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John David 19 टिप्पणि

मोहलाल का सराहनीय कदम

प्रसिद्ध मलयालम अभिनेता मोहनलाल, जो भारतीय प्रादेशिक सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं, ने वायनाड में हुए हाल के भूस्खलनों से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के लिए 3 करोड़ रुपये देने का वचन दिया है। 3 अगस्त को, मोहनलाल अपनी सेना की वर्दी में आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने वहां की स्थिति का खुद जायजा लिया और अपना समर्थन प्रदान किया।

मोहलाल का दौरा

मोहनलाल ने मेप्पाड़ी के सेना शिविर में अधिकारियों के साथ एक संक्षिप्त बैठक के बाद, चूरलमला, मुंदक्काई और पांचिरिमट्टम जैसे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वहां उन्होंने बचाव कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, जिसमें सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, फायर और रेस्क्यू और स्थानीय स्वयंसेवक शामिल थे।

मीडिया से बात करते हुए मोहनलाल ने इस आपदा की गंभीरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की पूरी हकीकत को केवल वहां जाकर ही समझा जा सकता है। उन्होंने भारतीय सेना की 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की, जो कि आपदा क्षेत्र में पहुंचने वाली पहली टीमों में से एक थी।

वृत्तांत का खास मायना

वृत्तांत का खास मायना

मोहनलाल ने अपने निजी सहयोग के साथ ही, विश्वासांती फाउंडेशन, जिसके वे संबद्ध हैं, के माध्यम से पुनर्वास प्रयासों के लिए 3 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो और अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि चल रहे पुनर्निर्माण और रिकवरी प्रक्रिया को सपोर्ट किया जा सके।

मोहनलाल का यह कदम न केवल उनकी समाज सेवा और जनसेवा की भावना को दर्शाता है, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरित करता है कि वे इस तरह के संकट के समय में अपनी क्षमता के हिसाब से योगदान दें।

समाज और समुदाय का सहयोग

वायनाड में हुई इस भारी त्रासदी ने पूरे भारत को हिला कर रख दिया है। इस कठिन समय में मोहनलाल का दौरा और उनकी सहयोग की प्रस्तुति प्रभावित लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों से जूझ रहे जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।

समाज और सरकारी स्तर पर इस तरह की पहल और सहयोग बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह घटना हमें समाज में एकता और सहयोग की महत्ता की याद दिलाती है। जब हम सब मिलकर किसी आपदा का सामना करते हैं, तब ही हम उसे प्रभावी तरीके से निपटा सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

मोहनलाल की इस पहल से उनकी राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना की जा रही है। उन्होंने दिखाया है कि वे केवल एक अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक और योद्धा भी हैं। उनकी इस मानवता की मिसाल ने न केवल अन्य सेलिब्रिटीज को प्रेरित किया है, बल्कि आम जनता को भी एकजुट होकर संकट के समय में सहायता देने के लिए प्रेरित किया है।

हम सभी को मोहनलाल के इस सराहनीय कदम से एक सीख लेने की जरूरत है। यह समय हम सबको एकजुट होकर काम करने का है, ताकि हम सभी मिलकर आपदा प्रभावित लोगों की मदद कर सकें और उन्हें जल्द से जल्द फिर से सामान्य जीवन में लौटने में सहायता कर सकें।

टिप्पणि

  • Ashutosh Bilange

    अगस्त 3, 2024 AT 20:35

    Ashutosh Bilange

    वाह भाई, मोहनलाल की मस्ती देखो, इकदम टोटाल धांसू! फौज़ी वर्दी में फिर भी एंट्री लेके चल दिया वायनाड, क्या बात है! ऐसे सितारे तो दिखते ही नहीं, जनता के दिल में तो बसा रहता है, सच में द्रामा किंग है ये। वैसे भी, 3 करोड़ की बात सुनके मेरा क़ानूनी ज्ञान फट पड़ा, ट्रस्ट फंड और डोनेशन की प्रॉसेस तो समझ में ही नहीं आती, पर ऐसें दानवाला ही बनता है ग्रेट! अभी भी टाइम है, चलो मिलके कुछ काम की बात करते हैं।

