फर्जी लॉटरी टिकट का बढ़ता कारोबार
झारखंड के जामताड़ा जिले और पश्चिम बंगाल की सीमा पर बीते कुछ महीनों से अवैध लॉटरी कारोबार का जाल फैलता जा रहा था। सुबह-सुबह गलियों में ‘डियर नागालैंड’, ‘डियर हुगली’, और ‘डियर हांक’ जैसे नामों के टिकट खुलेआम बिक रहे थे। स्थानीय लोगों को बड़े जैकपॉट और इनाम के लालच में ये टिकट आसानी से बेचे जा रहे थे। बच्चों और बुजुर्गों तक हर कोई इस झांसे में आ रहा था। सस्ते दाम पर बड़ी जीत का सपना दिखाकर रैकेट सक्रिय था।
जामताड़ा पहले से ही साइबर फ्रॉड के लिए बदनाम रहा है, लेकिन लॉटरी स्कैम की ये नई तरकीब ज्यादा लोगों को शिकार बना रही थी। हर रोज लाखों रुपये नकद हाथ बदल रहे थे। पुलिस तक ये शिकायतें आती रही थीं कि लोग टिकट खरीदकर लगातार हारते हैं और असली ड्रा कभी नहीं होता। कुछ मामलों में तो फर्जी टिकट थमा दिए गए और ड्रा के नाम पर गायब हो गए।

पुलिस का छापा और गिरफ्तारी
बीते हफ्ते पुलिस को पक्की जानकारी मिली कि गांवों में और बाहरी इलाकों में बड़े स्तर पर फर्जी लॉटरी टिकट बेचे जा रहे हैं। तुरंत विशेष टीम गठित की गई और बंगाल बॉर्डर से सटे कई गांवों में छापेमारी शुरू हुई। पुलिस ने कई घरों और दुकानों की तलाशी लेकर बड़ी मात्रा में ‘डियर नागालैंड’, ‘डियर हुगली’, और ‘डियर हांक’ नाम वाले हजारों फर्जी टिकट जब्त किए। इन रैकेट्स को चलाने वाले चार मुख्य आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में गिरफ्त में आए लोगों ने बताया कि ये टिकट बंगाल की सीमा से लाए जाते थे। असली लॉटरी एजेंटों के नाम पर नकली टिकट छापकर गांवों में बांट दिए जाते थे। पुलिस को ये भी पता चला है कि WhatsApp और मोबाइल कॉल के जरिये इलाके के युवाओं को इसमें जोड़ा जा रहा था। उनका काम था टिकट बेचना और रोजाना मालिकों को कैश देना।
- गांव-गांव घूमकर टिकट बेचना।
- ड्रा की रकम झूठ बोलकर खुद रख लेना।
- फर्जी नंबर से लोगों को कॉल कर और भी नए लोगों को इस जाल में फँसाना।
पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि रैकेट का नेटवर्क और कितना बड़ा है, और इस गिरोह के पीछे कौन लोग हैं। इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है और पुलिस लगातार साइबर क्राइम व अवैध लॉटरी के खिलाफ अभियान तेज कर रही है। लोग भी अब जागरूक हो रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जल्दी ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं और जनता को ऐसे फर्जी स्कीम से बचकर रहने के लिए सचेत किया गया है।