टॉक्सी टी20आई जीत के बाद भारतीय महिला क्रिकेट की नई राह
जून‑जुलाई 2025 में इंग्लैंड के सामने भारत की महिला टीम ने इतिहास रच दिया। हार्मनप्रीत कौर की कप्तानी में वे पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ टी20आई सीरीज़ 4-1 से जीत गईं। यह जीत सिर्फ एक स्कोर नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की प्रगति का प्रतीक थी।
पहले मैच में टीम ने 97 रन से जीत दर्ज की, जहाँ स्मृति मंडाना ने अपना पहला टी20आई शतक बना कर सबको चकित कर दिया। उनके बाद अंजुमत कौर और जेमिमाह रोड्रिगेज ने क्रमशः 63‑63 रन की चमक बिखेरी, जिससे भारत के हाथ में 2-0 का लाभ हो गया। तीसरा मैच इंग्लैंड ने पाँच रन से जीत लिया, पर भारतीय टीम ने चौथे मैच में छक्के पकड़े और छह विकेट से जीत कर श्रृंखला का मुकुट सुरक्षित कर लिया। आखिरी खेल में इंग्लैंड ने आख़िरी गेंद तक धकेला, फिर भी भारत ने अपनी लक्ष्य प्राप्त कर ली।
यह उलट‑फेर का सफर टीम की मानसिक दृढ़ता को उजागर करता है। हार्मनप्रीत ने कहा, "हमने अपना खेल, हमारी आत्मविश्वास और हमारा टीम‑स्पिरिट दिखाया। अब ओडीआई का चरण है, जहाँ हमें वही ऊर्जा लानी है।"

ओडीआई सीरीज़ में विजय की कहानी
टी20आई में मिली जीत के बाद भारत ने ओडीआई श्रृंखला में भी अपना दमखम दिखाया। पहले मैच में दीप्ती शर्मा ने 62 बिना आउट हुए बनाए, जिससे भारत चार विकेट से जीत हासिल कर सका। यह जीत टीम के लिए एक मजबूत शुरुआती कदम साबित हुई।
दूसरे मैच में बारिश ने खेल को रुकाया, पर इंग्लैंड ने बचते‑बचाते आठ विकेट से जीत दर्ज की और श्रृंखला को बराबर कर दिया। इस बीच भारतीय गेंदबाजों ने दबाव बनाया, जिससे अंततः तीसरे और निर्णायक खेल में मंच तैयार हो गया।
तीसरे ओडीआई में कप्तान हार्मनप्रीत ने अपना सातवां शतक बनाए, 102 रन की पत्थर की तरह पारी को आगे बढ़ाया। उनके साथ, कृष्णा गूड ने अपना पहला पाँच- विकेट का ओडीआई करिश्मा दिखाते हुए 6/52 के आंकड़े लिखे। इस दोहरी प्रदर्शन ने भारत को 13 रन से जीत दिलाई और श्रृंखला का स्कोर 2-1 बना दिया।
टूर्नामेंट के प्रमुख आंकड़ों को देखा जाए तो:
- सबसे बड़ा टीम‑इंडिविजुअल स्कोर: स्मृति मंडाना (T20I) – 100+ रन
- सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज (ओडीआई): कृष्णा गूड – 6/52
- सर्वश्रेष्ठ बटिंग एवर: हार्मनप्रीत कौर (ओडीआई) – 102 रन
- सबसे स्थिर मध्य‑ऑर्डर: दीप्ती शर्मा – 62* (ओडीआई 1)
यह दोहरी श्रृंखला जीत केवल आँकड़ों से नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इस टूर को 2024 में अपने 2025 के घरेलू कैलेंडर में शामिल किया था, जिससे दोनों देशों में महिला क्रिकेट को समान मंच मिला। अब सवाल यह है कि इस सफलता को कैसे टिकाया जाए और आगे के दौरे में क्या नया लाया जाए।
टूर के बाद टीम ने बताया कि उन्होंने विदेशी पिचों पर खेले जाने वाले विभिन्न रणनीतियों को अपनाया, और लजिस्टिक चुनौतियों को मिलजुल कर संभाला। इस अनुभव से युवा खिलाड़ियों को भी सीख मिली—कैसे दबाव में शांत रहकर अपने खेल को बेहतर बनाना है। हार्मनप्रीत ने आशा जाहिर की कि इस जीत के बाद नई पीढ़ी के लिए अधिक अवसर आएँगे और भारत की महिला क्रिकेट विश्व में और ऊँचा उठेगी।