सांस ली। पोन्नम्मा का मलयालम सिनेमा में अटल स्थान है, और उनके इस संसार से विदा लेने से भारतीय फिल्म उद्योग में शोक की लहर है।

कावियूर पोन्नम्मा का फिल्मी सफर

कावियूर पोन्नम्मा का जन्म 10 अक्टूबर 1945 को हुआ था और उन्होंने अपनी अभिनय यात्रा की शुरुआत थिएटर से की थी। मात्र 14 साल की उम्र में उन्होंने प्रसिद्ध नाटककार थोप्पिल भासी द्वारा लिखित 'मूलधनम' में पहली बार मंच पर कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने 1960 के दशक में फिल्मों की ओर रुख किया और देखते ही देखते मलयालम सिनेमा की एक प्रमुख अदाकारा बन गईं।

माँ के किरदार में पोन्नम्मा

माँ के किरदार में पोन्नम्मा

कावियूर पोन्नम्मा को खासकर माँ के किरदार निभाने के लिए जाना जाता था। उन्होंने 700 से अधिक फिल्मों में काम किया और उनमें से अधिकतर फिल्मों में उन्होंने माँ की भूमिका को निभाया। उनके अभिनय में एक विशेष ममता और आशनाई की अभिव्यक्ति थी, जिसकी वजह से दर्शकों के दिलों में उनकी एक विशेष जगह बनी रही। उन्होंने 20 साल की उम्र में प्रसिद्ध अभिनेता सथ्यान की माँ का किरदार निभाया था, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।

सम्मान और पुरस्कार

सम्मान और पुरस्कार

पिछले कई दशकों में, कावियूर पोन्नम्मा ने कई पुरस्कार और सम्मानों से नवाज़ा। उन्होंने चार बार केरल राज्य का दूसरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। उनके इस व्यापक और प्रतिष्ठित करियर में पोन्नम्मा ने कई उत्कृष्ट फिल्मों में काम किया, जिनमें 'अवलकुंथमिदे अंदु', 'मेजेस्टिक', 'तात्तम' और 'अम्मा' जैसी फिल्में शामिल हैं।

आखिरी फिल्म और अंतिम दिन

आखिरी फिल्म और अंतिम दिन

कावियूर पोन्नम्मा की आखिरी फिल्म 'आनुम पेनुम', एक एंथोलॉजी फिल्म थी, जो 2021 में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म तीन छोटे कहानियों का संग्रह थी और पोन्नम्मा ने इसमें अद्भुत अभिनय किया था। उनकी अंतिम दिनों में उनकी सेहत कमजोर होने लगी और लगभग एक महीने से उन्हें उम्र संबंधी बीमारियाँ हो गई थीं।

अधूरा छोड़ गई एक युग

कावियूर पोन्नम्मा का निधन मलयालम सिनेमा के एक युग का अंत है। उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा और उनकी भूमिकाएं और उनके द्वारा निभाए गए माँ के किरदार भारतीय सिनेमा के इतिहास का हिस्सा बने रहेंगे। उनके न रहने से मलयालम सिनेमा ने एक महान अभिनेत्री को खो दिया है, जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती।

कावियूर पोन्नम्मा के निधन से मलयालम फिल्म समीक्षकों, दर्शकों, और साथी कलाकारों में शोक की लहर है। उनके असनीय योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उनकी परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों को हमारी गहरी संवेदनाएं।

टिप्पणि

  • Hariom Kumar

    सितंबर 21, 2024 AT 03:31

    Hariom Kumar

    बहुत दुःख की बात है, लेकिन उन्होंने अपने पूरे करियर में हमें अनेकों यादें दीं 😊

  • shubham garg

    सितंबर 21, 2024 AT 17:24

    shubham garg

    कावियूर दीदी की फिल्में देख कर हम सबको मैत्री और साहस मिला, उनका योगदान हमेशा याद रहेगा!

