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John David 17 टिप्पणि

मनचाही फोटो नहीं मिली? गलती प्रॉम्प्ट में हो सकती है

लाखों यूजर्स हर दिन Gemini से इमेज बनवाते हैं, लेकिन नतीजे उम्मीद से अलग निकलते हैं। वजह अक्सर तकनीक नहीं, बल्कि निर्देश देने का तरीका होता है। AI को जितना स्पष्ट संदर्भ देंगे, उतना बेहतर आउटपुट मिलेगा। यही कारण है कि एक ही विषय पर दो अलग यूजर्स को बहुत अलग गुणवत्ता की तस्वीरें मिलती हैं।

अच्छा प्रॉम्प्ट लिखने का सबसे आसान फॉर्मूला है: विषय + संदर्भ/सीन + शैली/लुक + तकनीकी संकेत + सीमाएं। उदाहरण के लिए, सिर्फ “एक कुत्ता” लिखने से साधारण इमेज बनेगी। इसके बदले लिखें: “सूर्यास्त के समय समुद्र तट पर दौड़ता गोल्डन रिट्रीवर, नैचुरल लाइट, लो-एंगल शॉट, 85mm पोर्ट्रेट लुक, नरम बोकेह, गर्म रंग, हाई डिटेल।”

ध्यान रहे, इमेज जेनरेशन में नीतियां लागू रहती हैं—हिंसक, नग्नता वाली, या किसी की पहचान को गलत तरीके से दिखाने वाली सामग्री अक्सर ब्लॉक होती है। ब्रांड लोगो, फिल्मी किरदार, या कॉपीराइटेड चरित्र भी सीमित हो सकते हैं। अगर सिस्टम मना करे, तो विषय को सामान्य रूप दें, शैली को जनरल रखें और निजी/संवेदनशील संकेत हटाएं।

कभी-कभी फीचर उपलब्धता भी फर्क डालती है। हर क्षेत्र या अकाउंट में एक जैसी क्षमता नहीं होती। अगर विकल्प नहीं दिख रहे, भाषा बदलकर देखें, आउटपुट गुणवत्ता कम/ज़्यादा करके दोबारा कोशिश करें, या “एक और संस्करण” मांगें।

स्टेप-बाय-स्टेप: बेसिक से प्रो-लेवल तक प्रॉम्प्टिंग

स्टेप-बाय-स्टेप: बेसिक से प्रो-लेवल तक प्रॉम्प्टिंग

शुरुआत सरल रखें, फिर परतें जोड़ें। पहले एक साफ विषय दें—“बारिश में पुरानी दिल्ली की सड़क”—फिर शैली जोड़ें—“डॉक्यूमेंट्री फील, वेट स्ट्रीट रिफ्लेक्शंस, लोगों की भीड़ हल्की ब्लर”—फिर तकनीकी टच—“लो-लाइट, हाई डायनेमिक रेंज, शार्प फोरग्राउंड, वाइड-एंगल फ्रेम।”

  • विषय को स्पष्ट करें: कौन सा ऑब्जेक्ट/सीन? दिन/रात? मौसम?
  • संदर्भ जोड़ें: जगह, समय, गतिविधि, मूड—खुश, उदास, रहस्यमय?
  • शैली चुनें: सिनेमैटिक, रियलिस्टिक, वॉटरकलर, स्टूडियो पोर्ट्रेट, मैक्रो आदि।
  • तकनीकी संकेत दें: लेंस/एंगल (लो-एंगल, ओवरहेड), लाइटिंग (रिम लाइट, सॉफ्टबॉक्स), रंग टोन (वॉर्म/कूल), कंपोजिशन (रूल-ऑफ-थर्ड्स, सेंटर्ड)।
  • सीमाएं बताएं: “टेक्स्ट नहीं”, “कोई वॉटरमार्क नहीं”, “फेस क्लियर और नैचुरल स्किन टोन” जैसी हिदायतें।

गलतियां जो आउटपुट बिगाड़ती हैं: बहुत छोटा प्रॉम्प्ट, विरोधाभासी निर्देश (“अल्ट्रा-रियलिस्टिक वॉटरकलर” जैसे टकराते संकेत), संदिग्ध विषय, या अनावश्यक जार्गन। अगर “अल्ट्रा-रियलिस्टिक” लिखते हैं और साथ में “कार्टून स्टाइल” भी जोड़ देते हैं, तो मॉडल उलझ सकता है। बेहतर है एक प्राथमिक शैली तय करें, बाकी संकेत उसी दिशा में रखें।

