John David

लेखक

January 27, 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर श्रीधर वेम्बू ने घोषणा की कि उन्होंने Zoho Corporation के CEO पद से इस्तीफा देकर कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक का पद संभालने का फैसला किया है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य AI और अन्य नई प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित शोध और विकास प्रयासों को बढ़ाना है। यह कोई अचानक किया गया फैसला नहीं है, बल्कि वेम्बू की पुरानी आरक्षण पर कायम धारणाओं का ही एक विस्तार है, जिसमें वे Zoho के विकासशील प्रौद्योगिकियों में योगदान के लिए समर्पित हैं।

वेम्बू के इस्तीफे का कारण उनका व्यक्तिगत मिशन है जो ग्रामीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वेम्बू ने इसे "नए अध्याय की शुरुआत" के रूप में वर्णित किया और कहा कि दूसरों के साथ साझा नेतृत्व का मॉडल अपनाकर वे Zoho को और अधिक रचनात्मक तरीके से बढ़ा सकेंगे। उनके उत्तराधिकारी के रूप में शैलेष कुमार डेवी बने हैं, जो एक अन्य सह-संस्थापक के रूप में Zoho की बागडोर संभालेंगे।

Zoho Corporation ने पिछले कई वर्षों में जिनकी छत्रछाया में तकनीकी दुनिया में उल्लेखनीय प्रगति की है, उसमें वेम्बू का बड़ा योगदान है। कंपनी 150 से अधिक देशों में फैले 700,000 से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करती हैं, और यह लगभग 55 से अधिक व्यावसायिक एप्लिकेशन का पोर्टफोलियो संभालती है। वेम्बू की दृष्टि से, AI, क्लाउड टेक्नोलॉजी, और अन्य नवीनतम प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में गहरा शोध करना अत्यंत आवश्यक है।

Zoho की सफलता उसकी सुविचारित कार्यनीति, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण, और अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने की क्षमता पर आधारित है। विशेष रूप से उल्लेखनीय यह है कि Zoho ने-बिना किसी बाहरी वेंचर पूंजी के समर्थन के और बिना किसी इक्विटी फर्म से पूंजी जुटाए-बड़ी सफलता पाई है। कंपनी वर्तमान में 15,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ विश्व स्तर पर काम कर रही है।

वेम्बू का नई भूमिका में पदस्थापन कंपनी के लिए एक नई दिशानिर्देश देने वाला साबित हो सकता है। उनके तहत, Zoho विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि सॉफ़्टवेयर से लेकर सेमीकंडक्टर और ई-कॉमर्स तक विस्तार कर रहा है। उनकी अगुवाई में, कंपनी ने राजस्व और लाभ प्राप्त करने में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। उनका नया वैज्ञानिक पद अब तकनीकी चुनौतियों का सामना करने और संभावनाओं से भरे नवाचारों को गति देने के शुभारंभ का प्रतीक बन सकता है। कैसे वे Zoho की R&D को नई ऊंचाईयों तक ले जा सकते हैं, यह देखने के लिए सबकी उत्सुकता बढ़ रही है।

टिप्पणि

  • जनवरी 28, 2025 AT 20:22

    yatharth chandrakar

    वाह, वेम्बू ने फिर से एक बड़ा कदम रखा! CEO से हटकर वैज्ञानिक बनना उनका सच में दीर्घकालिक विज़न दिखाता है। इससे ज़ोहो के AI प्रोजेक्ट्स को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। आशा है कि बाकी टीम भी इस उत्साह को पकड़ पाए।

  • फ़रवरी 1, 2025 AT 11:54

    Vrushali Prabhu

    उम्म्म... नयी भूमिका, नया बिनां ․.

