साइक्लोन मोंथा: भारत में तूफान का प्रभाव, चेतावनियाँ और प्रभावित क्षेत्र
साइक्लोन मोंथा, एक तूफानी घटना जो बंगाल की खाड़ी में बनकर भारत के पूर्वी तट पर प्रभाव डालता है ने 2025 के अक्टूबर में देश के कई हिस्सों में बड़ी बारिश और तेज हवाओं का कारण बना। इस तूफान का प्रभाव केवल तटीय क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि आंतरिक राज्यों जैसे झारखंड, भारत का एक ऐसा राज्य जहाँ बारिश के कारण बाढ़ और जमीन का अपरदन होता है और बिहार, उत्तरी भारत का एक ऐसा क्षेत्र जो हर साल चक्रवातों से गुजरता है तक फैल गया। आईएमडी ने इसकी निगरानी के लिए अलर्ट जारी किए, जिससे लोगों को समय रहते सावधान रहने का मौका मिला।
साइक्लोन मोंथा के बाद झारखंड में 28 से 31 अक्टूबर तक लगातार भारी बारिश हुई। रांची मौसम केंद्र ने बताया कि कुछ जगहों पर 21 सेमी से अधिक बारिश हुई, जिससे सड़कें बह गईं और गाँवों में बिजली और इंटरनेट की समस्याएँ बढ़ गईं। बिहार में भी पश्चिमी डिस्टर्बेंस के कारण 3-4 अक्टूबर को भारी बाढ़ का खतरा रहा। ये दोनों राज्य एक दूसरे के बाद बारिश के लहर से गुजरे, जिससे बारिश का असर एक लंबी श्रृंखला बन गया। दुर्गा पूजा के दौरान ये बारिश ने लोगों के त्योहार के योजनाओं को बिगाड़ दिया, और कोलकाता और ओडिशा में उड़ानें रद्द हो गईं।
क्या आपके इलाके में भी खतरा था?
अगर आप उत्तरी या पूर्वी भारत में रहते हैं, तो यह तूफान आपके लिए भी रिलेवेंट था। आईएमडी की चेतावनियाँ ने लोगों को घरों में रहने, नदियों के पास न जाने और बारिश के बाद बहती हुई बाढ़ के पानी से दूर रहने की सलाह दी। इस तरह के तूफान अक्सर लंबे समय तक असर छोड़ते हैं — फसलें बर्बाद हो जाती हैं, नहरें बंद हो जाती हैं, और लोगों की रोजगार की जगह भी खतरे में पड़ जाती हैं। यहाँ आपको इस तूफान से जुड़े सभी ताजा अपडेट, चेतावनियों और प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी मिलेगी, जिससे आप भविष्य के लिए भी तैयार हो सकें।
साइक्लोन मोंथा के बाद उत्तर प्रदेश के सात जिलों में भारी बारिश, बिजली, ट्रेनें और स्कूल बंद
साइक्लोन मोंथा के प्रभाव से उत्तर प्रदेश के देवरिया और गोरखपुर जैसे जिलों में भारी बारिश ने बिजली, ट्रेनें और स्कूलों को बंद कर दिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक चेतावनी जारी की है।