मनन चक्रवर्ती

लेखक

रोहिणी में बम विस्फोट पर विस्तृत रिपोर्ट

करवा चौथ के शुभ अवसर पर, जब हर ओर खुशियों और उत्साह का माहौल था, उसी दौरान दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र के प्रशांत विहार में एक भयानक विपत्ति ने वहां के निवासियों को दहशत में डाल दिया। CRPF स्कूल के पास हुए इस बम विस्फोट ने इलाके में हड़कंप मचा दिया और लोगों में अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया। राहत की बात यह रही कि इस विस्फोट में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, परंतु वहां की दुकानों और स्थानों को खासा नुकसान पहुंचा।

विस्फोट का प्रभाव और सुरक्षा बलों की तैनाती

विस्फोट के बाद दिल्ली पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया से क्षेत्र में सुरक्षा बहाल करने का कार्य आरंभ हो गया। CRPF, NSG, IB, और FSL की टीमों ने तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर वहां के स्थिति का जायजा लिया। विशेषज्ञों के मुताबिक घटना में अमोनियम नाइट्रेट और फास्फोरस के उपयोग की पुष्टि हुई है। स्थानीय बाजार में कहीं से भी विस्फोटक सामग्री खरीदी गई हो सकती है, इसकी भी संभावना पर जांच की जा रही है। घटना स्थल पर पाया गया सफेद पाउडर भी जांच के दायरे में है।

संभावित दोषियों की तलाश और जांच की दिशा

दिल्ली पुलिस ने पुलिस अधिनियम, और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दी गई है। संभावना है कि जांच को बाद में राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) को स्थानांतरित किया जा सकता है। शुरुआती जांच से इस बात की संभावना जताई जा रही है कि बम बनाने में इस्लामी अतिरेकियों की संलिप्तता हो सकती है। हालांकि, बम के समय में गड़बड़ी कारण अधिक नुकसान नहीं हुआ।

विस्फोट का समय और सुरक्षा के उपाय

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बम का समय सही रहता तो इस घटना के परिणाम और भयावह हो सकते थे। यह विस्फोट 2011 के दिल्ली उच्च न्यायालय के बम विस्फोट से मिलती-जुलती परिस्थिति बताई जा रही है। इसलिए सुरक्षा एजेंसियां घटना के सभी पहलुओं का गंभीरता से विश्लेषण कर रही हैं और नए सुरक्षा उपायों को लागू कर रही हैं। पुलिस ने स्कूल के आसपास के क्षेत्र की पूरी विस्तृत मानचित्रण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।

हाल के घटनाओं का जम्मू और कश्मीर से संदर्भ

हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पुलिस विभिन्न दृष्टिकोणों से जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे सभी धार्मिक और सांप्रदायिक हितों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि हर तरह के संभावित पहलू का विश्लेषण किया जा सके।

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