मनन चक्रवर्ती

लेखक

पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में अवनी लेखरा का स्वर्णिम प्रदर्शन

2024 के पेरिस पैरालिंपिक्स में भारतीय पैरा-शूटर अवनी लेखरा ने एक बार फिर देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह जीत अवनी के खेल करियर का दूसरा लगातार पैरालिंपिक स्वर्ण पदक है। इससे पहले उन्होंने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक्स में भी स्वर्ण पदक जीता था।

अवनी ने पेरिस पैरालिंपिक्स में 249.7 स्कोर के साथ नया पैरालिंपिक रिकॉर्ड कायम किया, जो उनके अद्वितीय कौशल और समर्पण को दर्शाता है। इस अद्वितीय उपलब्धि ने उन्हें भारत की सबसे सफल महिला पैरालिंपियन बना दिया है।

अवनी का रास्ता और कठोर परिश्रम

पैरालिंपिक्स में लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीतना कोई साधारण बात नहीं है। इसके पीछे कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास की लंबी कहानी है। अवनी ने 2012 में हुए एक दुर्घटना के बाद शूटिंग को अपने करियर की दिशा के रूप में चुना था। मात्र 22 वर्ष की आयु में उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल की है।

अवनी का सफर संघर्षों और कठिनाइयों से भरा रहा है। लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें हर मुश्किल का सामना करने में सक्षम बनाया। उनके कोच और परिवार का समर्थन भी उनके इस सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मोना अग्रवाल की अद्वितीय उपलब्धि

मोना अग्रवाल की अद्वितीय उपलब्धि

वहीं, पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में मोना अग्रवाल ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 36 वर्ष की मोना ने अपने पहले पैरालिंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 इवेंट में 228.7 स्कोर के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।

मोना के लिए यह एक बहुत बड़ा सम्मान है, क्योंकि यह उनका पहला पैरालिंपिक है और उन्होंने इसे विशेष बना दिया है। मोना की जीत उनकी मेहनत और संघर्ष की प्रतीक है।

योग्यताएँ और फाइनल का सफर

इस इवेंट में अवनी ने क्वालिफिकेशन राउंड में 625.8 स्कोर के साथ दूसरी पोजिशन हासिल की, जबकि मोना ने 623.1 स्कोर के साथ पाँचवी पोजिशन पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। इन दोनों खिलाड़ियों ने क्वालिफिकेशन राउंड में जोरदार प्रदर्शन किया, जिसने उन्हें फाइनल तक का रास्ता आसान कर दिया।

इसके अलावा, मनीष नरवाल ने P1 पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 इवेंट के फाइनल में भी जगह बनाई है। वहीं, रुद्रांश खंडेलवाल ने योग्यता प्राप्त करने से बाल-बाल चूक गए।

आने वाले मुकाबले

आने वाले मुकाबले

भारतीय दल के सबसे वरिष्ठ सदस्य श्रीहर्ष देवरेड्डी रामकृष्ण जल्द ही मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH2 इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में अपनी किस्मत आजमाएंगे। इस इवेंट को लेकर टीम में काफी उत्साह है और सभी को उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें हैं।

पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में भारतीय पैरा-शूटर्स का यह प्रदर्शन केवल एक खेल नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत है। यह साबित करता है कि कठिनाइयाँ चाहे कितनी भी बड़ी हों, दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

निष्कर्ष

अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल की यह उपलब्धियाँ न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय हैं। इन दोनों खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से न केवल मेडल जीते हैं, बल्कि आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने हैं।

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