मनन चक्रवर्ती

लेखक

भारत-ऑस्ट्रिया रिश्तों की नई इबारत लिखने की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑस्ट्रिया दौरे के दौरान कहा है कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच मित्रता और सहयोग आने वाले समय में और भी मजबूत होंगे। यह बयान उन्होंने ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ अपनी आधिकारिक बातचीत से पहले दिया। मोदी का यह दौरा ऐतिहासिक है, क्योंकि पिछले 40 वर्षों में यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया का दौरा कर रहे हैं।

इतिहास में दर्ज होगा यह दौरा

इसके पहले भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1983 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। प्रधानमंत्री मोदी 9 जुलाई को वियना पहुंचे, मॉस्को के दौरे के बाद। वियना एयरपोर्ट पर उनका स्वागत ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने किया। मोदी और नेहमर की 9 जुलाई को एक निजी मुलाकात भी हुई, जहां उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी की संभावनाओं पर चर्चा की। मोदी ने इस दौरान लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे साझा मूल्यों पर जोर दिया, जो दोनों देशों के संबंधों को और गहरा करेंगे।

मजबूत साझेदारी के लिए दिशा-निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने अपने आधिकारिक मुलाकात के दौरान कई महत्वपूर्ण मुददों पर चर्चा की। दोनों नेताओ ने यह स्वीकार किया कि उनके देशों के बीच की साझेदारी मजबूत करने के लिए एक स्पष्ट दिशा और रोडमैप आवश्यक है। दोनों देशों के व्यापारिक नेता भी इस दौरान शामिल हुए और विभिन्न क्षेत्रों में संभावित सहयोग के अवसरों पर विचार-विमर्श किया।

मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध बढ़ाने और व्यापार की संभावनाओं को खोजने के अनेक अवसर हैं। उन्होंने विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग पर जोर दिया। मोदी ने अपने भाषण में कहा, 'भारत और ऑस्ट्रिया के पास उन क्षेत्रों में बहुत संभावनाएं हैं जहां हम साथ मिलकर काम कर सकते हैं। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और वातावरण जैसे क्षेत्र हमारी प्राथमिकताओं में शामिल होने चाहिए।' उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच पर्यटन और संस्कृति के माध्यम से जुड़ाव भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

हाई-टेक और नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं भी व्यापक हैं, खासकर जब भारत एक डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। मोदी ने बताया कि कैसे भारत के डिजिटल इंडिया मिशन से ऑस्ट्रियाई कंपनियां लाभ उठा सकती हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारत में नई रोजगार सुविधाओं का विस्तार कर ऑस्ट्रिया की कंपनियों को नई निवेश संभावनाएं मिलने वाली हैं।

भविष्य की योजना

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा इस बात का प्रतीक है कि भारत अपनी वैश्विक भूमिका को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन से भी मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की।

उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे के माध्यम से दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और तकनीकी क्षेत्रों में भी गहरा सहयोग होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि 'हमारी साझेदारी में गहराई और व्यापकता लाना हमारी प्राथमिकता है' उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।

यह दौरा निश्चित रूप से भारत-ऑस्ट्रिया के संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ेगा और आने वाले दिनों में दोनों देशों के नागरिकों को इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

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