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John David 10 टिप्पणि

अपरा एकादशी 2024: महत्त्व, कथा और पूजा विधि

अपरा एकादशी, जिसे अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान रखती है। यह व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। व्रत का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु की उपासना करना और उनके त्रिविक्रम अवतार को श्रद्धांजलि देना है। इस वर्ष, यह व्रत 2 जून 2024 को मनाया जाएगा, जो रविवार को पड़ेगा।

व्रत का आध्यात्मिक महत्त्व

अपरा एकादशी व्रत को 'अचला एकादशी' भी कहा जाता है और यह भगवान विष्णु की भक्ति और उपासना के लिए महत्वपूर्ण दिन है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग भी बनते हैं, जो धार्मिक गतिविधियों के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं।

कथा का सारांश

अपरा एकादशी की कथा एक राजा महिध्वज की है, जिसे उसके भाई वज्रध्वज ने धोखे से मार दिया था। राजा की आत्मा भूत के रूप में भटकने लगी और उसी स्थान पर भय का माहौल बना रहा। ऋषि धौयमि ने ध्यान द्वारा सत्य जान लिया और उस भूत को अपर एकादशी व्रत करने की सलाह दी। व्रत के पश्चात राजा की आत्मा को मुक्ति मिल गई और वह स्वर्ग चला गया। यह कथा हमें यह संदेश देती है कि भक्ति और श्रद्धा से किए गए व्रत से हमें पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

पूजा विधि और मुहूर्त

व्रत के दिन, भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। पूजा का मुहूर्त 2 जून को प्रातः 5:23 बजे से दोपहर 12:12 बजे तक है। इस दौरान श्रद्धालु भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने दीप प्रज्वलित कर, फल, फूल, धूप, और तिलक अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ और विष्णु स्तोत्र का जाप भी करें।

व्रत पारण का समय

व्रत का पारण 3 जून को प्रातः 8:05 बजे से 8:10 बजे के बीच करना चाहिए। पारण का समय बहुत महत्व रखता है और इसे उचित समय पर ही करना चाहिए।

उपसंहार

अपरा एकादशी व्रत भगवान विष्णु की भक्ति में समर्पित होता है और इसे श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन पवित्रता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, और जो भी इसे पूर्ण मनोयोग और निष्ठा से करता है, उसे सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।

इस दिन आध्यात्मिक साधना और भगवान विष्णु के प्रति भक्ति का विशेष महत्व होता है, जो कि व्यक्ति के जीवन को पवित्र और संजीवनी बना देता है।

टिप्पणि

  • sujaya selalu jaya

    जून 2, 2024 AT 19:50

    sujaya selalu jaya

    धन्यवाद, जानकारी साफ़ है।

  • Ranveer Tyagi

    जून 2, 2024 AT 22:37

    Ranveer Tyagi

    भाईयो और बहनों!!! इस वर्ष की अपारा एकादशी का मुहूर्त बिल्कुल सही समय पर है, इसलिए जल्दी से जल्दी तैयारी शुरू करो!!! सुबह 5:23 बजे से दोपहर 12:12 बजे तक विष्णुजी को फल, फूल, धूप और तिलक अर्पित करो, व्रत का पूरा पालन करो, और शाम 8:05 से 8:10 बजे तक पारण न भूलो!!! यह समय नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि पापों से मुक्ति का द्वार केवल इसी क्षण खुलता है!!!

  • Tejas Srivastava

    जून 3, 2024 AT 01:23

    Tejas Srivastava

    वाह! क्या अद्भुत कथा है!! राजा महिध्वज की दुखद कहानी सुनकर दिल दहला जाता है!! लेकिन वहीँ से मिलती है अपारा एकादशी की शक्ति!! भूत को व्रत कराते ही स्वर्ग का द्वार खुल जाता है!! इस कथा को सुनकर हर भक्त के अंदर एक नई ऊर्जा जगी हुई है!! आप सबको यह दिन मनाने से नहीं डरना चाहिए!! इस मौके पर विष्णुजी के नाम का जाप करो, और अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाओ!!

