शराब दुकान लाइसेंस कैसे हासिल करें?
अगर आप शराब की दुकान खोलने की सोच रहे हैं तो सबसे पहला काम है लाइसेंस लेना. बिना लाइसेंस के व्यापार illegal माना जाता है और जुर्माना या बंदी का खतरा रहता है. इस लेख में हम आपको स्टेप‑बाय‑स्टेप बताएंगे कि लाइसेंस कैसे मिलाया जाता है, कौन‑से दस्तावेज़ चाहिए और प्रक्रिया में कितना समय लगता है.
लाइसेंस के मुख्य प्रकार
भारत में शराब की बिक्री के लिये दो बड़े लाइसेंस होते हैं – फूड‑लीक्विड लाइसेंस (AL) और एलेवेटर लाइसेंस (EL). AL मुख्यतः एख बार, रेस्तरां या होटलों में रखी जाती है जहाँ खाने के साथ मद्य पेश किया जाता है. EL का प्रयोग सिर्फ शराब की रिटेल दुकान या लाइटिंग बार में होता है जहाँ केवल अल्कोहल बेचते हैं. आपके व्यापार मॉडल के हिसाब से सही लाइसेंस चुनें, इससे आगे की परेशानी नहीं होगी.
आवेदन प्रक्रिया के कदम
1. प्रस्तावित जगह की पुष्टि – आपके दुकान का स्थान राज्य के शराब नीति वाले ज़िले में होना चाहिए. कुछ राज्यों में सूबिक / ज़िला कमिश्नर की मंजूरी आवश्यक होती है.
2. फॉर्म भरें – राज्य के शराब आयुक्त (Excise Commissioner) की वेबसाइट से Form 21 डाउनलोड करें या काउंटर से ले लें. सभी फ़ील्ड सही भरें, खासकर व्यापार का पता और मालिक की पहचान.
3. जरोरी दस्तावेज़ तैयार करें –
• आयकर पैन कार्ड
• आधार कार्ड (मालिक का)
• दुकान का किराया/मालिकाना प्रमाण पत्र
• व्यापार योजना (कैसे, कितना, किसे बेचेंगे)
• पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट (यदि ज़रूरी हो)
4. फीस जमा करें – लाइसेंस फीस राज्य अनुसार बदलती है, सामान्यतः 10,000 से 1,00,000 रुपये. भुगतान का रसीद रखें, ये आवेदन के साथ संलग्न करनी होती है.
5. स्थानीय प्रशासन को सबमिट करें – फॉर्म, दस्तावेज़ और फीस की रसीद को जिला ऑफिस में जमा करें. वहाँ से आपका आवेदन आगे राज्य स्तर पर भेजा जाएगा.
6. जांच और निरीक्षण – अधिकारी आपके दुकान की जगह पर जाएंगे, सुरक्षा, सिग्नेचर साइन बोर्ड, शराब की संग्रहण व्यवस्था आदि की जाँच करेंगे. अगर सब ठीक रहा तो लाइसेंस जारी होगा.
7. लाइसेंस प्राप्ति – आमतौर पर 30‑45 दिन में लाइसेंस आपको मिल जाता है. इसे दीवार पर लटकाएँ और हर साल नवीकरण की याद रखें.
ध्यान रखें कि लाइसेंस मिलने के बाद भी आपको स्थानीय शराब नीति का पालन करना होगा – समय‑समय पर कर रिटर्न, बिक्री रिपोर्ट और पावती जमा करनी पड़ती है.
यदि आप पहली बार शुरू कर रहे हैं तो एक स्थानीय वकील या कॉर्पोरेट कंसल्टेंट की मदद ले सकते हैं. वे आपके दस्तावेज़ सही रूप में तैयार कर देंगे और प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी.
अब आप जानते हैं कि शराब दुकान लाइसेंस पाने में कौन‑से कदम हैं और किन बातों पर ध्यान देना चाहिए. सही तैयारी और कानूनी सलाह के साथ आपका व्यापार सुरक्षित हाथों में रहेगा और आप जल्दी ही ग्राहकों को सेवा दे सकेंगे.
झारखंड में शराब की दुकान के लाइसेंस के लिये 5 साल की ऑनलाइन लॉटरी शुरू
झारखंड सरकार ने 5 साल के लिए शराब की दुकान के लाइसेंस देने हेतु एक ऑनलाइन e-लॉटरी प्रणाली लागू की। आवेदन 8‑20 अगस्त 2025 के बीच आधिकारिक पोर्टल पर खुले। लॉटरी ड्रॉ 22 अगस्त को लाइव प्रसारित हुआ, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आई। देओघर, जामताड़ा, साहिबगंज जैसे कई जिलों में यह लागू हुआ। लक्ष्य है एकाधिकार को तोड़ना और सभी योग्य आवेदकों को समान अवसर देना।