घटना का विवरण
शनिवार रात को छत्तीसगढ़ के कंदगांव के बडे़राजपुर विकास ब्लॉक के रावासवाही गाँव में एक स्थानीय कबाड़ी मुकाबला आयोजित किया गया था। खड़े‑खिलते दर्शकों के लिये एक छोटी सी टेंट लगी थी, जिसमें गाँव के लोग खड़े होकर खेल देख रहे थे। उसी समय अचानक तेज़ बौछार के साथ 11 kV की हाई‑टेंशन लाइन ने टेंट के लोहे के खम्भे को छू लिया। बिजली की तेज़ लहरें टेंट के अंदर और उसके आस‑पास मौजूद लोगों को झटका देती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस झटके में कुल छह लोग प्रभावित हुए। स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केंद्र, विश्रामपुरी अस्पताल ले गया। पहुँचने पर डॉक्टरों ने तीन लोगों को मौत की पुष्टि की. शेष तीन लोगों को जलने के घावों के साथ भर्ती कर दिया गया, जिनमें दो गंभीर स्थिति में थे और आगे के इलाज के लिये एक उन्नत मेडिकल हाउस भेजे गये।
मृतकों में सतिश नेतम (जो स्वयं मैच में खिलाड़ी भी थे) तथा श्यामलाल नेतम और सुनिल शोरी शामिल हैं, जो सभी नजदीकी गांवों के निवासी थे।
जांच और भविष्य की सुरक्षा
स्थानीय पुलिस ने घटना की गहराई से जांच शुरू कर दी है। शुरुआती बयानों में बताया गया है कि टेंट को हाई‑टेंशन लाइनों के निकट लगाना, बौछार के समय बिजली के वैकल्पिक रूटिंग की अनुपस्थिति, तथा आपातकालीन सुरक्षा उपकरणों के अभाव ने इस दुर्घटना को बढ़ावा दिया। पुलिस यह भी जांचेगी कि क्या आयोजन के दौरान बिजली की लाइन से दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन हुआ था या नहीं।
ऐसी घटनाओं से बचने के लिये विशेषज्ञ कई उपाय सुझाते हैं:
- अस्थायी संरचनाओं (जैसे टेंट) को हाई‑टेंशन लाइनों से कम से कम 10 मीटर दूरी पर स्थापित करें।
- बारिश या तूफ़ान के मौसम में बिजली के सप्लाई को अस्थायी रूप से बंद करने या वैकल्पिक स्रोतों से बदलने की व्यवस्था रखें।
- जोरदार हवाओं और बिजली गिरने के जोखिम को देखते हुए आयोजकों को रीस्पॉन्स टीम और आपातकालीन मेडिकल किट तैयार रखना चाहिए।
- स्थानीय प्रशासन को इवेंट परमिट जारी करने से पहले विद्युत सुरक्षा ऑडिट करवाना अनिवार्य करना चाहिए।
यह घटना यह भी रेखांकित करती है कि गाँव‑स्तर के खेल कार्यक्रमों में सुरक्षा नियमों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। जब भी बड़े मैदान या खुले स्थान पर खेल आयोजित किये जाते हैं, तो स्थानीय परिप्रेक्ष्य को समझते हुए विद्युत उपकरणों और मौसम की स्थितियों का पूर्वानुमान लगाना ज़रूरी है। इस तरह की इलेक्ट्रिक दुर्घटना न केवल मानव जीवन को छीन लेती है, बल्कि समुदाय में भय और उलझन भी पैदा करती है।
सितंबर 26, 2025 AT 08:12
Prince Fajardo
वाह, कबाड़ी मैच में बिजली का शो देखना था, लेकिन ये इतनी बड़ी इलेक्ट्रिक रॉकेट कूद गई! हाई‑टेंशन को टेंट से 10 मीटर दूर रखो, नहीं तो टेंट ही नहीं, लोगों की जिंदगियाँ भी फटेगी। organizers को पता होना चाहिए था, बरसात में ऐसी चीज़ें नहीं रखनी चाहिएं।
सितंबर 26, 2025 AT 12:22
Subhashree Das
यह दुखद घटना हमारे छोटे से गाँव की चेतना को झकझोर देती है।
जैसे ही बिजली की चमक टेंट को छू गई, दिलों में एक ठंडी लहर दौड़ गई।
तीनों की मौत का शोक आज भी हर घर में गूँज रहा है।
उनके परिवारों की आँखों में अब तक आँसू ठहरते हैं।
जो बच गए, उनके जलने वाले घाव हर रात सपने में रेत की तरह खुरचते हैं।
हमारी गलती सिर्फ टेंट को लाइन के बहुत नजदीक लगाना नहीं, बल्कि मौसमी चेतावनी को नज़रअंदाज़ करना भी है।
ऐसे में, प्रशासन को तुरंत सुरक्षा नियमों को कड़ाई से लागू करना चाहिए।
हर आयोजन को न्यूनतम दस मीटर की दूरी रखनी होगी, यह एक बुनियादी नियम है।
बारिश के मौसम में बिजली सप्लाई को स्विच ऑफ करना भी जरूरी है, नहीं तो यही दुर्दशा फिर दोहराई जा सकती है।
हमारी जिम्मेदारी है कि भविष्य में ऐसी त्रासदी न दोहरें।
समुदाय के रूप में हमें मिलकर आपातकालीन चिकित्सा किट और रेस्पॉन्स टीम तैयार रखनी चाहिए।
एक बार फिर यह सोचने की जरूरत है कि खेल-कूद की खुशी को सुरक्षित उपायों के साथ नहीं तोड़ना चाहिए।
किसी की अनचाही गलती से कई जानें नहीं लेनी चाहिएं।
इस दर्दनाक क्षण को याद रखकर हमें सबक सीखना चाहिए।
आशा है कि आगे ऐसे नियमों का कड़ाई से पालन होगा और कोई और इस तरह की त्रासदी नहीं झेलेगा।
सितंबर 26, 2025 AT 16:32
jitendra vishwakarma
भाई लोग, ऐसे टाइम में टेंट रखना खतरनाक है, बारा मौसम में ऐसे नहीं होना चाहिए। हो सकत था कि लाइन से दूर रखो, पर अब कई लोग दुःखी है।
सितंबर 26, 2025 AT 20:42
Ira Indeikina
भाईयों, जब प्रकृति की शक्ति हमें चोट पहुँचाती है, तो हमें अपने कर्मों पर विचार करना चाहिए। सुरक्षा को छोटा नहीं समझना चाहिए, चाहे वह खेल हो या कोई भी मेल। सबका सहयोग मिलकर ही हम ऐसी त्रासदी को रोक सकते हैं।
सितंबर 27, 2025 AT 00:52
Shashikiran R
अगर आयोजकों ने नियमों की गुंजाइश नहीं ली, तो इस तरह की मौतों को रोकना असंभव है। हमें सख्त दंड देना चाहिए जो भविष्य में किसी को भी लापरवाही नहीं करने दे। यह सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि सामाजिक बेबसी का संकेत है।
सितंबर 27, 2025 AT 05:02
SURAJ ASHISH
इसे एचबिडी तर्क नहीं, बस बकवास है।
सितंबर 27, 2025 AT 09:12
PARVINDER DHILLON
सबको शांति से समझना चाहिए कि सुरक्षा कोई विकल्प नहीं, यह अनिवार्य है 😊। हम सभी मिलकर बेहतर नियम बना सकते हैं।
सितंबर 27, 2025 AT 13:22
Nilanjan Banerjee
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हमें याद दिलाती है कि आधुनिकीकरण के साथ सुरक्षा के मूल सिद्धांतों को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। टेंट और हाई‑टेंशन लाइन के बीच न्यूनतम दूरी एक वैज्ञानिक मानक है, जिसे तुच्छ समझना अयोग्य है। इस प्रकार की लापरवाही न केवल मानवीय मूल्य को ठेस पहुँचाती है, बल्कि सामाजिक संरचना को भी कमजोर करती है।
सितंबर 27, 2025 AT 17:32
sri surahno
क्या आप जानते हैं कि ऐसी दुर्घटनाओं के पीछे अक्सर छुपे हुए एजेंसियों की साजिश होती है? हाई‑टेंशन लाइनों को सावधानी से नहीं, बल्कि कुछ खास समूहों के हित में टेंशन बढ़ाने के लिए रखा जाता है। हमें इस बात को उजागर करना चाहिए।
सितंबर 27, 2025 AT 21:42
Varun Kumar
सिर्फ एक वाक्य में सब कह दिया? यह राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अंधविश्वास है, हमें सच्चाई पर ध्यान देना चाहिए।