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John David 14 टिप्पणि

मुकेश अंबानी का अनोखा कदम : बिना वेतन के चौथे साल भी प्रबंधन

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, मुकेश अंबानी, ने लगातार चौथे वर्ष अपना वेतन नहीं लिया है। यह फैसला उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान लिया था, जब विश्वव्यापी आर्थिक संकट के कारण कंपनियों को भारी दबाव का सामना करना पड़ा था। उन्होंने इस दौरान यह फैसला किया कि जब तक उनकी कंपनी पूरी तरह से आर्थिक मजबूती हासिल नहीं कर लेगी, वह कोई वेतन नहीं लेंगे।

इस निर्णय के तहत, मुकेश अंबानी ने वित्त वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23, और अब 2023-24 में अपनी सैलरी को त्यागा है। इसमें कोई वेतन, भत्ते या सेवानिवृत्ति लाभ शामिल नहीं हैं। अंबानी ने इस कदम के जरिए अपने नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण मिसाल पेश की है, जहां उन्होंने अपने कर्मचारियों और शेयरधारकों के हित को सर्वोपरि रखा है।

परिवार का योगदान और उनके मेहनताना विवरण

मुकेश अंबानी के इस गणमान्य परिवार में उनकी पत्नी नीता अंबानी और उनके तीन बच्चे - आकाश अंबानी, ईशा अंबानी और अनंत अंबानी शामिल हैं। नीता अंबानी ने अगस्त 2023 तक नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में सेवा दी। उन्हें 2 लाख रुपये की बैठक फीस और 97 लाख रुपये का कमीशन प्राप्त हुआ।

उनके तीनों बच्चे अक्टूबर 2022 में कंपनी के बोर्ड में शामिल हुए और उन्हें किसी प्रकार का वेतन नहीं मिला। उन्हें हर बैठक के लिए 4 लाख रुपये और 97 लाख रुपये का कमीशन मिला।

वेतन पर रोक, लेकिन अन्य सुविधाओं का लाभ

वेतन पर रोक, लेकिन अन्य सुविधाओं का लाभ

मुकेश अंबानी ने वेतन त्यागते हुए भी कुछ महत्वपूर्ण सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया। कंपनी अध्यक्ष के रूप में, उन्हें यात्रा और आवास खर्च, व्यवसायिक ट्रिप्स के दौरान उनकी पत्नी और अटेंडेंट के खर्चों की प्रतिपूर्ति की जाती है। इसके अलावा, कंपनी की बिजनेस के लिए कारों का उपयोग और रेजिडेंस में संचार खर्च की भी प्रतिपूर्ति की जाती है।

कंपनी उनके और उनके परिवार के लिए सुरक्षा व्यवस्था का भी प्रबंध करती है और इन खर्चों को प्रॉपरीटीज में नहीं जोड़ा जाता।

रिलायंस इंडस्ट्रीज में अंबानी परिवार की हिस्सेदारी

अंबानी परिवार रिलायंस इंडस्ट्रीज में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है। इनकी करीबन 50.33% हिस्सेदारी है, जो 332.27 करोड़ शेयरों के बराबर है। इस हिस्सेदारी से 2023-24 में कंपनी द्वारा घोषित 10 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड से उन्हें 3,322.7 करोड़ रुपये की आय हुई।

अंबानी के कज़न और उनकी आय

अंबानी के कज़न और उनकी आय

रिलायंस इंडस्ट्रीज के वार्षिक रिपोर्ट में मुकेश अंबानी के कज़न, निखिल और हितल मेस्वानी की भी आय का विवरण दिया गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में निखिल और हितल मेस्वानी की आय क्रमशः 25.31 करोड़ रुपये और 25.42 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बढ़ी है। इसमें से 17.28 करोड़ रुपये की कमीशन तीन वर्ष से अब तक अपरिवर्तित रही है।

