कुवैत में भयावह आग से मची तबाही
कुवैत के मंगाफ शहर में बुधवार को एक बहुमंजिला रिहायशी इमारत में लगी भयंकर आग ने पूरे देश में संवेदनाओं की लहर पैदा कर दी। इस डरावने हादसे में कम से कम 41 लोगों की जान चली गई और 15 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दिल दहला देने वाला हादसा सुबह 06:00 बजे (स्थानीय समय) हुआ, जब अधिकांश लोग गहरी नींद में थे।
आग का भयानक मंजर
आग की शुरुआत इमारत के निचले मंजिल से हुई और देखते ही देखते पूरी इमारत धुएं के गुबार में घिर गई। आग की लपटों से घिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम ने तेजी से काम किया। इमारत के ऊपरी मंजिल तक घना काला धुआं फैल चुका था, जिससे बचाव कार्य और भी मुश्किल हो गया।
विदेशी श्रमिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, आग में जान गंवाने वाले अधिकांश लोग विदेशी श्रमिक थे, जो इस इमारत में निवास कर रहे थे। इनमें से कुछ लोग भारतीय उपमहाद्वीप से थे, लेकिन उनकी पहचान फिलहाल साफ़ नहीं हो पाई है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस घटना पर गहरा दुख प्रकट किया और घायलों का हालचाल लेने के लिए एम्बेसी अधिकारियों को अस्पताल भेजा।

संपत्ति मालिकों की लापरवाही
कुवैत के उपप्रधानमंत्री और कार्यवाहक आंतरिक मंत्री शेख फहद यूसुफ अल-सबा ने इस दिल दहला देने वाले हादसे पर गहरा खेद व्यक्त किया। उनका कहना था कि संपत्ति मालिकों की लालच और नियमों की अनदेखी के कारण ऐसे हादसे होते हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह इमारत भी अधिक भीड़भाड़ वाली थी।
बचाव कार्य और प्रशासन की प्रतिक्रिया
आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर-जनरल ईद अल-ओइहैन ने पुष्टि की कि आग पर अब पूरी तरह से काबू पा लिया गया है। हालांकि, बचाव कार्य के दौरान कई लोगों की जान बचाई भी गई, लेकिन धुएं के कारण कई लोगों की मौत हो गई।
मजदूरों की दुर्दशा
कुवैत में विदेशी श्रमिकों की बड़ी संख्या है, खासकर निर्माण और घरेलू क्षेत्रों में। इन श्रमिकों की रहने की स्थिति को लेकर मानवाधिकार संगठन लगातार चिंताएं जताते रहे हैं।
यह हादसा एक बार फिर से इन श्रमिकों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। कुवैत की सरकार को इस दिशा में उचित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे हादसे भविष्य में दोबारा न हो सकें।

आग का कारण और भविष्य की दिशा
हादसे के कारणों की जांच जारी है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि संपत्ति मालिकों की लापरवाही और नियमों की अनदेखी के कारण ही इस तरह की घटनाएं होती हैं। सभी संबंधित एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं।
यह हादसा न केवल कुवैत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी है कि विदेशों में काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा और रहने की स्थिति पर उचित ध्यान दिया जाए।
जून 13, 2024 AT 19:17
Santosh Sharma
कुवैत में इस त्रासदी ने सुरक्षा मानकों की पुनः समीक्षा की आवश्यकता को उजागर किया। बहुमंजिला इमारतों में उचित निकास मार्गों की कमी अक्सर बड़े नुकसान का कारण बनती है। इन इमारतों में अग्निशामक उपकरणों का नियमित निरीक्षण अनिवार्य है। सरकार को कड़ी निगरानी और दंडात्मक उपायों के साथ इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।
जून 13, 2024 AT 20:07
yatharth chandrakar
ऐसे दुर्घटनाओं में श्रमिकों की रहने की स्थितियों का भी हिसाब होना चाहिए। कई मामलों में भीड़भाड़ वाले आवासों में सुरक्षा उपायों को नजरअंदाज किया जाता है। इमारत मालिकों को बुनियादी सुरक्षा निर्देशों का पालन करना चाहिए। साथ ही, श्रमिकों को आपातकालीन प्रोटोकॉल की जानकारी देना आवश्यक है। यह सभी पक्षों की जिम्मेदारी है।
जून 13, 2024 AT 20:57
Vrushali Prabhu
यार, क्या बकवास है ये! लोग तो बस काम के लिए यहाँ‑वहाँ फँस जाते हैं, पर सुरक्षा का तो एक ही लफ़्ज़ है--बेसिक। जितनी भीड़ है, उतनी ही झंझट। चलो, अब सरकार भी कुछ ठोस कदम उठाए।
जून 13, 2024 AT 21:47
parlan caem
ये सब बेवकूफ़ी की हद है। मालिकों की लालच ने कई जानें ले लीं। नियमों को तोड़‑फोड़ कर या तो असल में तो कभी नहीं दिखते। अब कड़ी सजा चाहिए।
जून 13, 2024 AT 22:37
Mayur Karanjkar
आग की घटनाओं का विश्लेषण प्रणालीगत जोखिम मूल्यांकन पर आधारित होना चाहिए। प्रथम चरण में स्रोत पहचान और संभावित प्रज्वलन बिंदु निर्धारित किए जाते हैं। द्वितीय स्तर पर अभिकर्मक सामग्री का वर्गीकरण आवश्यक है। तृतीय स्तरीय नियंत्रण में इमारत अभियांत्रिकी मानकों की पुनरावलोकन किया जाता है। चौथा चरण आपातकालीन निकासी प्रोटोकॉल का सिमुलेशन शामिल करता है। पाँचवां चरण फायर रिस्पॉन्स टाइम को न्यूनतम करने के उपायों को दर्शाता है। छठे चरण में स्थानीय फायर सर्विस की क्षमता का माप किया जाता है। सातवां चरण सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का आकलन करता है। आठवां चरण बहु‑एजेंट सहयोग मॉडल को स्थापित करने पर केंद्रित है। नौवां चरण डेटा‑ड्रिवन फीडबैक लूप को लागू करता है। दसवां चरण निरंतर सुधार (काइज़ेन) सिद्धांत को अपनाता है। ग्यारहवां चरण नीति नियामक के साथ सह-अनुक्रमण को सुदृढ़ करता है। बारहवां चरण अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ समानता स्थापित करता है। तेरहवां चरण व्यावसायिक बीमा कवरेज की समीक्षा करता है। चौदहवां चरण आपातकालीन चिकित्सा समर्थन को एकीकृत करता है। पंद्रहवां चरण दीर्घकालिक निगरानी और ऑडिट प्रक्रिया को स्थापित करता है। सोलहवां चरण अंत में सभी हितधारकों को जवाबदेह बनाता है।
जून 13, 2024 AT 23:27
Sara Khan M
सच में बहुत ग़मभरा 😢
जून 14, 2024 AT 00:17
shubham ingale
चलो मिलकर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था बनायें 🙌