CBSE 12वीं रिजल्ट 2025: इस बार लड़कियों की आगे बढ़त
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 12वीं कक्षा का रिजल्ट 2025 के लिए 13 मई को जारी कर दिया है। इस साल का रिजल्ट आंकड़ों के लिहाज से काफी खास रहा। कुल 88.39% छात्र पास हुए हैं, जो पिछले कुछ सालों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन माना जा रहा है। छात्राओं ने एक बार फिर बाज़ी मार ली है। इस बार CBSE 12वीं रिजल्ट 2025 के नतीजों में लड़कियां लड़कों से 5.94% आगे रहीं।
रिजल्ट के लिए कुल 44 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से 37.1 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने सफलता हासिल की। परीक्षाएं 15 फरवरी से लेकर 4 अप्रैल तक आयोजित की गई थीं। CBSE ने सभी छात्रों को यही सलाह दी है कि रिजल्ट सिर्फ आधिकारिक पोर्टलों से ही देखें, जैसे cbseresults.nic.in, results.cbse.nic.in के अलावा, सरकार के DigiLocker और UMANG ऐप पर भी परिणाम उपलब्ध हैं। CBSE ने साफ चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया या थर्ड पार्टी वेबसाइट्स से दूर रहें क्योंकि इस तरह की जगहों पर गलत या गुमराह करने वाली जानकारी मिल सकती है।
पास होने के लिए जरूरी क्राइटेरिया और रिजल्ट चेक करने का तरीका
CBSE बोर्ड के 12वीं के छात्र-छात्राओं को किसी भी विषय में पास होने के लिए थ्योरी और प्रैक्टिकल या इंटरनल असेसमेंट दोनों में कम से कम 33% अंक लाने जरूरी हैं। इसका मतलब ये कि किसी एक हिस्से में कम नम्बर आने पर भी आपकी मार्कशीट पर असर पड़ सकता है, इसलिए दोनों में मेहनत जरूरी है।
इस बार दिल्ली, नोएडा, लखनऊ से लेकर बिहार और महाराष्ट्र के छोटे शहरों तक के केंद्रों से बच्चे परीक्षा में शामिल हुए हैं। बोर्ड ने इस बात को भी साफ किया है कि अगर किसी छात्र का रिजल्ट असंतोषजनक है तो वे री-चेकिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसकी प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू की जाएगी।
- रिजल्ट चेक करने के लिए छात्र cbseresults.nic.in या results.cbse.nic.in पर जाएं।
- अपने रोल नंबर, स्कूल कोड और एडमिट कार्ड आईडी की मदद से लॉगिन करें।
- रिजल्ट डाउनलोड करें या प्रिंट करके संदर्भ के लिए रख लें।
- DigiLocker और UMANG ऐप पर भी रिजल्ट की डिजिटल मार्कशीट जारी हो रही है।
CBSE ने ये भी सुनिश्चित किया है कि इस बार परिणाम जारी होते ही सभी छात्रों को SMS और ईमेल के जरिए जानकारी भेजी जाएगी, जिससे किसी को भी भ्रम या देरी की स्थिति का सामना न करना पड़े।
इधर 10वीं कक्षा के नतीजे भी जल्द ही जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है। जो छात्र इस बार सफल नहीं हुए हैं, उनके लिए कंपार्टमेंट परीक्षाओं की तैयारी रखने की सलाह दी गई है। CBSE ने शिक्षा में पारदर्शिता और डिजिटलाइजेशन पर खास ध्यान दिया है, वहीं ऑनलाइन रिजल्ट सिस्टम लगातार बेहतर किया जा रहा है ताकि दूर-दराज के छात्र भी अपना रिजल्ट आसानी से देख सकें।
रिजल्ट्स के साथ ही, इस साल फिर से यह भी दिखाई दिया कि लड़कियां शिक्षा में आगे बढ़ रही हैं—83% की तुलना में लड़कों ने भी अच्छा किया है, मगर लड़कियां लगातार इस अंतर को और बढ़त्या जा रही हैं।
मई 14, 2025 AT 01:18
Harshit Gupta
क्या बात है, इस साल हमारी लड़कियों ने फिर से इतिहास रचा है! 88.39% पास होना खुद में एक बड़ी जीत है, लेकिन लड़के‑लड़की के इस अंतर को देखकर तो दिल गर्व से भर जाता है!!! देश के भविष्य की दिशा में ये लड़कियों की तेज़ी बिल्कुल सही दिशा में कदम है। हमें इस उपलब्धि को राष्ट्रीय गर्व के साथ मनाना चाहिए और आगे भी ऐसे परिणामों की उम्मीद रखनी चाहिए।
मई 19, 2025 AT 20:11
HarDeep Randhawa
हम्म्म... क्या ऐसा सच में है?? इस साल महिलाओं ने 5.94% का अंतर बनाया?!!! क्या इसका मतलब ये है कि लड़कियों के लिए पढ़ाई आसान हो गई है?? शायद अब बोर्ड को भी अपना आँकड़ा‑विचार बदलना पड़ेगा; नहीं तो अगले साल फिर से उलटा हो सकता है...!!