मुकेश अंबानी ने अपने नेतृत्व में सच्चे नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। ना सिर्फ उन्होंने संकट के समय कंपनी और कर्मचारियों के हित को प्राथमिकता दी, बल्कि अपने परिवार को भी इस राह पर चलने का प्रेरणा दी। उनका यह कदम भारतीय व्यवसाय क्षेत्र में अनुसरणीय और सराहनीय है।

टिप्पणि

  • Ghanshyam Shinde

    अगस्त 8, 2024 AT 21:13

    Ghanshyam Shinde

    मुकेश अंबानी ने वेतन नहीं लिया, यह तो बहीखाता पढ़ते समय ही समझ आ जाता है। आप सोचते हैं यह दान है या सिर्फ एक बड़े नाम की दांवपोच? इस बात को देखते हुए बाकी उद्योगपतियों को भी थोड़ा आत्मनिरीक्षण कर लेना चाहिए।

  • SAI JENA

    अगस्त 9, 2024 AT 19:26

    SAI JENA

    इस प्रकार के त्याग से न केवल कंपनी के हित सुरक्षित होते हैं, बल्कि कर्मचारियों में विश्वास की शक्ति भी बढ़ती है। ऐसे कदम भारतीय कॉर्पोरेट संस्कृति में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आशा है कि अन्य संस्थाएँ भी इस उदाहरण को अपनाकर कठिन समय में एकजुटता दिखाएंगी।

  • Hariom Kumar

    अगस्त 10, 2024 AT 17:39

    Hariom Kumar

    बहुत बढ़िया कदम! 👍 यह दिखाता है कि जब अध्यक्ष खुद समझौता कर सकते हैं, तो टीम में भी वही भावना फैलती है। आशा है भविष्य में भी ऐसे ही निर्णय लिये जाएंगे। 😊

  • shubham garg

    अगस्त 11, 2024 AT 15:53

    shubham garg

    ये केवल एक पब्लिक रिलेशन स्टंट है।

  • LEO MOTTA ESCRITOR

    अगस्त 12, 2024 AT 14:06

    LEO MOTTA ESCRITOR

    सच्चे नेतृत्व की पहचान सिर्फ वेतन नहीं, बल्कि दिखावे से परे ही होती है। इस कदम से परिवार के भीतर भी समानता का संदेश जाता है। हम सब को इस उदाहरण से सीख लेनी चाहिए।

  • Sonia Singh

    अगस्त 13, 2024 AT 12:19

    Sonia Singh

    देखा तो गया, पर असल में क्या असर पड़ेगा इसका कोई आँकड़ा नहीं है। फिर भी ये खबर लोगों को कुछ सोचने पर मजबूर करती है।

  • Ashutosh Bilange

    अगस्त 14, 2024 AT 10:33

    Ashutosh Bilange

    हाय रुल्लाब! अंबानी भाई ने तो अब खुद को भगवान समझा लिया। वेतन नहीं ले रहे तो क्या अब सबको मुंह में भी चूल्हा नहीं देंगे? ठीक है, बस देखते रहेंगे अगला एपिसोड कब आएगा! 😂

  • Kaushal Skngh

    अगस्त 15, 2024 AT 08:46

    Kaushal Skngh

    कहते हैं धंधा चलाने के लिए पैसा चाहिए, पर ये पढ़ते-लिखते लोगों की भी हालत खराब हो गई है। कम से कम अगर पारदर्शी हो तो समझ में आएगा।

  • Harshit Gupta

    अगस्त 16, 2024 AT 06:59

    Harshit Gupta

    देश के धांधले में ये बड़े-बड़े नाम वाले लोग खुद को हीरे समझते हैं, पर असली ख़ज़ाना तो आम लोग हैं। हमें अपने उद्योगों में आत्मनिर्भर बनना चाहिए, न कि ऐसे दिखावे से प्रभावित होना। यह अंबानी का खेल है, जनता का नहीं।

  • HarDeep Randhawa

    अगस्त 17, 2024 AT 05:13

    HarDeep Randhawa

    क्या बात है!!! यह क्या संकेत है??! वेतन नहीं लेना, लेकिन सुविधाओं का फायदा उठाना??? समझ नहीं आ रहा कि यह किस दिशा में ले जा रहा है???