  • फ़रवरी 5, 2025 AT 03:25

    parlan caem

    ऐसे बदलाव तो अक्सर गड़बड़ी का इशारा होते हैं। ज़ोहो को अब अपनी असली क्षमता दिखानी पड़ेगी।

  • फ़रवरी 8, 2025 AT 18:57

    Mayur Karanjkar

    वेम्बू का वैज्ञानिक रोल लेना ज़ोहो की तकनीकी दिशा को स्पष्ट कर सकता है। यह कदम कई नवाचारों के द्वार खोल सकता है। लेकिन रणनीतिक फोकस को बनाए रखना भी ज़रूरी है। अंततः यह समय बताएगा कि कौन जीतता है।

  • फ़रवरी 12, 2025 AT 10:29

    Sara Khan M

    नयी पारी, नया जोश 😎

  • फ़रवरी 16, 2025 AT 02:01

    shubham ingale

    चलो टीम, अब AI पे जोर देते हैं 🚀 ये बदलाव ज़ोहो को आगे ले जाएगा

  • फ़रवरी 19, 2025 AT 17:32

    Ajay Ram

    वेम्बू ने CEO पद छोड़कर मुख्य वैज्ञानिक बनने का फैसला किया, यह एक साहसी कदम है।
    उनका लक्ष्य AI और नई तकनीकों में गहन अनुसंधान करना है, जो आज के डिजिटल युग में महत्वपूर्ण है।
    इस परिवर्तन से ज़ोहो के उत्पादों में नवाचार की लहर आ सकती है, क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विकास को दिशा मिलेगी।
    ग्रामीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता यह दर्शाती है कि तकनीक को सिर्फ़ शहरी बाजार में नहीं बल्कि गाँवों तक ले जाना उनकी प्राथमिकता है।
    शैलेष कुमार डेवी को नया CEO नियुक्त करना भी एक रणनीतिक चाल है, जिससे बिजनेस साइड की देखरेख बनी रहेगी।
    मुख्य वैज्ञानिक के रूप में वेम्बू को अधिक रिसर्च फंड और टैलेंट को आकर्षित करने का अवसर मिलेगा।
    ज़ोहो की स्वायत्तता और बिना वेंचर कैपिटल के सफलता का इतिहास अब नई दिशा में आगे बढ़ेगा।
    AI के प्रयोग से ग्राहक अनुभव को और व्यक्तिगत बनाया जा सकेगा, जिससे प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।
    क्लाउड टेक्नोलॉजी में गहरी पैठ से ज़ोहो के समाधान अधिक स्केलेबल होंगे।
    सैमिकंडक्टर और ई-कॉमर्स तक विस्तार करने की योजना कंपनी को बहु-क्षेत्रीय नेता बना सकती है।
    वेम्बू का वैज्ञानिक दृष्टिकोण संभवतः ओपन-सोर्स इकोसिस्टम को भी प्रोत्साहित करेगा।
    अपनी टीम को प्रेरित करने के लिए वेम्बू को रचनात्मक नेतृत्व मॉडल अपनाना चाहिए।
    शेयरहोल्डर मूल्य में वृद्धि के साथ साथ कर्मचारियों की संतुष्टि भी बढ़ सकती है।
    इस बदलाव से ज़ोहो की रेवेन्यू ग्रोथ में नई ऊँचाइयाँ छूने की संभावना है।
    आशा है कि यह नई पारी ज़ोहो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी अधिक पहचान दिलाएगी।
    समग्र रूप से, इस निर्णय को सकारात्मक रूप से देखना चाहिए क्योंकि यह आगे की प्रगति की नींव रखता है।

  • फ़रवरी 23, 2025 AT 09:04

    Dr Nimit Shah

    सच में, भारत की कंपनियों को ऐसे ही साहसिक कदम उठाने चाहिए, नहीं तो विदेशी दिग्गज ही आगे बढ़ेंगे।

  • फ़रवरी 27, 2025 AT 00:36

    Ketan Shah

    वेम्बू का वैज्ञानिक बनना ज़ोहो को तकनीकी स्वतंत्रता की राह पर ले जाएगा, यह हमारे राष्ट्रीय तकनीकी स्वावलंबन के लिए भी फायदेमंद है।