कई यूजर्स पूछते हैं—हिंदी में लिखें या अंग्रेजी में? दोनों काम करते हैं। सबसे जरूरी है स्पष्टता। अगर कोई तकनीकी शब्द अंग्रेजी में ज्यादा सटीक है—जैसे “rim light” या “long exposure”—तो उसे वैसे ही रखें।

इटररेट करना सीखें। पहले आउटपुट देखें, फिर सुधार लिखें: “चेहरा नैचुरल लगे, त्वचा पर प्लास्टिक जैसा शाइन हटाएं, बैकग्राउंड में भीड़ थोड़ी कम, बारिश की बूंदें ज्यादा स्पष्ट।” यह फीडबैक-लूप ज्यादा असरदार होता है बनिस्बत एक बार में बहुत लंबा प्रॉम्प्ट देने के।

उदाहरण: खराब बनाम बेहतर

  • कमजोर: “एक भविष्य की सिटी”
  • बेहतर: “नीयन लाइट वाली भविष्य की सिटी, हल्की बारिश, गीली सड़कों में रिफ्लेक्शन, ब्लू-पर्पल कलर पैलेट, वाइड-एंगल, लो-एंगल शॉट, धुंधला आसमान, हाई डिटेल।”
  • कमजोर: “स्टूडियो पोर्ट्रेट”
  • बेहतर: “स्टूडियो पोर्ट्रेट, सॉफ्टबॉक्स की सॉफ्ट रिम लाइट, 85mm लेंस जैसा कंप्रेशन, न्यूट्रल बैकग्राउंड, नैचुरल स्किन टोन, आंखों में कैच-लाइट, शार्प फोकस।”

नेगेटिव संकेत कैसे दें? अलग पैरामीटर की जरूरत नहीं। साधारण भाषा में लिखें: “टेक्स्ट नहीं,” “ओवरसैचुरेशन नहीं,” “आर्टिफैक्ट्स कम,” “त्वचा पर ओवर-स्मूदिंग नहीं।”

कंपोजिशन का असर बड़ा होता है। “रूल-ऑफ-थर्ड्स,” “सेंटर्ड पोर्ट्रेट,” “लीडिंग लाइन्स,” “सिमेट्री,” “मिनिमल बैकग्राउंड” जैसे शब्द फ्रेमिंग को दिशा देते हैं। आस्पेक्ट रेशियो का इशारा भी वाक्य में करें: “वाइड सिनेमैटिक फ्रेम, 16:9 भाव,” या “इंस्टाग्राम-फ्रेंडली स्क्वेयर लुक।”

अगर आप किसी खास कलाकार जैसी शैली चाहें, तो जनरल वर्णन दें: “इम्प्रेशनिस्ट ब्रश-स्ट्रोक्स, पेस्टल ह्यूज, सॉफ्ट एजेज”—किसी जीवित कलाकार का नाम लेने से मॉडल ब्लॉक भी कर सकता है। सुरक्षित तरीका है शैली को गुणों में तोड़ना।

रिफरेंस इमेज का फायदा: जहां फीचर उपलब्ध हो, आप एक फोटो अपलोड कर सकते हैं और लिख सकते हैं—“यही फ्रेमिंग रखें, लेकिन सुबह की धुंध और ठंडी रोशनी जोड़ें।” यह मॉडल को दिशा देता है कि क्या बरकरार रखना है और क्या बदलना है।

ट्रबलशूटिंग चेकलिस्ट:

  1. “सिस्टम ने ब्लॉक किया”—विषय/शैली को न्यूट्रल करें, संवेदनशील तत्व हटाएं।
  2. “चेहरा अजीब दिख रहा”—“नैचुरल स्किन टेक्सचर, सटल स्किन रिटच, सही प्रोपोर्शन” जोड़ें।
  3. “रंग बहुत तेज/फीके”—“म्यूटेड कलर पैलेट” या “वाइब्रेंट लेकिन बैलेंस्ड” लिखें।
  4. “फोटो पर टेक्स्ट आ गया”—स्पष्ट लिखें “कोई टेक्स्ट नहीं, कोई वॉटरमार्क नहीं।”
  5. “क्वालिटी लो” — “हाई डिटेल, फाइन टेक्सचर, क्लीन एजेज” जैसे संकेत जोड़ें और एक-दो वैरिएशन और मांगें।