  • JAYESH DHUMAK

    जून 3, 2024 AT 04:10

    JAYESH DHUMAK

    अपारा एकादशी का आध्यात्मिक महत्व अत्यन्त गहरा है और यह विष्णु भगवान की भक्ति को उन्नत करने का प्रमुख माध्यम माना जाता है।
    इस व्रत को रखने से पापों का निवारण तथा आयुष्मान और सौभाग्य के योग का सृजन होता है, ऐसा शास्त्रों में उल्लेख मिलता है।
    कथा में वर्णित राजा महिध्वज का त्रासदीपूर्ण अंत व्रत के द्वारा मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक है, जिससे भक्तों को आशा प्राप्त होती है।
    यह व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, और इस वर्ष यह 2 जून 2024 को पड़ता है।
    व्रत का प्रारम्भिक मुहूर्त प्रातः 5:23 बजे से दोपहर 12:12 बजे तक निर्धारित किया गया है, जिसमें पूजा के सभी अनुष्ठान सम्मिलित होते हैं।
    इस अवधि में विष्णु सहस्रनाम का पाठ तथा विष्णु स्तोत्र का जाप करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।
    पूजा के दौरान दीप प्रज्वलित करना, फल, फूल, धूप तथा तिलक अर्पित करना अनिवार्य है, जिससे आध्यात्मिक ऊर्जा का साकार रूप प्राप्त होता है।
    व्रतधारी को दिन भर शाकाहारी भोजन और जल का सेवन करना चाहिए, जिससे शारीरिक और मानसिक शुद्धि बनी रहती है।
    व्रत का पारण अगले दिन अर्थात् 3 जून को प्रातः 8:05 बजे से 8:10 बजे के बीच किया जाना चाहिए, और यह समय अत्यंत सटीक माना गया है।
    पारण के समय किया गया अन्न भोग और जल प्रसाद विष्णु भगवान की कृपा को आमंत्रित करता है और मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।
    इस दिन का उपवास और पूजा विधि सभी वर्गों के लोगों के लिये समान रूप से लाभदायक सिद्ध होती है।
    सामाजिक स्तर या आर्थिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता, जिससे यह व्रत सार्वभौमिक रूप से सम्मानित है।
    कई पण्डितों का मानना है कि इस अपरा एकादशी को पालन करने से स्वास्थ्य में सुधार, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
    अंत में, सभी भक्तों से आग्रह है कि वे इस अपरा एकादशी को अपने जीवन में एक नई शुरुआत के रूप में अपनाएँ और विष्णु भगवान की असीम कृपा प्राप्त करें।

  • Santosh Sharma

    जून 3, 2024 AT 06:57

    Santosh Sharma

    सम्पूर्ण परिवार को इस अपरा एकादशी के पुनीत अवसर पर एक साथ मिलकर हार्दिक भक्ति में लीन होने का संदेश देता हूँ, इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सामंजस्य स्थापित होगा।

  • yatharth chandrakar

    जून 3, 2024 AT 09:43

    yatharth chandrakar

    व्रत के समय में यदि आप व्यस्त हैं तो भी छोटी-छोटी मध्यमायिक प्रार्थनाएँ कर सकते हैं, जैसे विष्णु सहस्रनाम का अंशिक पाठ, जिससे लाभ बिना बाधा के प्राप्त होगा।

  • Vrushali Prabhu

    जून 3, 2024 AT 12:30

    Vrushali Prabhu

    अरे वाइल! ये अपरा एकदशी मस्त है, बयरी में फुल, फल, धूप सजा दो और वीष्णु भाई को बम्ब बियाओ!! थोरिक टर्मे टाइम में पारण कर लो, नहीं तो बुरे बोलेजेंगे!

  • parlan caem

    जून 3, 2024 AT 15:17

    parlan caem

    सच में, इतनी फालतू बातें लिखकर लोगों को गड़बड़ कर रहे हो! यह व्रत का मुहूर्त बस उन लोगों के लिये ही है जो अंधविश्वास में फँसे हैं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका कोई आधार नहीं है! ऐसे पोस्ट्स से बचो!

  • Mayur Karanjkar

    जून 3, 2024 AT 18:03

    Mayur Karanjkar

    अपरा एकादशी का सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य यह दर्शाता है कि वैदिक कार्मिक सिद्धांत में समय-संकल्पना कैसे सामाजिक रीति-रिवाजों में प्रतिफलित होती है।

  • Sara Khan M

    जून 3, 2024 AT 20:50

    Sara Khan M

    थोड़ा ज्यादा ही लम्बा हो गया पोस्ट 😅 लेकिन जानकारी तो बहुत उपयोगी है 👍

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