  • मार्च 2, 2025 AT 16:08

    Aryan Pawar

    हां, लेकिन इसे लागू करने में दीर्घकालिक योजना और वास्तविक निवेश की जरूरत पड़ेगी, सिर्फ़ बहादुरी से काम नहीं चलेगा।

  • मार्च 6, 2025 AT 07:39

    Shritam Mohanty

    ऐसा लगता है कि इस बदलाव के पीछे छिपे बड़े एआई ट्रस्ट का कोई सौदा हो सकता है, जो अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ।

  • मार्च 9, 2025 AT 23:11

    Anuj Panchal

    वेम्बू का नया रोल हरिगेते दे सकता है, खासकर अगर टीम को एआई रिसर्च में गहराई से शामिल किया जाए। इसके लिए ज़ोहो को अधिक डेटा इकोसिस्टम बनाने की जरूरत होगी, जिससे मॉडल को ट्रेनिंग में मदद मिलेगी। साथ ही, सैमिकंडक्टर पहल से हार्डवेयर सपोर्ट भी बेहतर होगा। कुल मिलाकर, यह एक समग्र रणनीति जैसी दिख रही है।

  • मार्च 13, 2025 AT 14:43

    Mala Strahle

    देखिए, ज़ोहो ने हमेशा से स्वतंत्रता की कसम खाई है, और इस बार वेम्बू का वैज्ञानिक पद संभालना उसी भावना को और मजबूत करता है। उनका ग्रामीण विकास में इरादा निस्संदेह प्रशंसनीय है, पर क्या यह तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखेगा? अगर वे ठीक से अपने शोध को व्यावसायिक उत्पादों में बदल पाते हैं, तो यह भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक मिसाल बन सकती है। लेकिन इसके लिए कंपनी को खुले सहयोग, ओपन सोर्स पीआर, और पर्याप्त फंडिंग की जरूरत होगी। अंत में, समय ही बताएगा कि यह नई दिशा ज़ोहो को कितनी दूर ले जाती है।

  • मार्च 17, 2025 AT 06:15

    Ramesh Modi

    वाम्बू का वैज्ञानिक बनने का निर्णय, वास्तव में, एक अनूठा पहलू है, जो दर्शाता है कि तकनीकी कंपनियों को केवल प्रबंधन ही नहीं, बल्कि गहरी वैज्ञानिक समझ भी चाहिए,; यह परिवर्तन, ज़ोहो की मूलभूत नीति को पुनः परिभाषित कर सकता है; साथ ही, यह पहल, एआई और क्लाउड तकनीकों के संयोजन को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है,; अंततः, इस प्रकार की रणनीति, निवेशकों और ग्राहकों दोनों को आश्वस्त करेगी, कि कंपनी भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार है,; और, निश्चित ही, यह कदम, भारतीय तकनीकी उद्योग में एक नया मानक स्थापित कर सकता है।

  • मार्च 20, 2025 AT 21:46

    Ghanshyam Shinde

    हँसते‑हँसते CEO से वैज्ञानिक बन गया, ज़ोहो को अब जॉबिंग ट्रांसफर से भी ज़्यादा मज़ा आएगा।

  • मार्च 24, 2025 AT 13:18

    SAI JENA

    वेम्बू की यह नई भूमिका ज़ोहो की दीर्घकालिक अनुसंधान दिशा को स्पष्ट करती है। यह परिवर्तन कंपनी की स्वायत्तता को बनाए रखते हुए नवाचार को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही, वैज्ञानिक नेतृत्व से उत्पाद विकास शीघ्र और सटीक हो सकता है। आशा है कि इस कदम से ग्राहक संतुष्टि में भी वृद्धि होगी।

  • मार्च 28, 2025 AT 04:50

    Hariom Kumar

    नयी पारी, नई संभावनाएँ! 😊

  • मार्च 31, 2025 AT 20:22

    shubham garg

    चलो सब मिलकर देखेंगे कि वेम्बू की इस नई पारी से ज़ोहो कितनी आगे बढ़ता है, मज़ा आएगा! 🙌

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