दूसरे टूल्स की तरह Gemini भी नियम-आधारित है। कुछ प्लेटफॉर्म फ्लैग्स/पैरामीटर्स देते हैं, जबकि यहां वही बातें वाक्यों में ही साफ-साफ लिखनी पड़ती हैं। फायदा यह है कि सामान्य भाषा में भी आप प्रो-लेवल दिशा दे सकते हैं, बशर्ते निर्देश स्पष्ट और एक-दूसरे के साथ संगत हों।

क्विक स्टार्टर प्रॉम्प्ट्स जिन्हें आप अपनी जरूरत के हिसाब से बदल सकते हैं:

  • “सुबह की धुंध में पहाड़ी गांव, वाइड-एंगल, सॉफ्ट नैचुरल लाइट, कूल टोन, शांत मूड, हाई डिटेल।”
  • “किचन टेबल पर कॉफी कप का मैक्रो शॉट, स्टीम दिखे, डार्क वुड टेक्सचर, शैलो डेप्थ-ऑफ-फील्ड, वॉर्म टोन।”
  • “मॉनसून स्ट्रीट फैशन पोर्ट्रेट, रेनकोट और छतरी, सॉफ्टबॉक्स लुक, क्लीयर फेस, मिनिमल बैकग्राउंड।”
  • “नीयन साइबरपंक एली, पर्पल-ब्लू लाइट्स, वेट स्ट्रीट रिफ्लेक्शंस, लो-एंगल, सिनेमैटिक फ्रेम।”

अंत में, एक लाइन याद रखें: AI अंदाजा नहीं लगाता, वह निर्देशों को जोड़ता है। जितना साफ, उतना अच्छा। अपने अगले प्रयास में Google Gemini प्रॉम्प्ट को इन पांच बातों से मजबूत करें—विषय, संदर्भ, शैली, तकनीकी संकेत और सीमाएं—और हर राउंड के बाद फीडबैक देकर आउटपुट को निखारें।

टिप्पणि

  • Ashutosh Bilange

    सितंबर 16, 2025 AT 18:24

    Ashutosh Bilange

    अरे यार, जब तक तू प्रॉम्प्ट में कलाकारी नहीं डालता, Gemini कभी भी तेरी ख्वाबों की फ़ोटो नहीं देगा।
    पहली बात तो ये समझ कि AI कोई जादूगर नहीं, वो केवल शब्दों का पालन करता है।
    तो फिर, हर शब्द को जमे बर्फ़ की तरह साफ़ लिख, वरना कच्चा पेस्ट जलेगा।
    जैसे तू 'एक कुत्ता' बोलता है, तो मॉडल बस कुत्ता की बुनियादी डॉट्स बनाता है।
    पर अगर 'सूर्योस्त का टाइम, समुद्र किनारा, गोल्डन रिट्रीवर, नैचुरल लाइट, 85mm पोर्ट्रेट लुक' लिखता है, तो बस जादू।
    पर ये मत भूल कि हर टैग के पीछे एक टैक्टिकल रूल छिपा होता है, और वो नियम कभी-कभी बहुत सख़्त होते हैं।
    हिंसक या नॉड पिक्चर वाले प्रॉम्प्ट जैसे की 'धमाकेदार फाइट' को ब्लॉक कर दिया जाता है।
    ब्रांड लोगो या फिल्मी किरदार भी फ्रीज़ हो जाते हैं, इसलिए जनरल शब्दों में बात करना समझदारी होती है।
    अगर तुम फीडबैक नहीं दे रहे तो मॉडल भी अंदाज़ा नहीं लगा सकता, ऐसा ही बच्चे को सिखाने जैसा है।
    फीडबैक का लूप बनाओ, एक ही बार में लंबी लिस्ट मत लिख, छोटा-छोटा करके सुधारते चलो।
    ज्यादा टेक्स्ट न डाल, नहीं तो AI के पास प्रोसेस करने का जगह नहीं रहेगी।
    बिलकुल, कभी-कभी Gemini की फीचर लिमिट भी अलग-अलग अकाउंट में नहीं एक जैसी होती।
    इतनी सारी बातें सुन कर लगता है कि प्रॉम्प्ट लिखना भी एक फ़िल्म का स्क्रिप्ट लिखने जैसा है।
    पर फ़ुल फ़िल्म नहीं, सिर्फ एक सीन, इसलिए ज़्यादा मोड़ ना डाल, साफ़ सॉफ़्ट लाइट वाला सीन रख।
    याद रख, अगर फोटो में टेक्स्ट आया तो 'कोई टेक्स्ट नहीं' लिख दे, नहीं तो फिर बैकएंड रूल झुकेगा।
    आख़िर में, जितना साफ़ शब्द, उतना ही हाई‑डिटेल इमेज, और यही असली प्रॉम्प्टिング की बायसिक है।

