नयी e-लॉटरी प्रणाली का परिचय
झारखंड सरकार ने शराब की दुकान के लाइसेंस वितरण में पारदर्शिता लाने के लिये एक डिजिटल समाधान पेश किया है। इस प्रणाली के तहत "देशी शराब" और "कॉम्पोज़िट शराब" दोनों की दुकानें 5 साल के लाइसेंस के लिये ऑनलाइन लॉटरी में भाग ले सकती हैं। झारखंड ऑनलाइन लॉटरी का मुख्य उद्देश्य घातक काले बॉक्स को खत्म करना, प्रक्रिया को सुगम बनाना और सभी इच्छुक व्यवसायियों को समान मैदान पर लाना है।
आवेदन प्रक्रिया और समय‑सीमा
आवेदन विंडो 8 अगस्त सुबह 11 बजे खुली और 20 अगस्त शाम 7 बजे तक चलती रही। इच्छुक आवेदकों को https://exciselottery.jharkhand.gov.in पोर्टल पर अपना प्रोफ़ाइल बनाकर पूरी जानकारी भरनी होती थी। आवेदन करने से पहले निर्धारित Earnest Money Deposit (EMD) और आवेदन शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करना अनिवार्य था। भुगतान की पुष्टि 20 अगस्त रात 11:59 बजे तक होनी चाहिए नहीं तो आवेदक को लॉटरी के बाहर माना जाएगा।
भुगतान के विकल्प में क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट‑बैंकिंग, NEFT/RTGS और IMPS शामिल थे, जिससे पूरे राज्य में डिजिटल पहुँच आसान हो गई।
लॉटरी ड्रॉ 22 अगस्त को दोपहर 11 बजे शुरू हुआ और इसे कंप्यूटर एल्गोरिद्म द्वारा यादृच्छिक रूप से किया गया। इस प्रक्रिया को विभागीय वेबसाइट और संबंधित जिला NIC साइटों पर लाइव स्ट्रीम किया गया। सभी जिला कलेक्टरैटों में भी बड़े स्क्रीन पर प्रसारण करके जनता को देखा गया।
लॉटरी में भाग लेने वाले मुख्य जिलों में देओघर, जामताड़ा और साहिबगंज शामिल हैं। हर जिले ने अपनी विशिष्ट बिक्री तथा लॉटरी नोटिफिकेशन जारी की, जिससे स्थानीय व्यापारियों को अपने क्षेत्र की शर्तें समझने में मदद मिली।
आवेदन के लिये आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची नीचे दी गई है:
- आवेदक का राष्ट्रीय पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन आदि)
- पता प्रमाण (बिल, बिजली पत्र आदि)
- आवेदन फॉर्म – व्यक्तिगत, फर्म, कंपनी या हिंदू अंडिवाइडेड फ़ैमिली (HUF) के अनुसार
- शपथ पत्र – सभी आवेदकों को कानूनी रूप से सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है
- भुगतान की रसीद – ऑनलाइन लेन‑देन की पुष्टि के लिये
परिचालन में सहायता करने वाली संस्था Jharkhand State Beverages Corporation Limited (JSBCL) है, जो थोक बिक्री और सप्लाई चैन को नियंत्रित करती है। लाइसेंसधारक को JSBCL से लाइसेंसेड शराब की वस्तु मिलती है, जिससे बाजार में गुणवत्ता और कीमत दोनों का संतुलन बना रहता है।
इस पहल का व्यापक लक्ष्य शराब व्यापार में एकाधिकार को तोड़ना, छोटे व्यापारियों को अवसर देना और उपभोक्ताओं को किफ़ायती व गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराना है। 5 साल की लाइसेंस अवधि व्यापारियों को स्थिरता प्रदान करती है, जबकि लॉटरी प्रक्रिया सभी योग्य आवेदकों को समान रूप से मौका देती है। डिजिटल मंच ने न केवल समय बचाया बल्कि निधियों के लेन‑देन में भी पारदर्शिता लाई।
कुल मिलाकर, झारखंड की यह डिजिटल लाइसेंसिंग व्यवस्था प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और न्यायसंगत प्रतिस्पर्धा के लिये एक नया मानक स्थापित कर रही है। यह मॉडल अन्य राज्यों के लिये भी प्रेरणा बन सकता है, जहाँ शराब लाइसेंस की वितरण प्रक्रिया में अक्सर अनियमितताएं देखी जाती थीं।
सितंबर 23, 2025 AT 20:28
Vibhor Jain
ऑनलाइन लॉटरी, केवल एक और सरकारी पहल, क्या बदल पाएगा?
