मनन चक्रवर्ती

लेखक

यूक्रेनियन ड्रोन हमलों से रूस में मची खलबली

रूस में हाल ही में हुए एक व्यापक ड्रोन हमले ने देश के कई हिस्सों में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, 140 से अधिक यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के विभिन्न क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें राजधानी मॉस्को और उसके आस-पास के इलाके भी शामिल थे। यह हमले रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमलों में से एक माना जा रहा है।

रामेन्स्कॉय में विवाद

पिछली रात को हुए इस हमले में मॉस्को के बाहर स्थित रामेन्स्कॉय में दो बहुमंजिला आवासीय इमारतों को क्षति पहुंची। इस हमले के कारण एक महिला की मौत हो गई और तीन अन्य व्यक्ति घायल हो गए। इस क्षेत्र के पाँच आवासीय भवनों को एहतियातन खाली करा लिया गया है। मॉस्को क्षेत्र के गवर्नर, आंद्रेई वोरोब्योव ने बताया कि आपातकालीन सेवाएं ड्रोन के मलबे को साफ करने का काम कर रही हैं।

हवाई अड्डों पर असर

इस घटना ने मॉस्को के तीन प्रमुख हवाई अड्डों—व्नुकोवो, डोमोडेड़ोवो और झुकोवस्की—की अस्थायी बिना पर बंदी की स्थिति उत्पन्न की है। रूस की नागरिक उड्डयन प्राधिकरण, रोसावियात्सिया के अनुसार, 48 उड़ानों को अन्य हवाई अड्डों पर मोड़ दिया गया। मॉस्को के मेयर, सेर्गेई सोब्यानिन ने बताया कि ड्रोन का मलबा मॉस्को के बाहरी इलाके में एक निजी घर पर गिरा, लेकिन इस घटना में किसी को चोट नहीं लगी।

मॉस्को की ओर बढ़ रहे दर्जनों ड्रोन को हवाई सुरक्षा बलों ने गिरा दिया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि 144 यूक्रेनी ड्रोन को नौ अलग-अलग रूसी क्षेत्रों में नष्ट कर दिया गया, जिनमें यूक्रेन के साथ सीमा से सटे क्षेत्र और रूस के अंदरूनी हिस्से शामिल थे।

पिछले हमलों की गूंज

इस महीने की शुरुआत में, 1 सितंबर को, एक अन्य बड़े यूक्रेनी ड्रोन हमले में, रूसी सेना ने 158 यूक्रेनी ड्रोन को देश के विभिन्न हिस्सों में इंटरसेप्ट किया था। इन बड़े पैमाने पर हमले दोनों देशों के बीच हो रहे संघर्ष में टकराव की नई स्थिति को इंगित करते हैं।

आगे की स्थिति

रूसी अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा बल और संबंधित एजेंसियां उच्च समर्पण के साथ कार्य कर रही हैं और नागरिकों की सुरक्षा हेतु सभी आवश्यक कदम उठा रही हैं। ड्रोन हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष अब नए आयाम पर पहुंच गया है और इसके प्रभाव बड़े और संवेदनशील क्षेत्रों तक फैल गए हैं।

इस प्रकार के हमले न केवल सैन्य ठिकानों को बल्कि नागरिक स्थलों को भी प्रभावित कर रहे हैं। इससे सामने आता है कि ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल दोनों पक्षों के लिए कितना रणनीतिक हो सकता है।

दोनों देशों के संघर्ष की इस गंभीर स्थिति में, वैश्विक समुदाय की नज़रें इस पर टिकी हैं कि कैसे यह टकराव आगे बढ़ेगा और इससे होने वाले संभावित प्रदूषण और आर्थिक प्रभावों को कैसे नियंत्रित किया जाएगा।

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