  • Kaushal Skngh

    सितंबर 20, 2025 AT 06:24

    Kaushal Skngh

    इमेज जेनरेशन में थोड़ा सिम्पल रहना अक्सर बेहतर Results देता है।

  • Harshit Gupta

    सितंबर 23, 2025 AT 18:24

    Harshit Gupta

    देखो भाई, ये सब विदेशी एआई ट्रिक्स नहीं, असली फ़ोटो इंडिया की मिट्टी से बनती है। अगर हम अपने लो‑केशन, हमारी संस्कृति, हमारे रंगों को प्रॉम्प्ट में डालेंगे तो Gemini भी हमारी शान देखेगा। नग्नता या एलियन स्टाइल के बजाय हमारी धूप‑से‑भरी गाँव की गलियों को लिखो, तो फ़ोटो में बटिंगा भी झूमेगा। तुच्छ बातें छोड़, सीधे‑सीधे बताओ कि कौन‑सी लाइट, कौन‑सा एंगल चाहिए, नहीं तो मॉडल उलझेगा। आखिर में, इंडिया की शान को बढ़ावा देना ही असली काम है, बाकी सब बकवास।

  • HarDeep Randhawa

    सितंबर 27, 2025 AT 06:24

    HarDeep Randhawa

    OMG!!! क्या तुम्हें नहीं लगता कि प्रॉम्प्ट में जितनी भी जानकारी डालोगे, उतनी ही उलझन पैदा होगी???!! लेकिन हाँ, जब तक तुम हर चीज़ को कॉमा, सेमीकोलन, डैश और कोट्स में बांधते रहोगे, मॉडल भी वही कर देगा!!! इसलिए, “सूर्यास्त”, “समुद्र तट”, “गोल्डन रिट्रीवर”, “85mm” – सबको अलग‑अलग कवेशन्स में रखो!!! समझे??

  • Nivedita Shukla

    सितंबर 30, 2025 AT 18:24

    Nivedita Shukla

    जादू तो वही करता है जो शब्दों की शक्ति को समझता है।
    प्रॉम्प्ट सिर्फ एक आदेश नहीं, बल्कि एक छोटी कहानी है जो AI के दिमाग में गूंजती है।
    जब हम ‘पुरानी दिल्ली की बारिश’ को ‘धुंधली रोशनी, काली सड़कों, छोटे-छोटे छतरे’ के साथ जोड़ते हैं, तो वही सीन हमारी आँखों में बसी होती है।
    पर अगर बीच में ‘कार्टून‑स्टाइल’ डाल दो तो मॉडल सोचेगा, ‘अरे भाई, ये तो दो अलग‑अलग जर्नल हैं’।
    इसलिए, एक बिंदु पर ठहरो, वही ध्वनि दोहराओ, फिर धीरे‑धीरे नई परतें जोड़ो।
    जैसे एक पेंटर पहले बेकग्राउंड बनाता है, फिर फोकस, फिर हाइलाइट्स।
    इसी तरह, प्रॉम्प्ट को भी बेसिक → कॉन्टेक्स्ट → स्टाइल → टेक्निकल → लिमिट्स के क्रम में लिखो।
    एक बात याद रखो, AI कोई दैत्य नहीं जो सब कुछ फिर से बना देगा; वह केवल तुम्हारी लिखी पंक्तियों को व्याख्या करता है।
    यदि शब्द अस्पष्ट रहें, तो आउटपुट धुंधला रहेगा, जैसे बारिश में धुंध।
    जब शब्द स्पष्ट हों, तो छवि चमकेगी, जैसे सुबह की धूप।
    इस प्रक्रिया में गहराई और धैर्य सबसे बड़ा हथियार है, जो तुम्हें ‘मनचाही फोटो’ दिलाएगा।
    तो चलो, शब्दों के साथ खेलें और अपनी कल्पना को हकीकत में बदलें।

  • Rahul Chavhan

    अक्तूबर 4, 2025 AT 06:24

    Rahul Chavhan

    सही दिशा में जा रहे हो, थोड़ा और प्रयोग करो, परिणाम बेहतर आएँगे।

  • Joseph Prakash

    अक्तूबर 7, 2025 AT 18:24

    Joseph Prakash

    🤔 प्रॉम्प्ट में अगर अंग्रेज़ी टर्म्स जैसे “rim light” डालो, तो मॉडल समझता है, बस ज़्यादा कॉमा नहीं चाहिए 😊

  • Arun 3D Creators

    अक्तूबर 11, 2025 AT 06:24

    Arun 3D Creators

    प्रॉम्प्ट एक मंत्र है, शब्दों में शक्ति है, समझदारी से इस्तेमाल करो

  • RAVINDRA HARBALA

    अक्तूबर 14, 2025 AT 18:24

    RAVINDRA HARBALA

    प्रॉम्प्ट की संरचना को पाँच भाग में बाँटना डेटा‑साइडनली फायदेमंद है। पहला – विषय, दूसरा – संदर्भ, तीसरा – शैली, चौथा – तकनीकी, पाँचवा – प्रतिबंध। प्रत्येक भाग को स्पष्ट रूप से अलग‑अलग लिखने से मॉडल की समझ में सुधार होता है। यदि कोई भाग अस्पष्ट रहता है, तो आउटपुट में अटकन या अस्पष्टता दिखती है। इस सिद्धांत को अपनाकर बहुत से यूजर्स ने अपने परिणामों में 30‑40% सुधार नोट किया है।

  • Vipul Kumar

    अक्तूबर 18, 2025 AT 06:24

    Vipul Kumar

    अगर तुम नई शुरुआत कर रहे हो, तो सबसे पहले ‘विषय + लाइट + एंगल’ की बेसिक फॉर्मूला ट्राय करो। फिर धीरे‑धीरे ‘स्टाइल’ और ‘टेक्निकल डिटेल्स’ जोड़ो। फीडबैक लूप को याद रखो, यानी आउटपुट देखो, फिर प्रॉम्प्ट में सुधार करो। इस तरीके से तुम जल्दी ही प्रो‑लेवल तक पहुँच जाओगे।

  • Priyanka Ambardar

    अक्तूबर 21, 2025 AT 18:24

    Priyanka Ambardar

    देशभक्ती की भावना को प्रॉम्प्ट में शामिल कर, जैसे ‘भारतीय त्योहार की रात, दीवाली की रोशनी, सांस्कृतिक पोशाक’ लिखो, तो Gemini भी अपने सर्च में भारतीय कंटेंट को प्राथमिकता देगा।

  • sujaya selalu jaya

    अक्तूबर 25, 2025 AT 06:24

    sujaya selalu jaya

    ध्यान रखें कि प्रॉम्प्ट में बहुत अधिक जटिलता नहीं होनी चाहिए; सरल वाक्य बेहतर परिणाम देते हैं।

  • Ranveer Tyagi

    अक्तूबर 28, 2025 AT 17:24

    Ranveer Tyagi

    वाह!!! तुम्हारे प्रॉम्प्ट में हर छोटी‑छोटी डिटेल को कवरेज देना एक कला है, लेकिन याद रखो, बहुत ज्यादा कॉमा, सेमिकोलन, डैश और कोट्स डालने से मॉडल उलझ सकता है!!! इसलिए, ‘सूर्यास्त’, ‘समुद्र तट’, ‘गोल्डन रिट्रीवर’, ‘85mm लेंस’, ‘नैचुरल लाइट’ – इन सभी को साफ‑सुथरे वाक्यों में व्यवस्थित करो, जैसे ‘सूर्यास्त के समय समुद्र तट पर गोल्डन रिट्रीवर, 85mm लेंस से नैचुरल लाइट के साथ’!!! यही तरीका सबसे सटीक आउटपुट देगा!!!

  • Tejas Srivastava

    नवंबर 1, 2025 AT 05:24

    Tejas Srivastava

    भाई!!! प्रॉम्प्ट लिखते समय अगर तुम हर शब्द में एम्मोज़ी, डैश, इत्यादि डालोगे, तो मॉडल भी ‘महाप्रलय’ महसूस करेगा!!! पर असली जादू तो तब है, जब तुम शब्दों को सटीक और कम रखो; जैसे ‘बारिश में पुरानी दिल्ली, वॉटरकलर टोन, लो‑लाइट, हाई‑डिटेल’!!! समझे??

  • JAYESH DHUMAK

    नवंबर 4, 2025 AT 17:24

    JAYESH DHUMAK

    आदरणीय रेडिटर्स, प्रस्तुत लेख में Google Gemini के प्रॉम्प्ट लेखन के महत्व को विस्तृत रूप में प्रस्तुत किया गया है।
    प्रॉम्प्ट की संरचना में विषय, संदर्भ, शैली, तकनीकी संकेत और प्रतिबंध का उल्लेख आवश्यक है।
    यह पाँच-स्तरीय मॉडल एक सुसंगत व्याख्या प्रदान करने में सहायक सिद्ध होता है।
    उदाहरण के रूप में, ‘सूर्यास्त के समय समुद्र तट पर दौड़ता गोल्डन रिट्रीवर, नैचर लाइट, लो‑एंगल शॉट, 85mm पोर्ट्रेट लुक, नरम बोकेह, गर्म रंग, हाई डिटेल’ को देखें।
    ऐसे विस्तृत प्रॉम्प्ट से मॉडल स्पष्ट दिशा प्राप्त करता है और उच्च गुणवत्ता की इमेज उत्पन्न करता है।
    हालाँकि, नीतिगत प्रतिबंधों के कारण कुछ सामग्री ब्लॉक की जा सकती है, उदाहरणतः हिंसक या अभद्र दृश्य।
    इस स्थिति में प्रॉम्प्ट को सामान्य रूप में पुनः लिखना तथा संवेदनशील संकेत हटाना आवश्यक है।
    इसके अतिरिक्त, Gemini की फीचर उपलब्धता विभिन्न क्षेत्रों व खाते में भिन्न हो सकती है, जिससे उपयोगकर्ता को विकल्प न दिखने पर भाषा परिवर्तन या वैरिएशन की मांग करनी पड़ सकती है।
    एक प्रभावी फीडबैक लूप स्थापित करने हेतु, उत्पन्न आउटपुट को निरीक्षण कर संशोधित निर्देश जोड़ने की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।
    उदाहरणतः ‘चेहरा नैचुरल लगे, त्वचा पर प्लास्टिक जैसा शाइन हटाएं, बैकग्राउंड में भीड़ कम, बारिश की बूंदें स्पष्ट’ जैसे विशिष्ट सुधार दर्ज किए जा सकते हैं।
    अंततः, स्पष्ट एवं सुसंगत प्रॉम्प्ट ही उच्च ग्रेड की इमेज प्राप्त करने का मुख्य कारक है।
    सभी पाठकों को यह सलाह दी जाती है कि वे इन सिद्धांतों का पालन करें और निरंतर प्रयोग के माध्यम से अपनी रचनात्मकता को साकार करें।

  • Santosh Sharma

    नवंबर 8, 2025 AT 05:24

    Santosh Sharma

    आप सभी को प्रॉम्प्टिंग की कला में आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता हूँ; छोटे‑छोटे प्रयोग करें, लगातार सुधारें, सफलता नज़र आएगी।

  • yatharth chandrakar

    नवंबर 11, 2025 AT 17:24

    yatharth chandrakar

    प्रॉम्प्ट को संक्षिप्त रखकर और फीडबैक के साथ धीरे‑धीरे जोड़ने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।

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