  • LEO MOTTA ESCRITOR

    सितंबर 22, 2024 AT 07:17

    LEO MOTTA ESCRITOR

    कावियूर पोन्नम्मा का योगदान केवल अभिनय तक सीमित नहीं था, बल्कि वह सामाजिक परिवर्तन की भी प्रतीक थीं।
    उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि दृढ़ता और समर्पण से हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
    उन्होंने अपने शुरुआती वर्षों में मंच पर अभिनय करके खुद को सिद्ध किया, जो आज के कलाकारों के लिए प्रेरणा है।
    वे हमेशा माँ की भूमिका में ही नहीं, बल्कि जटिल चरित्रों को भी बखूबी निभाती थीं।
    उनके किरदारों में नैतिकता और मानवता की गहरी भावना झलकती थी।
    मलयालम सिनेमा की इतिहास में उनका स्थान अनिवार्य रूप से अडिग रहेगा।
    वह कई पीढ़ियों के दर्शकों के दिलों में एक माँ जैसी छवि को स्थापित कर गईं।
    उनका अभिनय शिल्प और भावनात्मक अभिव्यक्ति का सम्मिश्रण था।
    उन्होंने अपने काम के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
    उनके द्वारा निभाए गए कई किरदार आज भी सामाजिक मानदंडों को चुनौती देते हैं।
    उनके फिल्मी सफर में विविधता और गहराई दोनों ही स्पष्ट दिखाई देती हैं।
    वे न केवल बड़ी स्क्रीन पर बल्कि छोटे मंचों पर भी उतनी ही प्रभावी थीं।
    उनके विदा होने से फिल्म उद्योग में एक खालीपन रह गया है, लेकिन उनकी स्मृति हमेशा जीवित रहेगी।
    हम सभी को उनके द्वारा स्थापित मानकों को आगे बढ़ाने का दायित्व है।
    अंत में, कावियूर दीदी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची कला समय के साथ हमेशा बनी रहती है।

  • Sonia Singh

    सितंबर 23, 2024 AT 11:04

    Sonia Singh

    उनकी माँ की भूमिका मेरे बचपन की सबसे यादगार थी; हर बार उनका दीदार दिल को छू जाता था।

  • Ashutosh Bilange

    सितंबर 24, 2024 AT 14:51

    Ashutosh Bilange

    क्या बात है, पोन्नम्मा ने तो सिनेमा में एतना ड्रमाक बना दिया कि और कोई नहीं बचा! वाह बहुुत जबरदस्त!

  • Kaushal Skngh

    सितंबर 25, 2024 AT 18:37

    Kaushal Skngh

    उनकी फिल्में काबिल-तारीफ़ थीं, पर कुछ कमियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

  • Harshit Gupta

    सितंबर 26, 2024 AT 22:24

    Harshit Gupta

    इतनी महान माँ को खोना हमारी सांस्कृतिक विरासत का बड़ा झटका है, हमें इस हानि को याद रखनी चाहिए।

  • HarDeep Randhawa

    सितंबर 28, 2024 AT 02:11

    HarDeep Randhawa

    वास्तव में-यह तो एक अच्‍छा बिन्‍दी है--आश्चर्यजनक!

  • Nivedita Shukla

    सितंबर 29, 2024 AT 05:57

    Nivedita Shukla

    कावियूर दीदी की याद में आँखों में आँसू, दिल में खुशी, और मन में असीम सम्मान-उनकी कहानी सुनते ही एक नया सवेरा मानो उठता है। उनके काम ने हमें सिखाया कि माँ केवल जन्म देती है, बल्कि विचारों और भावनाओं को भी पोसती है। ऐसे महान कलाकार को याद करना एक रहस्यमयी यात्रा बन जाता है, जहाँ हर याद एक गीत बन जाती है।

  • Rahul Chavhan

    सितंबर 30, 2024 AT 09:44

    Rahul Chavhan

    उनकी फिल्मों में अक्सर सामाजिक संदेश होते थे, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता था।

  • Joseph Prakash

    अक्तूबर 1, 2024 AT 13:31

    Joseph Prakash

    कावियूर पोन्नम्मा की याद में 🙏❤️ उनकी फिल्में हमेशा हमारे दिल में रहेंगी

  • Arun 3D Creators

    अक्तूबर 2, 2024 AT 17:17

    Arun 3D Creators

    समय बदलता है लेकिन सच्चा कला हमेशा बनी रहती है

  • RAVINDRA HARBALA

    अक्तूबर 3, 2024 AT 21:04

    RAVINDRA HARBALA

    उनकी फिल्मोग्राफी का आँकलन करते हुए कहा जा सकता है कि कई बार उनकी भूमिका में व्यावसायिक दबाव ने कलाकारिता को सीमित किया।

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