सितंबर 23, 2025 AT 21:26
Rashi Nirmaan
झारखंड में शराब की दुकान के लाइसेंस हेतु ऑनलाइन लॉटरी का परिचय, परम्परागत भ्रष्टाचार को समाप्त करने के अभिप्राय से किया गया, तथापि इस प्रणाली की मौलिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाना आवश्यक है, क्योंकि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म स्वयं भी अनुचित लाभ के दायरे में आ सकता है।
सितंबर 23, 2025 AT 23:06
Ashutosh Kumar Gupta
यह डिजिटल लॉटरी, असल में छोटे व्यापारियों को छलावे के जाल में फँसाने का एक नया रूप है, जहाँ सत्ता के दांव पर जनता को बेवकूफ़ी का शिकार बनाया जाता है।
सितंबर 24, 2025 AT 01:03
fatima blakemore
भाइयो, ये ऑनलाइन लॉटरी सच्ची में काफी आसान लग रही है, पर याद रखो कि दस्तावेज़ सहीसे भरना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो बाद में परेशानी होगी।
सितंबर 24, 2025 AT 03:00
vikash kumar
जटिल एल्गोरिद्मिक चयन प्रक्रियाएँ, शैक्षणिक मान्यताओं के अनुरूप निष्पक्षता को परिभाषित करती हैं; अतः इस संरचना में प्रणालीगत पारदर्शिता निहित है।
सितंबर 24, 2025 AT 06:36
Anurag Narayan Rai
झारखंड के प्रशासन ने शराब लाइसेंस वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक नवीन डिजिटल लॉटरी प्रणाली को लागू किया है। यह कदम पारम्परिक काली पेटी प्रणाली को समाप्त करके सभी इच्छुक व्यापारियों को समान अवसर प्रदान करने का उद्देश्य रखता है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में आधार कार्ड, पैन आदि मूल पहचानपत्रों की जाँच की जाती है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होती है। इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के विकल्प-क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट‑बैंकिंग, NEFT/RTGS और IMPS-उपलब्ध होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल पहुँच सुगम हो जाती है। संभावित आवेदक को निर्धारित समय सीमा के भीतर EMD तथा आवेदन शुल्क जमा करना अनिवार्य है, अन्यथा उन्हें लॉटरी के बाहर माना जाता है। लॉटरी ड्रॉ को कंप्यूटर एल्गोरिद्म द्वारा यादृच्छिक रूप से निष्पादित किया गया, जिससे मानवीय पक्षपात का जोखिम समाप्त हो जाता है। ड्रॉ के दौरान सभी जिला कलेक्टरैटों में बड़े स्क्रीन पर प्रसारण किया गया, जिससे जनमानस को वास्तविक‑समय में प्रक्रिया का निरीक्षण करने का मौका मिला। इस प्रणाली का लाभ यह है कि यह न केवल समय बचाता है, बल्कि निधियों के लेन‑देन में भी पारदर्शिता स्थापित करता है। भुगतान की पुष्टि के लिए ऑनलाइन रसीद प्रस्तुत करनी पड़ती है, जिससे वित्तीय चोरी या लापरवाहियों की संभावना न्यूनतम रहती है। स्थानीय विक्रेताओं के लिए यह एक स्थायी पाँच साल का लाइसेंस प्रदान करता है, जिससे उनका व्यापार स्थिरता प्राप्त करता है। साथ ही, यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकता है, जहाँ शराब लाइसेंस वितरण में अक्सर अनियमितताएँ देखी गई हैं। डिजिटल मंच के माध्यम से राज्य सरकार को डेटा संग्रहण में भी सुविधा होती है, जिससे भविष्य में नीतियों का पुनर्मूल्यांकन आसान हो जाता है। बाजार में गुणवत्ता और कीमत के संतुलन को बनाए रखने के लिए JSBCL जैसी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहती है। संपूर्ण प्रक्रिया में नागरिकों का विश्वास बढ़ता है, क्योंकि हर चरण को सार्वजनिक रूप से देखा जा सकता है। अंततः, यह पहल छोटे व्यापारियों को अवसर देती है और काले बॉक्स को समाप्त करके राज्य के राजस्व में भी सुधार की आशा करती है।
सितंबर 24, 2025 AT 08:00
Sandhya Mohan
ऐसा लगता है कि डिजिटल परिवर्तन के इस चरण में हम सब एक नई चेतना की ओर अग्रसर हैं, जहाँ तकनीक और न्याय एक साथ चलते हैं।
सितंबर 24, 2025 AT 09:23
Prakash Dwivedi
समय की कमी और अनिश्चितता के बीच, यह लॉटरी प्रक्रिया भावनात्मक तनाव को बढ़ा सकती है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो लाइसेंस के बिना अपने व्यवसाय को चलाने की स्थिति में हैं।
सितंबर 24, 2025 AT 10:46
Rajbir Singh
आपकी भावनात्मक चिंता समझ में आती है, परन्तु प्रक्रिया स्वयं अत्यधिक पारदर्शी है, जिससे व्यक्तिगत तनाव को न्यूनतम किया जाता है।
सितंबर 24, 2025 AT 12:10
Swetha Brungi
आपका दृष्टिकोण सराहनीय है; इस डिजिटल पहल को अपनाने से छोटे व्यापारी भी आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकते हैं।
सितंबर 24, 2025 AT 13:33
Govind Kumar
डिजिटल लॉटरी की कार्यकारिता का मूल्यांकन करने के लिए नियामक निरीक्षण एवं स्वतंत्र ऑडिट आवश्यक है, जिससे संभावित त्रुटियों की समय पर पहचान सम्भव हो सके।
सितंबर 24, 2025 AT 14:56
Shubham Abhang
यह, प्रणाली, वास्तव में, एक कदम है, लेकिन, कई, पहलुओं में, अभी, सुधार, की, जरूरत, है, जैसे, उपयोगकर्ता, इंटरफ़ेस, में, बग्स, और, भुगतान, गेटवे, के, साथ, मिलने, वाली, समस्याएँ।
सितंबर 24, 2025 AT 16:20
Trupti Jain
वास्तव में, इस डिजिटल प्रयोग में कुछ भी चमकीला नहीं है; बस सादा सा एक ही रंग है - निराशा।
सितंबर 24, 2025 AT 17:43
deepika balodi
क्या इस लॉटरी के परिणाम सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे?
सितंबर 24, 2025 AT 19:06
Priya Patil
हां, सभी परिणाम आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित होते हैं; इस पारदर्शिता से सभी को भरोसा मिलता है।
सितंबर 24, 2025 AT 20:30
Rashi Jaiswal
चलो देखिए, डिजिटल लॉटरी से छोटे दुकानदारों को एक नया मौका मिलेगा, आशा है सबको फ़ायदा हो!
सितंबर 24, 2025 AT 21:53
Maneesh Rajput Thakur
यह पहल, बेशक, सरकार की प्रोपेगैंडा का हिस्सा हो सकती है, क्योंकि डिजिटल डेटा को संग्रहित करके भविष्य में अधिक नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है।
सितंबर 24, 2025 AT 23:16
ONE AGRI
देश की प्रगति के लिये डिजिटल उपाय आवश्यक हैं, परंतु इस लॉटरी को केवल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं चलाया जाना चाहिए। जब तक आम जनता को वास्तविक लाभ नहीं दिखता, तब तक यह प्रक्रिया केवल दिखावे की ही छड़ी बन जाती है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर व्यापारिक अवसर का वितरण समान हो, न कि केवल कुछ चुने हुए वर्ग को ही प्राथमिकता मिले। यदि सरकार सच्चे इरादों के साथ आगे बढ़े तो यह कार्यक्रम राष्ट्रीय हित में एक मुकाम हासिल करेगा।