  • Kaushal Skngh

    अगस्त 6, 2024 AT 01:55

    Kaushal Skngh

    भाई, कुछ तो कमी दिख रही है।

  • Harshit Gupta

    अगस्त 8, 2024 AT 07:15

    Harshit Gupta

    देखो ये सब, एक सिपाही की सच्चाई पर भरोसा रखें! मोहनलाल ने अपने दिल की बात कही, लेकिन मैं देखता हूँ कि हमेशा यही चमकता नहीं। देसी बॉल्ट का सवाल है, असली मदद की जरूरत है, यूँही कहते‑कहते नहीं। अगर सरकार भी इनसे आगे नहीं बढ़ी, तो हमें खुद ही आगे बढ़ना पड़ेगा। समजदारी से काम लें, नहीं तो फिर से वही कहानी दोहराएंगे।

  • HarDeep Randhawa

    अगस्त 10, 2024 AT 12:35

    HarDeep Randhawa

    ओ भाई!!! वायनाड में भूस्खलन, क्या बवाल है!!! मोहनलाल ने वर्दी में जाकर देखी बमबारी, फिर भी जनसेवा का उछाल !! अब 3 करोड़ का वादा, हाई‑स्पीड ट्रांसफर की जरूरत है, नहीं तो दो‑तीन दिन में जमा‑झुमा पैसे बंटे रहेंगे !!! ये दायित्व, ये जिम्मेदारी, सबको समझना चाहिए !!!

  • Nivedita Shukla

    अगस्त 12, 2024 AT 17:55

    Nivedita Shukla

    कभी-कभी हमारे समाज में एक चमकती हुई आशा की जलती हुई लौ जैसी चीज़ें मिलती हैं, जैसे मोहनलाल ने यह कदम उठाया। यह सिर्फ दान नहीं, बल्कि एक दार्शनिक दृष्टिकोण है, जहाँ साहस और करुणा मिलते हैं। ऐसे कार्य हमें यह सिखाते हैं कि इंसानियत के प्रति हमारा कर्तव्य क्या है।

  • Rahul Chavhan

    अगस्त 14, 2024 AT 23:15

    Rahul Chavhan

    सपोर्ट इंट्रेस्टिंग है, बस देखना है कैसे डिस्ट्रीब्यूशन में इफ़ेक्टिव रहता है।

  • Joseph Prakash

    अगस्त 17, 2024 AT 04:35

    Joseph Prakash

    👍 मोहनलाल की इस पहल से दिल खुश हो गया! 🎉 उम्मीद है और भी लोग इस मोटिवेशन को फॉलो करेंगे।

  • Arun 3D Creators

    अगस्त 19, 2024 AT 09:55

    Arun 3D Creators

    असली मदद तभी meaningful होती है जब वह सतह पर नहीं, बल्कि गहराई में जाके पहुंचती है, यही तो मैं कहता हूँ।

  • RAVINDRA HARBALA

    अगस्त 21, 2024 AT 15:15

    RAVINDRA HARBALA

    फैक्ट देखें तो सरकारी फंड की प्रोसेसिंग टाइम बहुत बड़ी समस्या है, लेकिन मोहनलाल ने इसे सॉल्व कर दिया, अब इस तरह की पहल को रिपीट किया जाना चाहिए।

  • Vipul Kumar

    अगस्त 23, 2024 AT 20:35

    Vipul Kumar

    बहुत बढ़िया कदम है, सभी को मिलकर ऐसे कामों में हाथ बटाना चाहिए, इससे समाज में एकता और सहयोग की भावना बढ़ेगी।

  • Priyanka Ambardar

    अगस्त 26, 2024 AT 01:55

    Priyanka Ambardar

    वायनाड की जनता को ये दिखाना ज़रूरी है कि हमारे वीर सैनिक हमेशा के लिए अपने साथ हैं, मोहनलाल ने इस बात को साबित किया है।