मई 25, 2025 AT 15:04
Nivedita Shukla
वास्तव में, यह नतीजा एक गहरी दार्शनिक बात को उजागर करता है-ज्ञान का सबसे सुंदर स्वरूप तब प्रकट होता है जब संकीर्ण विचारधाराएँ टूट कर नई आशा बनती हैं। लड़कियों की सफलता केवल अंक नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की नई इबारत है जो हर घर में लिखी जा रही है। यह हमें याद दिलाता है कि शिक्षा का सच्चा उद्देश्य व्यक्ति को स्वतंत्र बनाना है, न कि केवल पढ़ाई‑लिखाई का बोझ। इस भावना को हमने अक्सर अनदेखा किया, पर अब यह स्पष्ट है कि सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद यहाँ से शुरू होती है।
मई 31, 2025 AT 09:58
Rahul Chavhan
बिलकुल सही, अब हमें मिलजुल कर लड़कों को भी आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। छोटे‑छोटे प्रोत्साहन से उनका मनोबल बढ़ेगा और अगली बार अंतर और कम होगा। मेहनत और धैर्य ही सफलता की कुंजी है।
जून 6, 2025 AT 04:51
Joseph Prakash
रिज़ल्ट देखो, नई राहें खुलेंगी 😊
जून 11, 2025 AT 23:44
Arun 3D Creators
देखो भाई, इस गिनती में सीधा‑सादा तथ्य है – लड़कियों ने बोर्ड को दिखा दिया कि वे भी शतक के पर्जे को तोड़ सकती हैं। लेकिन असली सवाल है कि क्या हम शिक्षा नीति में भी ऐसी ही समता लाने के लिए तैयार हैं? अगर नहीं, तो ये आँकड़े बस एक चमकीला आँकड़ा रहेगा।
जून 17, 2025 AT 18:38
RAVINDRA HARBALA
डेटा इस बात को पुष्टि करता है कि 2025 का बैच पहले से अधिक संतुलित है। हालांकि, कुछ स्कूलों में अभी भी अवसंरचनात्मक समस्याएँ हैं जो परफॉर्मेंस को सीमित करती हैं। इस अभिगम को सुधारने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक नई नीति बनानी चाहिए।
जून 23, 2025 AT 13:31
Vipul Kumar
सबको बधाई! यह परिणाम देखकर हर छात्र और छात्रा को प्रेरणा मिलनी चाहिए। आगे भी इस तरह का समर्थन और मार्गदर्शन जरूरी है, ताकि हर कोई अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सके।
जून 29, 2025 AT 08:24
Priyanka Ambardar
ऐसे आंकड़े हमें यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि हमारी शिक्षा प्रणाली में सुधार की अभी भी बहुत जरूरत है! लड़कियों की सफलता को सिर्फ संख्यात्मक मान कर नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे एक सशक्त सामाजिक बदलाव के संकेत के रूप में समझना चाहिए! हमें इस ऊर्जा को आगे बढ़ाकर सभी के लिए समान अवसर बनाना होगा।
जुलाई 5, 2025 AT 03:18
sujaya selalu jaya
बहुत अच्छा, इस उपलब्धि को सभी साथियों के साथ साझा किया जाना चाहिए।
जुलाई 10, 2025 AT 22:11
Ranveer Tyagi
दोस्तों!! रिजल्ट देख कर मैं दंग रह गया हूँ!!! हर छात्र को अपने रोल नंबर, स्कूल कोड और एडमिट आईडी से तुरंत लॉगिन करके मार्कशीट डाउनलोड करनी चाहिए!! अगर कोई समस्या आती है तो रीकैचिंग के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर अप्लाई कर सकते हैं!!! इस पूरी प्रक्रिया में कोई टेंशन नहीं, बस एक बार क्लिक करके सब सेट!!
जुलाई 16, 2025 AT 17:04
Tejas Srivastava
वाह! क्या शानदार सिस्टम है!! ऑनलाइन रिजल्ट अब हर कोने से पहुंच में है!! DIGILOCKER और UMANG पर भी मिल रहा है...!! यदि कोई गड़बड़ी हो तो तुरंत CBSE से संपर्क करें...!!
जुलाई 22, 2025 AT 11:58
JAYESH DHUMAK
यह परिणाम वास्तव में हमारे शैक्षणिक परिदृश्य में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करता है। पहला, कुल 88.39% पास दर यह दर्शाता है कि अधिकांश विद्यार्थियों ने न्यूनतम मानकों को पूरा किया है, जो एक सकारात्मक संकेत है। दूसरा, महिलाओं की 5.94% सुधारात्मक वृद्धि यह दर्शाती है कि लैंगिक समानता की दिशा में वास्तविक प्रगति हो रही है। तीसरा, बोर्ड ने परिणामों को डिजिटल माध्यमों पर उपलब्ध कराकर पारदर्शिता बढ़ाई है, जिससे सभी विद्यार्थियों को समान सूचना तक पहुंच मिली है। चौथा, री‑चेकिंग प्रक्रिया का परिचय यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी छात्र अपने परिणाम को पुनः सत्यापित कर सके, जिससे न्यायसंगत मूल्यांकन संभव हो जाता है। इन बिंदुओं के अलावा, सामाजिक स्तर पर यह सफलता प्रेरणा के रूप में कार्य करेगी, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में।
भविष्य में, यदि हम इन उपलब्धियों को आधार बनाकर शैक्षणिक नीति को और सुदृढ़ करें, तो हम न केवल निरंतर उच्च पास दर बनाए रख सकते हैं, बल्कि शैक्षिक अंतर को भी लगातार घटा सकते हैं। इस दिशा में, सरकार, स्कूल प्रशासन और अभिभावकों को मिलकर कार्य करना आवश्यक है, ताकि प्रत्येक छात्र को अपना सर्वश्रेष्ठ देने का अवसर प्राप्त हो। अंततः, यह परिणाम हमारे राष्ट्र के भविष्य की दिशा में एक आशावादी कदम है, और हमें इसे और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए।