ग्रोउ क्या है? ग्रोउ के बारे में सब कुछ जो आपको जानना चाहिए
जब आप किसी को ग्रोउ, एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें व्यक्ति या संगठन सीखता, बदलता और बेहतर होता है. यह भी जाना जाता है विकास, यह सिर्फ बढ़ने का नाम नहीं, बल्कि समझदारी से आगे बढ़ने का तरीका है। आपका बैंक बैलेंस बढ़े या आपकी स्किल्स तेज हों, ग्रोउ हर चीज़ की जड़ है। ये वो चीज़ है जिससे एक आम इंसान बन सकता है एक लीडर, एक छोटी सी कंपनी बन सकती है एक ब्रांड, और एक खिलाड़ी बन सकता है एक इकोसिस्टम।
ग्रोउ का रिश्ता सीधा है — आप जितना सीखेंगे, उतना ही बढ़ेंगे। व्यक्तिगत विकास, एक ऐसा प्रक्रम जहाँ आप अपने विचार, आदतों और विश्वासों को बदलकर खुद को बेहतर बनाते हैं इसका हिस्सा है। आपका दिमाग भी एक मांसपेशी है — जितना इस्तेमाल करेंगे, उतना ही मजबूत होगा। ये वो जगह है जहाँ आप दिन में 10 मिनट पढ़कर, एक नई चीज़ सीखकर, या बस खुद से सवाल पूछकर अपनी क्षमता बढ़ाते हैं। और ये बिजनेस के लिए भी वैसा ही है। बिजनेस ग्रोउ, एक ऐसा निरंतर प्रक्रम जहाँ कंपनियाँ अपने ग्राहकों, उत्पादों और टीम को बेहतर बनाकर बाजार में आगे बढ़ती हैं। ये नया उत्पाद लॉन्च करने की बात नहीं, बल्कि आपके ग्राहक के दिमाग में जगह बनाने की बात है।
और फिर है स्किल डेवलपमेंट, एक ऐसी अभ्यास जिसमें आप नए कौशल सीखकर अपनी बाजार मूल्य बढ़ाते हैं। आज कोई भी नौकरी या बिजनेस ऐसा नहीं है जिसमें सिर्फ एक स्किल काफी हो। आपको डेटा समझना आना चाहिए, बातचीत करना आना चाहिए, और गलतियों से सीखना आना चाहिए। ये सब ग्रोउ के हिस्से हैं। आप जितना अपनी स्किल्स को अपडेट करेंगे, उतना ही आपका भविष्य सुरक्षित होगा।
इस पेज पर आपको ऐसे ही असली कहानियाँ मिलेंगी — जहाँ एक खिलाड़ी ने अपनी टीम को बदल दिया, एक छात्र ने अपनी स्कॉलरशिप पाई, एक कंपनी ने अपना बिजनेस दोगुना कर दिया, और एक आम इंसान ने अपनी जिंदगी बदल दी। ये सब ग्रोउ की असली कहानियाँ हैं — जिनमें न तो जादू है, न ही भाग्य। बस लगातार कोशिश है। आप भी अपनी कहानी लिखने के लिए तैयार हैं?
ग्रोउ की मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹1.04 लाख करोड़ पार, शेयर 65% बढ़कर ₹168 पर
ग्रोउ के शेयर ₹168 पर पहुंचकर कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹1.04 लाख करोड़ को पार कर गए, जो आईपीओ की कीमत से 65% अधिक है। संस्थापक ललित केशरे अरबपति बन गए।