  • sujaya selalu jaya

    अगस्त 28, 2024 AT 07:15

    sujaya selalu jaya

    सेवा में आगे बढ़ते रहें।

  • Ranveer Tyagi

    अगस्त 30, 2024 AT 12:35

    Ranveer Tyagi

    देखिए, जब एक सच्चा नागरिक और सैनिक दोनों ही एक साथ खड़े होते हैं तो कमाल हो जाता है! मोहनलाल ने सिर्फ 3 करोड़ नहीं, बल्कि भरोसे का बंधन भी बांध दिया है, जो इस बाढ़ जैसी आपदा में बहुत मायने रखता है। यह राशि तुरंत ही स्थानीय NGOs, फॉल्ट लाइन सुधार, राहत सामग्री की खरीद, तथा पुनर्निर्माण में लगनी चाहिए, ताकि लोग जल्दी से सामान्य जीवन में लौट सकें। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बेहद ज़रूरी है, क्योंकि आखिरकार दानराशी का ट्रैक रखना जनता का अधिकार है। सरकार को भी इस सैंटरल फंड को मॉनिटर करने में मदद करनी चाहिए, ताकि कोई चक्रव्यूह न बने। यदि अतिरिक्त जरूरत पड़ी तो मोहनलाल ने कहा है कि और फंड भी उपलब्ध कराएंगे, तो यह एक लंबी अवधि की योजना बनाकर चलें। इस योजना में स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और जल-सेवा की भी व्यवस्था शामिल होनी चाहिए, क्योंकि केवल घर ही नहीं, पूरी बुनियादी संरचना को फिर से बनाना ज़रूरी है। एक बार फिर से, वैतनिक सहयोग और जनजागृति का यह मिश्रण हमारे सामाजिक ताने-बाने को और मजबूत करेगा। मैं प्रॉस्पेक्टिव फाइंडिंग्स को भी देखना चाहूँगा, जिससे यह स्पष्ट हो कि किन-किन क्षेत्रों में सबसे अधिक मदद पहुंच रही है, और किनकी अभी ज़रूरत है। यह सब डेटा एनालिटिक्स की मदद से आसान हो सकता है। सभी संबंधित एजेंसियों को इस डेटा को साझा करना चाहिए, ताकि पुनर्निर्माण का कार्य हॉलिस्टिक हो। अंत में, मैं यही कहूँगा कि इस तरह के कदमों को दिमाग में रखकर, हमें हर आपदा के बाद एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस बनाकर रखना चाहिए, ताकि भविष्य में तेज़ी से कार्रवाई हो सके। यही हमारे सैनिकों और नागरिकों का सच्चा मिलाप है! 🙏

  • Tejas Srivastava

    सितंबर 1, 2024 AT 17:55

    Tejas Srivastava

    भाई, इस बड़े काम को सही टाइमिंग में करना चाहिए, वरना मदद का असर घटिया रह जाएगा।

  • JAYESH DHUMAK

    सितंबर 3, 2024 AT 23:15

    JAYESH DHUMAK

    प्रस्तावित निधि वितरण के प्रभावी तंत्र पर विचार करना अत्यावश्यक है। प्रथम चरण में, लाभार्थियों की पहचान व जनसंख्या डेटा को सटीक रूप से एकत्रित किया जाना चाहिए। द्वितीय चरण में, ट्रांसफ़र मॉनिटरिंग के लिए एक स्वतंत्र ऑडिट का गठन आवश्यक है, जिससे पारदर्शिता स्थापित हो सके। तृतीय चरण में, पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समय‑समय पर समीक्षा की जानी चाहिए, जिससे निधि का उचित उपयोग सुनिश्चित हो सके। अंत में, सतत मूल्यांकन और फीडबैक मैकेनिज़्म को लागू करके दीर्घकालिक प्रभाव को मापने की आवश्यकता होगी। इस प्रकार, एक संरचित, चरणबद्ध और निरीक्षण‑मुख्य दृष्टिकोण अपनाकर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि 3 करोड़ रुपये का प्रत्येक रूपए वायनाड के पुनर्वास में सर्वाधिक लाभप्रद हो।

  • Santosh Sharma

    सितंबर 6, 2024 AT 04:35

    Santosh Sharma

    समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए, तभी सतत विकास संभव होगा।

  • yatharth chandrakar

    सितंबर 8, 2024 AT 09:55

    yatharth chandrakar

    मैं इस पहल को देखते हुए कहूँगा कि स्थानीय स्वयंसेवकों को भी प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि वे पुनर्निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

  • Vrushali Prabhu

    सितंबर 10, 2024 AT 15:15

    Vrushali Prabhu

    एहता... मोहनलाल ने काफ़ी बड़ा काम किया है... कइयों को इतेफाक़ से समझ आया होगा... लेकिन आगे क्या रचना है? जब तक हम मिलजुल कर नहीं करेंगे, तब तक बिन पला-भाला रहेगा.....

  • parlan caem

    सितंबर 12, 2024 AT 20:35

    parlan caem

    बिलकुल, एशियस टाइप के प्रोजेक्ट में कूटनीति और फंडिंग दोनों का खासा मिक्स होना चाहिए, नहीं तो नतीजा अधूरा रहेगा।

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