चक्रवात मोंथा: भारत के लिए खतरे, तैयारी और प्रभाव
चक्रवात मोंथा एक चक्रवात, जो बंगाल की खाड़ी में बनकर पूर्वी भारत के तटीय क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाने वाला तूफान है है। ये तूफान अक्सर अक्टूबर और नवंबर में बंगाल की खाड़ी से उठते हैं और पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार और झारखंड के कई जिलों को अपने रास्ते में तबाही फैला देते हैं। इनकी तीव्रता बढ़ने पर घर उड़ जाते हैं, खेत डूब जाते हैं, और लाखों लोग बेघर हो जाते हैं।
चक्रवात मोंथा के साथ आता है बंगाल की खाड़ी, जो भारत के पूर्वी तट पर चक्रवातों के लिए सबसे खतरनाक जन्मस्थान है। यहां पानी का तापमान अक्सर 28-30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जिससे हवाएं तेज होकर बारिश के बादल बनाती हैं। इसके बाद आईएमडी, भारत का मौसम विज्ञान विभाग, जो चक्रवात की दिशा, तीव्रता और समय का अनुमान लगाता है जल्दी से अलर्ट जारी करता है। इस अलर्ट के बिना लोग बच नहीं पाते। आईएमडी के अनुसार, मोंथा जैसे चक्रवातों की गति 100 किमी/घंटा से ज्यादा हो सकती है, और ये तूफान 200 किमी तक के क्षेत्र में भारी बारिश और तूफानी लहरें ला सकते हैं।
ये चक्रवात सिर्फ घरों को नहीं उड़ाते, बल्कि बिजली, पानी और सड़कों को भी नष्ट कर देते हैं। अक्सर इनके बाद बाढ़ और बीमारियां भी फैल जाती हैं। लोग अपने घरों को बचाने के लिए ऊंची जगहों पर जाते हैं, और सरकार अस्पताल, खाने और पानी की व्यवस्था करती है। आज के समय में जब आईएमडी के अलर्ट फोन पर आ जाते हैं, तो लोग जल्दी से बच सकते हैं। लेकिन अभी भी कई गांवों में ये अलर्ट पहुंचने में देर हो जाती है।
चक्रवात मोंथा के बारे में जानना सिर्फ खबर पढ़ने का मामला नहीं, बल्कि बचाव का मामला है। अगर आप पश्चिम बंगाल, ओडिशा या बिहार में रहते हैं, तो ये तूफान आपके लिए रोज का खतरा हो सकता है। इस लिस्ट में आपको चक्रवात मोंथा के सीधे प्रभाव, आईएमडी की चेतावनियां, बाढ़ के नुकसान, और जिन लोगों ने इसके बीच जीवन बचाया, उनकी कहानियां मिलेंगी। ये सब आपको अगले चक्रवात के लिए तैयार करेंगे।
चक्रवात मोंथा झारखंड में भारी बारिश का खतरा, 28 अक्टूबर से अलर्ट
चक्रवात मोंथा 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के तट पर टकराएगा, लेकिन झारखंड में 28-31 अक्टूबर तक भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा है। रांची मौसम केंद्र ने अलर्ट जारी किया है।