  • Nivedita Shukla

    अगस्त 18, 2024 AT 03:26

    Nivedita Shukla

    जब हम अंबानी परिवार की इस कहानी को पढ़ते हैं तो यह प्रतीत होता है कि धन और नैतिकता के बीच का सफ़र अब एक ड़ीगर मोड़ ले रहा है।
    वेतन के बिना भी सुविधाएँ मिलना एक प्रकार की आधुनिक दानशिल्पिता है, पर इसका अर्थ क्या है, यह सवाल हमेशा रह जाता है।
    एक ओर यह दिखाता है कि प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में बड़े उद्यमी अपने व्यक्तिगत सुख-सम्पन्नता को त्याग कर समाज के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं।
    दूसरी ओर, यह एक सूक्ष्म संकेत भी हो सकता है कि कंपनी के ऑडिट में कुछ अँधेरा छिपा हो सकता है।
    व्याख्यानों के बाद भी असली जनता को यह समझ में नहीं आता कि ऐसी नीति से उनके दिन-प्रतिदिन के जीवन में क्या परिवर्तन आएगा।
    वास्तव में, आर्थिक संकट में यदि नेतृत्व खुद जला नहीं सकता, तो बाकी कर्मचारियों को जलना क्यों नहीं चाहिए।
    परिणामस्वरूप, यह प्रथा कर्मचारियों में एक नई प्रेरणा का स्रोत बन सकती है या फिर केवल एक भ्रामक छवि रह सकती है।
    कभी‑कभी हमें समझना चाहिए कि गर्व और अहंकार के बीच का अंतर बहुत पतला होता है।
    इतने बड़े नामों के साथ, सामाजिक उत्तरदायित्व का बोझ स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है।
    परंतु, यदि यह केवल एक PR ट्रिक है तो यह दर्शकों को धोखा देने का तरीका बन जाता है।
    उदाहरण के तौर पर, अन्य कंपनियों के पास भी ऐसे ही कदम है, पर वे अक्सर अपनी सच्ची वित्तीय स्थिति को छुपाते हैं।
    अंत में, यह सवाल बाकी रहता है कि क्या यह कदम केवल एक समयिक प्रभाव के लिये है या स्थायी परिवर्तन का आरंभ है।
    जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता है, हमें देखना होगा कि कौन से निर्णय स्थायी प्रभाव डालते हैं और कौन से केवल क्षणिक दाव पर बने रहते हैं।
    फिलहाल इस समाचार को एक चेतावनी के रूप में लिया जा सकता है, जिससे हम सभी को अपने वित्तीय प्रबंधन पर पुनर्विचार करना चाहिए।
    और सबसे महत्वपूर्ण, हमें अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को हमेशा याद रखना चाहिए, चाहे हम कितने भी बड़े हों।

  • Rahul Chavhan

    अगस्त 19, 2024 AT 01:39

    Rahul Chavhan

    सच में, ऐसी बातें पढ़कर दिमाग में कई सवाल उठते हैं, लेकिन शायद समय के साथ स्पष्ट हो जाएगा।

  • Joseph Prakash

    अगस्त 19, 2024 AT 23:53

    Joseph Prakash

    वाह, अंबानी की कहानी में थोड़ा अजीब सा अँधेरा है 😅 लेकिन क्या ये ट्रेंड हमारे लिए नया विचार लाएगा

  • Arun 3D Creators

    अगस्त 20, 2024 AT 22:06

    Arun 3D Creators

    देखो, यहाँ सबका खेल एक ही कार्ड पर खेला जा रहा है, बस हम ही नहीं, परिदृश्य भी बदल रहा है।

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