चेन्नई के पास मदुरै-दरभंगा एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर
तमिलनाडु के गुमिडीपोंडी में कवराइपेट्टई रेलवे स्टेशन के नजदीक 11 अक्टूबर, 2024 को एक गंभीर ट्रेन दुर्घटना हुई। मदुरै-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 12578, जो कि अपनी नियमित सफर पर थी, एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई। यह टक्कर लगभग शाम 8:30 बजे के आस-पास हुई। शुरुआती जांच में पाया गया कि संकेत प्रणाली में विफलता के कारण यह हादसा हुआ। जो कि एक्सप्रेस ट्रेन मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश कर गई।
दुर्घटना की गंभीरता और प्रभाव
टक्कर के समय एक्सप्रेस ट्रेन की गति 75 कि.मी. प्रति घंटा थी। ट्रेन को मुख्य लाइन से गुजरने के लिए हरी झंडी मिली थी, लेकिन लूप लाइन में प्रवेश करते समय स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई। इस टक्कर की गंभीरता इतनी ज्यादा थी कि एक पार्सल वैन में आग लग गई और 13 डिब्बे पटरी से उतर गए। यह दुर्घटना यात्रियों के लिए बेहद डरावनी थी। कुल मिलाकर 19 लोग घायल हुए, जिन्हें पास के अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। ट्रेन का चालक दल सुरक्षित था और समय रहते आग पर काबू पाया गया।
राहत और बचाव कार्य
दुर्घटना के तुरंत बाद रेलवे अधिकारियों, डॉक्टरों, एंबुलेंस और बचाव दल को घटनास्थल पर रवाना कर दिया गया। इस दुर्घटना के कारण ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं और यात्री परिवहन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई। दक्षिणी रेलवे ने जानकारी हासिल करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 044-25354151/044-24354995 जारी किए।
बालासोर हादसे के साथ तुलना
यह दुर्घटना पिछले साल 2 जून को बालासोर, ओडिशा में हुई टक्कर के समान लग रही है। उस हादसे में लगभग 290 लोग मारे गए थे और 900 से अधिक घायल हुए थे। ऐसे हादसों से हमें यह सीख मिलती है कि रेलवे प्रणाली में सुधार की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय
रेलवे प्रणाली में सुधार की अत्यधिक आवश्यकता है। सबसे पहले हमें संकेत प्रणाली को उन्नत करने की जरूरत है ताकि ऐसी विफलता से बचा जा सके। इसके अलावा, दुर्घटनाओं के बाद राहत और बचाव कार्य करने की प्रोटोकॉल में बदलाव करना चाहिए ताकि समय पर सहायता पहुंचाई जा सके। तकनीकी निरीक्षण और नियमित परीक्षण ऐसे हादसों को रोकने में सहायक साबित हो सकते हैं।
समग्रता में, यह दुर्घटना संकेत प्रणाली की विफलता का एक परिणाम थी, लेकिन इससे सीख लेकर भविष्य के लिए नयी दिशा तय की जा सकती है। रेलवे के क्षेत्र में पर्याप्त और स्थायी उपायों की आवश्यकता है जिससे यात्री सुरक्षित महसूस कर सकें और उनकी यात्रा सुखद हो सके।