अप्रैल 2025 के एशिया कप में एक ऐसा मोड़ आया जिसने सभी दर्शकों को चकित कर दिया। जाकर अली के बल्ले पर बॉल की गिरावट ही नहीं हुई, बल्कि बॉल सीधे ऑफ़ स्टम्प से टकरा गई—फिर भी बाइल्स जगह पर ही रहे। इस अकल्पनीय घटना ने खेल के नियमों को फिर से सामने लाया और बांग्लादेश को एक महत्त्वपूर्ण बचाव दिया।
मुकाबले की पृष्ठभूमि और स्थिति
13 सितंबर को अबू धाबी में ग्रुप B का सामना हुआ, जहाँ बांग्लादेश ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग का फैसला किया। शुरुआती ओवरों में टीम को घुटन का सामना करना पड़ा; 7.2 ओवर में केवल 38 रन और चार विकेट गिर चुके थे। सून्य‑से‑शून्य की इस स्थिति में, स्रीलंका के 28‑साल के लेग‑स्पिनर वैनिंदु हसरंगा ने अपना 10वां ओवर शुरू किया।
हसरंगा ने एक शानदार गुगली डाली, जो जाकर अली को पूरी तरह से धोखा दिया। अली ने गेंद को पहचान नहीं पाई, इसलिए वह बैट से छूट गई और सीधे ऑफ़ स्टम्प पर लगी। स्टम्प के नीचे की लाइटें चमक उठीं, और स्रीलंका के खिलाड़ी तुरंत ही जश्न मनाने लगे, सोचते हुए कि उन्होंने एक निश्चित आउट कर लिया है। लेकिन नियमों के अनुसार, बाइल्स को पूरी तरह से हटना चाहिए, और इस बार ऐसा नहीं हुआ।
चमत्कारिक बचाव और इसके बाद का खेल
स्टम्प पर लगे बॉल ने एक बार बाइल को थोड़ा ऊपर उछाला, लेकिन घर्षण के कारण वह तुरंत अपनी जगह वापस आ गया। इस कारण वाणिज्यिक नियमों के तहत जाकर अली को नॉट आउट घोषित किया गया। हसरंगा और उनके साथियों की आँखों में हैरानी साफ़ दिखी; वे समझ नहीं पा रहे थे कि ऐसा कैसे हुआ। ऑन‑फील्ड अंपायर ने भी नियमों के आधार पर बटन दबाकर नहीं कर सका, इसलिए अली को बॉल पर निरंतर रहने दिया गया।
यह अप्रत्याशित राहत बांग्लादेश को नई ऊर्जा दे गई। अली ने सोचा, "अब मौका मिला, चलो अपनी टीम का हाथ थामते हैं।" वह अगली डिलीवरी पर फिर से अटैक किया और 41 रन की unbeaten पारी बनाई। उसके साथ शमीम हौसैन ने भी 42 रन बनाए, जिससे टीम का स्कोर 139/5 तक पहुँच गया। यह कुल 139 रन, 20 ओवर में, वह लक्ष्य था जिसे बांग्लादेश के गेंदबाजों को बचाना था।
हसरंगा ने अपनी पूरी स्पेल में 2 विकेट लिए और 25 रन दिए, लेकिन वह तीसरे विकेट का मौका अपनी ट्रैक्शन खो बैठा। इस घटना ने पूरे मैच के बारे में चर्चा को तेज़ कर दिया—खेल के नियमों की बारीकी कभी‑कभी खेल की दिशा बदल देती है, ये बात सबको याद दिला दी गई।
भविष्य की टीम रणनीति पर भी इस घटना का असर पड़ेगा। बांग्लादेश के कोच ने कहा, "अली की यह बचाव हमें दिखाती है कि हर गेंद को गंभीरता से लेना चाहिए, चाहे वह क्षणिक ही क्यों न लगे।" वहीं स्रीलंका की टीम ने अपने स्पिनर को भरोसा देते हुए कहा कि अगली बार वे इस तरह की अनकही स्थितियों से बचेंगे।
एशिया कप के इस ग्रुप B मैच में बाइल्स के न हटने का दृश्य जल्द ही क्रिकेट की एनेस्थेटिक बुक में दर्ज हो जाएगा। यह याद दिलाता है कि खेल में तकनीकी नियम कभी‑कभी असाधारण परिणाम दे देते हैं, और खिलाड़ी को हमेशा तैयार रहना चाहिए, चाहे वह बॉल की दिशा कुछ भी हो।